CLOSE

शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करने के लिए करें 3 योगासनों का अभ्यास

By Healthy Nuskhe | Sep 16, 2021

आयुर्वेद एक प्राचीन और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है। कई हज़ार वर्षों से आयुर्वेद का इस्तेमाल स्वास्थ्य के तमाम गंभीर रोगों के उपचार के लिए होता चला आ रहा है। आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के शरीर में तीन मुख्य तत्व होते हैं - वात, पित्त और कफ। जब शरीर में इन तत्वों का संतुलन बिगड़ जाता है तो व्यक्ति को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको शरीर के तीनों दोषों - वात, पित्त और कफ को संतुलित करने के योगासन बताने जा रहे हैं - 

पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें।
अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। 
अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। 
ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।

सेतुबंधासन (ब्रिज पोज़)
इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। 
हाथ को शरीर से सटा कर और हथेलियों को ज़मीन से लगा कर रखें। 
फिर धीरे-धीरे नितंबों, कमर और पीठ के सबसे ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। इस अवस्‍था में 3 से 5 मिनट तक रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से बाहर आ जाएं।

पर्वतासन
इस आसान को करने के लिए जमीन पर पालथी लगाकर बैठ जाएं। 
अब अपने दोनों हाथों को नमस्ते के आकार में जोड़ते हुए ऊपर की ओर ले जाएं।  
इसके बाद गहरी सांस भरते हुए अपने कंधे, बाजू और पीठ की मांसपेशियों में एक साथ खिंचाव महसूस करें। 
इस स्थिति में एक से दो मिनट तक रहें। अब सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं। इस आसान को 10 से 15 बार दोहराएं।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.