CLOSE

मोटापे से लेकर कब्ज की समस्या में रामबाण है सेतुबंधासन, नियमित अभ्यास से होंगे ये बड़े फायदे

By Healthy Nuskhe | Jun 03, 2021

हमारी व्यस्त जीवनशैली में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कर जाते हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी होती है। इसके लिए योग एक अच्छा विकल्प है। योग के कई आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।ऐसा ही एक आसान है सेतुबंधासन। सेतुबंधासन को ब्रिज पोज के नाम से भी जानते हैं। इस आसान को करते समय सेतु जैसी मुद्रा बनाई जाती है इसलिए इसे सेतुबंधासन कहते हैं। यह आसन पेट, कमर और हिप्‍स की चर्बी को कम करने में फायदेमंद होता है। इस आसान के नियमित अभ्यास से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है। आज के इस लेख में हम आपको सेतुबंधासन के लाभ और इसे करने का तरीका बताने जा रहे हैं - 
 
 सेतुबंधासन (ब्रिज पोज़) करने का तरीका - 
  • इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। 
  • हाथ को शरीर से सटा कर और हथेलियों को ज़मीन से लगा कर रखें। 
  • फिर धीरे-धीरे नितंबों, कमर और पीठ के सबसे ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। इस अवस्‍था में 3 से 5 मिनट तक रहें। 
  • सांस छोड़ते हुए आसन से बाहर आ जाएं।
सेतुबंधासन करने के लाभ - 
  • सेतुबंधासन नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार अच्छी तरह होता है। इस आसन में आपको अपने हिप्स को ऊपर उठाना होता है जिससे आपके दिल और दिमाग तक रक्त संचार हो पाता है।
  • सेतुबंधासन करने से पाचन तंत्र भी बेहतर बनता है। इस आसन को करने के लिए जब आप अपने हिप्स को ऊपर उठाते हैं तो आपका यूरिनरी ट्रैक्ट सिकुड़ जाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
  • सेतुबंधासन के अभ्यास से कोर मसल्स मजबूत बनती हैं। इस आसन को करने से पीठ का निचला हिस्सा मजबूत बनता है। इस आसन को करने से कमर और पेट की चर्बी कम होती है। इसके साथ ही यह पैर और काफ मसल्स को टोन करने में भी मदद करता है।
  • सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से थायरॉइड ग्लैंड उत्तेजित होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से फेफड़ों पर भी दबाव बनता है और फेफड़े मजबूत बनते हैं।
  • सेतुबंधासन से रीढ़ की हड्डी भी लचीली बनती है। यदि आप डेस्क जॉब में पूरे दिन बैठकर काम करते हैं तो इस आसन को करने से आप की रीढ़ की हड्डी को अच्छा स्ट्रेच मिलता है और पीठ दर्द से राहत मिलती है।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.