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ये 5 योगासन करने से नहीं लेनी पड़ेगी डिप्रेशन और स्ट्रेस की दवाई

By Healthy Nuskhe | Feb 13, 2020

हम सब जीवन में आगे बढ़ना और जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं। आगे बढ़ने की होड़ में इंसान सुबह से लेकर रात तक भाग दौड़ और मेहनत करता है। लेकिन ऐसे में  हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति थोड़े लापरवाह हो जाते हैं। आजकल की भाग-दौड़ भरी जीवन शैली में योग की ज़रूरत  बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। आजकल बहुत से लोग अवसाद, डिप्रेशन, तनाव आदि जैसी मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। यदि आप स्वस्थ्य और सुखी रहना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में योग ज़रूर शामिल करें। योग के जरिए आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। योग करने से ना सिर्फ शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि हमारा दिमाग भी स्वस्थ्य और शांत रहता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे योगासन के बारे में जो आपके दिमाग शांत रखेगा और आपको साकारात्मक बनाने में मदद करेगा। इससे आपकी एकाग्रता भी बढ़ेगी और आप अच्छे ढंग से काम कर पाएंगे।

सालंब भुजंगासन  (स्फिंक्स मुद्रा)

ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ।अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं, और उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में ३० सेकंड तक रहे। अब बाद सांस  छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।

बालासन

ज़मीन पर घुटनों के बैठ जाएं। ध्यान रखें की घुटने आपस में सटे हुए और पैर नितम्बों के ऊपर टिके हुए हों। अब शरीर को आगे की ओर झुकाएं और धीरे-धीरे सिर ज़मीन से लगाएं। दोनों हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 30 सेकेंड तक रहे। आप अपनी क्षमता के अनुसार ज़्यादा समय तक भी इस अवस्था में रह सकते हैं।

उत्तानासन

ज़मीन पर सीधे खड़े हों जाएं और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें। साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें और नीचे झुकते समय साँस छोड़ें।इस स्तिथि में अपने घुटनों को सीधा रखें। लेकिन अगर आप यह नहीं कर पा रहे हों तो अपने घुटनों को थोडा सा मोड़ लीजिये। लेकिन ध्यान रहे कि आपके टखने बिलकुल सीधे होने चाहिए। अब अपने शरीर को थोडा सा स्ट्रेच करे और कोशिश करें की आपका सीना और पेट आपके पैर की जांघो से चिपका हुआ रहे। इस स्थिति में सामान्य रूप से सांस लेते रहें। अब अपने नितम्बों  को ऊपर की ओर उठाएं और अपने हाथो को ज़मीन से लगाने की कोशिश करें। इस अवस्था में 30 सेकंड्स से 1 मिनट तक रह सकते हैं। सांस अंदर लेते हुए पहले की अवस्था में वापिस आ जाएं।

सेतुबंधासन (ब्रिज पोज़)

ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। हाथ को शरीर से सटा कर और हथेलियों को ज़मीन से लगा कर रखें। फिर धीरे-धीरे नितंबों, कमर और पीठ के सबसे ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। इस अवस्‍था में 3 से 5 मिनट तक रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से बाहर आ जाएं।

शवासन

ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें और हाथों को बगल में सीधा रखें। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखों को बंद कर लें। सांस को सामान्य ही रखें और अपना पूरा ध्यान अब अपनी सांसों पर केंद्रित करें।

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