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टैम्पोन से पीरियड्स में हैवी फ्लो की टेंशन को कहें बाय-बाय, जानें इसके इस्तेमाल का तरीका, फायदे और नुकसान

By Healthy Nuskhe | Sep 11, 2020

महिलाओं में पीरियड्स होना एक नेचुरल प्रोसेस है। पीरियड्स के दौरान एक महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं। आमतौर पर पीरियड्स 3-5 दिनों के लिए रहते हैं लेकिन कुछ महिलाओं को एक हफ्ते तक भी पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स के दौरान हैवी फ्लो, दर्द और कपड़े में खून लगने की टेंशन से हर महिला को जूझना पड़ता है। पहले  महिलाएँ पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल करती थीं लेकिन आज के समय  में पीरियड्स से निपटने के लिए कई ऑप्शन मौजूद हैं। हालाँकि, अभी भी ज़्यादातर औरतें सैनेटरी पैड इस्तेमाल करती हैं लेकिन धीरे-धीरे टैम्पोन का इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है। हाँ यह जरूर है कि टैम्पोन सैनिटरी  पैड जितना पॉपुलर नहीं है लेकिन यह पीरियड्स से निपटने का एक बेहद अच्छा और आरामदायक उपाय है। पीरियड्स अगर आप टैम्पोन के बारे में नहीं जानती हैं तो चिंता मत करिए। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टैम्पोन क्या होता है और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही हम आपको टैम्पोन के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताएंगे -    

टैम्पोन क्या है? 
सैनिटरी नैपकिन की तरह ही टैम्पोन का इस्तेमाल भी पीरियड्स के दौरान किया जाता है। यह पीरियड्स के दौरान वैजाइना (योनि) से निकलने वाले खून को पूरी तरह सोख लेता है जिससे किसी तरह के दाग-धब्बे की टेंशन नहीं रहती। यह सैनिटरी नैपकिन की तरह ही काम करता है लेकिन इसे पैड की तरह अंडरवियर के ऊपर नहीं बल्कि वैजाइना के अंदर डाला जाता है। जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हैवी फ्लो होता है उनके लिए टैम्पोन एक बेहतर ऑप्शन है। टैम्पोन अलग-अलग तरह के साइज और सोखने की क्षमता के साथ आते हैं। मार्किट में आपको स्मॉल, मीडियम और लार्ज, सभी साइज़ के टैम्पोन मिल जाएंगे। इसलिए आप अपनी जरूरत और कम्फर्ट लेवल के आधार पर टैम्पोन का इस्तेमाल कर सकती हैं। टैम्पोन कॉटन या रेयान का बना होता है। यह आकार में सिलेंडर या सीरिंज की तरह होता है जिसे बिल्कुल आसानी से वैजाइना में डाला और निकाला जा सकता है। 

टैम्पोन इस्तेमाल करने का तरीका 
टैम्पोन लगाने से पहले साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके बाद अपने हाथों को सुखा कर हल्के से टैम्पोन के पैक को खोलें|
ध्यान दें कि अगर टैम्पोन गलती से जमीन पर गिर जाए तो इसे फेंक दे और दूसरा टैम्पोन इस्तेमाल करें।  
आप चाहें तो टैम्पोन को खड़े होकर या बैठकर लगा सकती हैं। जिस भी पोजीशन में आपको आराम मिल रहा हो उस पोजीशन में टैम्पोन को लगाएं। 
इसके बाद टैम्पोन के छोटे और पतले हिस्से को बीच से पकड़ें और इसे वैजाइना में अंदर तक डालें। यह ध्यान रखें कि टैम्पोन की स्ट्रिंग बाहर से दिखाई देनी चाहिए। 
अब अपने दूसरे हाथ से वैजाइना की स्किन को हटाएँ और हल्के हाथों से बीच वाले उंगली से टैम्पोन को अंदर डालें। टैम्पोन को अंदर डालने के बाद हल्के से अपनी उंगली को बाहर निकाल लें। 
जब टैम्पोन वेजिना में सही तरह फिट हो जाए तो अंगूठे और बीच की उंगली की मदद से इसके आउटर ट्यूब को हटा दें। ध्यान रखें कि टैम्पोन का स्ट्रिंग वैजाइना के बहार ही लटकती रहेगी। इस स्ट्रिंग को इस तरह से सेट करें कि वो दिखे भी नहीं और गंदी भी ना हो। 
टैम्पोन को बाहर निकालने के लिए टैम्पोन की स्ट्रिंग को हल्के हाथों से पकड़कर नीचे की ओर खींचें।
इस बात का ध्यान रखें कि टैम्पोन लगाने से पहले और इसे निकालने के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें।  

टैम्पोन के फायदे 
हैवी फ्लो में टैम्पोन इस्तेमाल करना आरामदायक रहता है। यह पीरियड्स में खून को पूरी तरह सोख लेता है जिससे लीकेज की परेशानी नहीं होती। 
टैम्पोन साइज के बहुत छोटा होता है इसलिए आप इसे आसानी से अपनी जेब में रखकर बाथरूम में ले जा सकती हैं। 
हैवी फ्लो के दौरान पैड को बार-बार बदलना पड़ता है जबकि टैम्पोन को बार-बार बदलने की चिंता नहीं रहती है। 
टैम्पोन वैजाइना के अंदर ही खून को अब्सॉर्ब कर लेता है इसलिए कपड़े में पीरियड का खून लगने का डर नहीं रहता है।
टैम्पोन को पैड की तरह बाहर नहीं बल्कि वैजाइना के अंदर डालकर इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इससे पैड हिलने की चिंता नहीं रहती। टैम्पोन का इस्तेमाल करने से आप स्वीमिंग, रनिंग और एक्सरसाइज आराम से कर सकती हैं।  

टैम्पोन के नुकसान 
कई बार महिलाएँ टैम्पोन को लगाकर बदलना भूल जाती हैं जिसके कारण इंफेक्शन व अन्य परेशानियां हो सकती हैं। टैम्पोन को 6-8 घंटे से ज़्यादा देर के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।  
टैम्पोन को ऊपर से नहीं बल्कि वैजाइना के अंदर डालकर इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण वैजाइनल इर्रिटेशन भी हो सकता है। ज्यादा देर तक टैम्पोन ना  बदलने से वैजाइना में खुजली और जलन हो सकती है। 
टैम्पोन की वजह से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम यानि टीएसएस होने का खतरा रहता है, यह एक तरह का बैक्टेरियल इन्फेक्शन होता है जो टैम्पोन के ऊपर बैक्टीरिया लगने से होता है। 
टैम्पोन बनाने के लिए हानिकारक केमिकल, क्लोरीन और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किया जाता है जो सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। इससे वैजाइना की स्किन को नुकसान पहुँचता है और यूट्रस (गर्भाशय) कैंसर होने का खतरा रहता है।
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