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करते हैं योगा तो जान लें नियम, कहीं फायदे की जगह नुकसान न उठाना पड़ जाये

By Healthy Nuskhe | Mar 26, 2020

स्वस्थ जीवन की कामना तो सभी लोग करते हैं, क्योंकि तन और मन की तंदुरुस्ती जीवन को सुदृढ़ बनाने का जरिया है। परंतु स्वस्थ तन और मन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को योगाभ्यास करना उतना ही आवश्यक है, जितना नित् दैनिक क्रियाओं को करना। यदि आपने भोजन से लेकर पाचन तक की विधि अपना रखी है, तो योग करना भी बेहद जरूरी है। मानव जीवन में योग की महत्ता को समझते हुए ही 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज की जनरेशन खुद को फिट एंड फाइन रखने में ज्यादा विश्वास रखती है। ऐसे शरीर की चाहत रखने वाले योग को अपना साधन बनाते हैं। योग करने के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन अनुशासन में रहकर करना अति आवश्यक है। जानते हैं योग के महत्वपूर्ण नियम और योगाभ्यास करते हुए बरतने वाली सावधानियां...

योग की शुरुआत ऐसे करें

योग करने से पहले शरीर को योगाभ्यास के लिए तैयार किया जाता है जिस प्रकार आमतौर पर जिम जाने वाले लोग एक्सरसाइज करने से पहले खुद को वार्मअप करते हैं। योग करने से पहले भी शरीर को लचकदार बनाना चाहिए। योग की शुरुआत करने पर शरीर को योगासन के अनुरूप ढालना मुश्किल प्रतीत होता है लेकिन यह केवल शुरुआत के दिनों में ही होगा। योग को अपनाने की कोई उम्र नहीं होती आप इसे किसी भी उम्र में कर सकते हैं। साफ और स्वच्छ हवा में योग करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इससे आपके श्वसन तंत्र को योग के दौरान साफ हवा मिलती है, जो लम्बा जीवन जीने में सहायक होती है।

 योग के लिए योगाचार्यों की मदद लेना है ज़रुरी?

यदि आप योग की शुरुआत कर रहे हैं तो किसी भी योगासन को करने का अनुभव न के बराबर होगा। इसीलिए किसी योगाचार्य की मदद लेना उचित होगा। योग जीवन को नए आयाम तो प्रदान करता ही है लेकिन आज का युग हमें किसी योगाचार्य की शरण में जाने से पहले हमें और भी कई विकल्प देता है जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों पर योग की विधियां और सावधानियां बताई गई हैं। जिनका उपयोग कर आप योग के सभी नियमों को जान सकते हैं।

योगाभ्यास से पहले रखें पहनावे का ध्यान

योग की विधि में पहनावे का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि योग करते वक्त आरामदायक कपड़ों को नहीं पहना तो योग क्रिया में आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। योग के दौरान बेल्ट, घड़ी व महिलाओं को गहने और चूड़ियां को पहनने से बचना चाहिए। जिस तरह आप विद्यालय की कक्षा में बैठकर पढ़ाई का अभ्यास करते हैं योग भी एक कक्षा है और योगकक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की असावधानी आपको घातक परिणाम दे सकती है। क्योंकि योग करने के दौरान शरीर के जिस अंग का आप उपयोग कर रहे हैं उसे नुकसान भी पहुंच सकता है।

योग क्रिया करने में ना करें बहाने

आमतौर पर कई लोग जीवन में आलस्य का मोह पालते हैं। ऐसे लोग अगर योगाभ्यास के दौरान आलस्य अपनाते हैं, तो उनके शरीर को कई तरह की हानियां पहुंचती हैं। इसीलिए जरूरी है कि अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप एक नियमत योगी बनें जिससे कि आपका तन और मन दोनों तंदुरुस्त हो सकें।


योग शरीर से निकाल देता है विषाक्त पदार्थ

मानव शरीर में कई तरह के विषाक्त पदार्थ भी मौजूद होते हैं। जिनको योग क्रिया के माध्यम से ही बाहर निकाला जा सकता है लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि आप योग के बनाए गए नियमों का कठोरता से पालन करें। दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीना योगाभ्यास के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। जितना अधिक आप पानी पिएंगे आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ उतना ही ज्यादा निकल जाएंगे।

योग करने का होता है उचित-अनुचित समय

सूरज के उगने से पूर्व और डूबने के बाद योगाभ्यास करना उचित बताया गया है। योग करने के लिए जो सलाह दी जाती है उसमें कहा जाता है कि भोजन करने के पूर्व ही अथवा भोजन के कम से कम दो-तीन घंटे बाद ही योग किया जाना चाहिए। दिन के समय योग करना अनुचित माना जाता है। इसीलिए यदि आप सूरज उगने से पहले किसी कारण बस योग नहीं कर पाते तो आप शाम को भोजन के एक घंटे पहले योगाभ्यास कर सकते हैं।

बीमारियों के लिए अलग-अलग योगाभ्यास

उच्च रक्तचाप:- चंद्रभेदी प्राणायाम, शीतली, योग निद्रा, पद्मासन, सिद्धासन, पवनमुक्तासन, शीतकारी, नारी-शोधन प्राणायाम इत्यादि योगासन किए जा सकते हैं।

निम्न रक्तचाप:- सर्वांगासन, हलासन, सूर्यभेदन प्राणायाम, कपालभाति, भस्त्रिका, सूर्य नमस्कार वीरासन आदि योग किए जा सकते हैं।

मधुमेह:- सर्वांगासन, सूर्य नमस्कार, शीर्षासन, मंडूकासन इत्यादि योग किए जा सकते हैं।

अस्थमा रोगी:- सांस संबंधी बीमारियों के लिए भुजंगासन,शलभासन सर्वांगासन, योगनिद्रा, शीर्षासन के पूरे समूह आदि योग किए जा सकते हैं।
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