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रोजाना करेंगे कपालभाति प्राणायाम तो बीमारियों से रहेंगे दूर

By Healthy Nuskhe | Oct 12, 2019

योग की वैसे तो सभी क्रियाएं शरीर और मन को स्वस्थ रखती है, लेकिन कपालभाति एक ऐसा प्राणायम है जो अपने आप में संपूर्ण है और इसके अनेक फायदे है। यदि इसे सही तरह से किया जाए तो दिमाग को शांत रखने के साथ ही यह कई तरह की बीमारियों से भी आपको दूर रखता है। चलिए आपको बताते हैं इसे करने का सही तरीका और इसके ज़बर्दस्त लाभ के बारे में।


यूं करें कपालभाति
यह प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले पद्मासन या वज्रासन में आराम से बैठ जाएं। बिल्कुल रिलैक्स हो जाएं, फिर सांत को बाहर की तरफ लगातार छोड़िए, ध्यान रखिए कि इसमें सिर्फ़ सांस बार की तरह छोड़नी है और ऐसा करते समय पेट को अंदर की तरफ खींचना है, इसमें सांस लेनी नहीं है, क्योंकि छोड़नी की प्रक्रिया में सांस अपने आप अंदर आती रहती है। यह हानिकारक टॉक्सिन्स को शरीर से निकालकर उसे सकारात्मक बनाता है।

रखें ध्यान
वैसे तो कोई बी कपालभाति कर सकता है, लेकिन जिन लोगों को सांस संबंधी कोई बीमारी है उन्हें डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही यह करना चाहिए।
फायदे
- नियमित रूप से यह करने से लीवर और किडनी को बेहतर तरीके से काम करते हैं।
- इसे करने से शरीर को एनर्जी मिलती है और आपको थकान महसूस नहीं होती।
- यदि आंखों के नीचे डार्क सर्कल करी समस्या है तो रेग्युलर यह करने से डार्क सर्कल खत्म हो जाते हैं।
- कपालभाति करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म भी अच्छा होता है।
- जब ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है, तो आपका दिमाग अच्छी तरह से काम करेगा।
- सांस छोड़ने की प्रक्रिया से फेफड़े अच्छी तरह काम करते हैं।
- नियमित रूप से कपालभाति करने से याददाशत बढ़ती है और दिमाग भी तेज़ होता है।
- इससे दांतों और बालों से जुड़ी कई बीमारियां ठीक होती है।
- पेट की चर्बी कम करने में भी यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद है। इसे नियमित रूप से करने से वज़न कम होता है।
- कपालभाति कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मददगार है।
थायराइड, त्वचा संबंधी बीमारी, आंखों की समस्‍या, दांतों की समस्‍या, महिलाओं की समस्‍या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर सामान्‍य करने जैसे सभी काम सिर्फ एक कपालभाति कर सकता है। इस एक योग आसान के अनेकों फायदे हैं।
 
तो सोच क्या रहे हैं आप आज से आप भी सुबह की शुरुआत कपालभाति के साथ ही करिए।
 
- कंचन सिंह
 

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