पीरियड्स मिस करना प्रेग्नेंसी का संकेत माना जाता है। ऐसे में जब भी कपल कंसीव करने की प्लानिंग करता है, तो पीरियड्स न आने पर महिलाएं प्रेग्नेंसी को कंफर्म मान लेती हैं। साथ ही टेस्ट किट के जरिए महिलाएं प्रेग्नेंसी चेक करती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी टेस्ट का निगेटिव या पॉजिटिव आना इस बात पर निर्भर करता है कि आपने पीरियड्स न आने के कितने दिन बाद टेस्ट किया है। क्या यह सच होता है कि पीरियड्स आने पर प्रेग्नेंसी होने का कोई चांस नहीं होता है। या फिर पीरियड्स आने के बाद भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। अगर आपके मन भी ऐसा सवाल है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
क्या पीरियड्स आने के बाद भी प्रेग्नेंसी के चांसेज
अगर आपको भी पीरियड्स आ गए हैं, तो इसका मतलब यह है कि एग फर्टिलाइज नहीं हुआ है और आप प्रेग्नेंट नहीं हैं। वहीं कई बार वजाइना से हल्की स्पॉटिंग या ब्लड आ सकता है। हालांकि यह नॉर्मल कब है और कब इसको खतरे की घंटी मानें, यह समझना जरूरी है।
बता दें कि कई बार इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है और महिलाएं इसको पीरियड्स समझ लेती हैं। दरअसल, यह ब्लीडिंग इंप्लांटेशन की वजह होती है और पीरियड्स से इसका कोई लेना-देना नहीं होता है।
महिलाओं में कई बार हार्मोनल उतार-चढ़ावे की वजह से प्रेग्नेंसी में हल्की स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो जाती है। लेकिन अगर यह अधिक होती है, तो फौरन डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
अगर महिला का ओव्युलेशन साइकिल अनियमित है, तब भी ऐसा हो सकता है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
एक्सपर्ट की मानें, तो पीरियड्स का आना या ना आना प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है। लेकिन इसको कंफर्म प्रेग्नेंसी समझना सही नहीं है। इसके साथ, मतली, थकान, ब्रेस्ट में बदलाव और मूड स्विंग्स आदि के लक्षण दिखने पर पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट करें। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए। अगर आपको नॉर्मल दिनों या प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह की असामान्य ब्लीडिंग महसूस होती है, तो डॉक्टर को दिखाना उचित रहेगा।