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हाइड्रोसील क्या है और इसके लक्षण क्या हैं एवं बचने के उपाय

By Healthy Nuskhe | Dec 20, 2019

हाइड्रोसील पुरुषों को होने वाली बीमारी है। इस रोग होने की वजह से अंडकोषों में पानी भर जाने के कारण उनका आकार बढ़ जाता है और लगातार तेज दर्द होता रहता है। ज्यादातर मामलों में ये अंडकोष के एक तरफ होता है मगर कई बार दोनों तरफ भी हो सकता है। ये रोग बच्चों को तक़रीबन सबसे ज्यादा होता है। लेकिन यह समस्‍या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन 40 वर्ष के बाद इसकी शिकायत अक्‍सर देखी जाती है। कभी-कभी अंडकोष की सूजन में दर्द बिल्कुल भी नही होता और कभी होता है और वह बढ़ता रहता है।
 
हाइड्रोसील के प्रकार-  हाइड्रोसील दो प्रकार के होते हैं:
 
1 कम्यूनकेटिंग हाइड्रोसील- इसमें अंडकोष की थैली पूरे तरीके से बंद नहीं होती, जिसकी वजह से तरल पर्दार्थ अंडकोष की थैली के अंदर चले जाते हैं और कम्यूनकेटिंग हाइड्रोसील की समस्या को बढ़ावा देते हैं। 
 
2 नॉन-कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील- बच्चों में नॉन-कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील जन्म के समय से पाया जाता है। एक साल के अंदर ये अपने आप ठीक हो जाता है।  
 
हाइड्रोसील के कारण-
  • अंडकोष में चोट लगने के कारण
  • नसों में सूजन आने के कारण
  • जेनेटिक कारणों से
  • ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने से
  • भारी वजन उठाने से
  • शरीर में दूषित मल इकट्ठा होने से
  • कई बार कब्ज की वजह से
  • कई बार गलत खान-पान भी इस रोग का कारण बन सकता है।
  • अक्सर लंबे समय तक पेशाब रोकने से
  • हाइड्रोसील के लक्षण-
  • अंडकोषों में सूजन आ जाती है।
  • अंडकोषों में पानी भरने लगता है और इसका आकार बढ़ने लगता है।
  • अंडकोषों में तेज दर्द होता है।
  • दर्द की वजह से रोगी को बैठने और चलने में भी परेशानी होती है।  
हाइड्रोसील का इलाज-
 
किसी भी बीमारी का समय रहते इलाज कराना जरूरी होता है। जानिए कि हाइड्रोसील के इलाज को आप किस प्रकार करा सकते हैं। आमतौर पर हाइड्रोसील खतरनाक रोग नहीं होता है और इसकी वजह से अंडकोषों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन शुरुआती स्टेज में हाइड्रोसील को दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर इसके बढ़ जाने के बाद इसका ऑपरेशन करना पड़ता है। हाइड्रोसील से होने वाला दर्द कई बार सहन नहीं हो पाता है। हाइड्रोसील के कारण खून के बहाव में समस्‍या हो सकती है। ऐसे में सर्जरी से इसका उपचार किया जाता है।
 
हाइड्रोसील एक बीमारी है जो पुरषों को ज्यादा होती हैं, अगर आपको भी इन में से कोई लक्षण है तो इस बात को जरा गौर से लें और जल्द ही डॉक्टर को दिखाए।
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