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गर्भपात के बाद महिलाओं को हो सकती हैं ये गंभीर समस्याएं, रखें खास ख्याल

By Healthy Nuskhe | Sep 15, 2021

गर्भपात होना किसी भी महिला के लिए बहुत दुखद होता है। गर्भपात के दौरान एक महिला को कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्भपात के बाद महिला को खास देखभाल की जरूरत होती है। कई महिलाओं को गर्भपात के कारण ज़्यादा समस्याएं नहीं होती हैं। वहीं, कुछ मामलों में गर्भपात के कारण जानलेवा समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में समय रहते डॉक्टर की सलाह लेना बेहद आवश्यक है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भपात के बाद कौन सी समस्याएं हो सकती हैं -

हैवी ब्लीडिंग 
गर्भपात के बाद कई महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं होती है। वहीं, कुछ महिलाओं को गर्भपात के बाद 2 हफ्तों तक ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन अगर आपको हैवी ब्लीडिंग की समस्या है और यह सामान्य अवधि से लंबे समय तक जारी है तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको हर थोड़ी-थोड़ी देर में सैनिटरी पैड बदलना पड़ रहा है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके गर्भाशय में किसी प्रकार की चोट लगी है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें। 

डिप्रेशन और एंग्जायटी
गर्भपात होना किसी भी महिला के लिए दुखद होता है। ऐसे में कई बार महिलाओं को गर्भपात के बाद डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएं हो जाती हैं। प्रेगनेंसी में आए हॉर्मोनल बदलावों के कारण ऐसा हो सकता है। वहीं कुछ महिलाऐं गर्भपात के बाद खुद को ज़्यादा भावुक और अकेला महसूस करती हैं। ऐसे में महिला को अपने खानपान और जीवनशैली पर दयँ देना चाहिए और अवसाद से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ मामलों में गर्भपात के बाद अवसाद से बाहर निकलने के लिए चिकत्सीय सलाह भी जरुरी होती है। 

संक्रमण 
गर्भपात के बाद संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। यदि आपको दो हफ्तों से ज़्यादा ब्लीडिंग, बुखार, ठंड लगना और वैजाइना से बदबूदार डिस्चार्ज जैसी समस्याएं हों तो यह संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसी डॉक्टर से संपर्क करें और संक्रमण की पहचान करके इलाज करवाएं। 

अत्यधिक दर्द 
गर्भपात से पहले गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है और कुछ दिनों में यह अपने सामान्य आकार में आ जाता है। ऐसे में दर्द और क्रैंप्स होना सामान्य बात है। लेकिन कभी -कभी यह दर्द बहुत अधिक हो सकता है। कुछ मामलों में यह दर्द इतना खतरनाक होता है कि यह आपको बिस्तर पर पहुंचा देता है। यह दर्द इस बात का संकेत है कि गर्भाशय में थक्के हैं जो शरीर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और इसलिए या किसी आंतरिक संक्रमण के कारण यह दर्द हो सकता है। इसके अलावा गर्भपात के बाद बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी दर्द हो सकता है।
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