आप सभी ने वेपिंग के बारे में तो सुना ही होता। यह बैटरी से चलने वाले डिवाइस से निकलने वाले धुएं को सांस में लेने का प्रोसेस है। इसको वेप पेन या ई सिगरेट के नाम से भी जाना जाता है। यह सिगरेट पीने की तरह ही होता है। हालांकि इसमें तंबाकू नहीं जलाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में युवा आबादी के बीच वेपिंग का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है। युवा अन्य तंबाकू प्रोडक्ट की तुलना में ई-सिगरेट या वेप्स का अधिक उपयोग करते हैं। वहीं कई लोग इसे स्मोकिंग से ज्यादा सेफ मानते हैं। लेकिन वेपिंग से भी व्यक्ति को ऑर्गन डैमेज, सांस लेने में समस्या और लत समेत कई गंभीर नुकसान होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वेपिंग से होने वाले नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं।
वेपिंग के नुकसान
वेपिंक को सिगरेट पीने की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है। लेकिन वेपिंग से कई तरह की सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
हार्ट को नुकसान
रेगुलर सिगरेट और ई-सिगरेट में निकोटीन प्राइमरी एजेंट पाया जाता है। जोकि अत्यधिक नशे की लत होती है। निकोटीन एक विषैला पदार्थ है। यह आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही एड्रेनालाईन को बढ़ाता है। जिससे हृदय की गति बढ़ जाती है और हार्ट अटैक पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
वेपिंग की लत
एक रिपोर्ट के मुताबिक ई-सिगरेट और रेगुलर सिगरेट दोनों में निकोटीन पाया जाता है। यह हेरोइन और कोकीन की तरह ही लत लगाने वाला हो सकता है।
ऑर्गन डैमेज
ई-सिगरेट या वेपिंग के इस्तेमाल से ऑर्गन डैमेज का खतरा भी हो सकता है। क्योंकि ई-लिक्विड में मौजूद निकोटीन और अन्य पदार्थ आपके फेफड़ों के अलावा दिल और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसमें मौजूद निकोटीन ब्रेन के विकास को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यह ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है। साथ ही यह आर्टरीज को संकीर्ण कर सकता है।
कैंसर
बता दें कि ई-लिक्विड में मौजूद तत्व कैंसर की वजह बनते हैं।
लंग डिजीज
वहीं कई अध्ययनों से पता चलता है कि ई-सिरगेट के इस्तेमाल से फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके इस्तेमाल से अस्थमा का खतरा भी बढ़ सकता है।