अगर आपको हर समय थकान महसूस होती है या फिर आपकी मांसपेशियों और सेक्स ड्राइव की ताकत घट रही है। तो आप अकेले नहीं हैं, जिसके साथ ऐसा हो रहा है। अक्सर पुरुष इन बदलावों को सामान्य उम्र का संकेत मान लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, 'खोई हुई जवानी को वापस पाने का जादुई रास्ता' बनकर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी है। यह उन पुरुषों के लिए राहत का जरिया बन सकती है, जिन लोगों में हार्मोन का लेवल वाकई कम है। टेस्टोस्टेरोन थेरेपी मूड, एनर्जी और सेक्शुअल हेल्थ को नई रफ्तार दे सकती है।
हालांकि, जिस तरह से हर चमकती चीज सोना नहीं होती है, उस तरह से टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। जिन पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस ट्रीटमेंट के फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्यों ली जाती है टेस्टोस्टेरोन थेरेपी
बता दें कि टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जोकि सेक्शुअल हेल्थ, एनर्जी, मांसपेशियों की ताकत और मानसिक संतुलन जैसे कई पहलुओं को प्रभावित करता है। जब टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है, तो हमारा शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
जानिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के फायदे
थकान में कमी और बढ़ेगी एनर्जी
हार्मोन की कमी से अक्सर सुस्ती, लगातार थकान और एनर्जी में कमी महसूस होती है। थेरेपी से एनर्जी लेवल बेहतर होता है और दिन भर सक्रियता बढ़ती है।
बेहतर सेक्शुअल हेल्थ
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों की सेक्स ड्राइव, उत्तेजना और संपूर्ण यौन संतुष्टि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ट्रीटमेंट से कामेच्छा में भी सुधार होता है और कई पुरुषों में पहले की तुलना में बेहतर यौन अनुभव महसूस करते हैं।
मूड और मेंटल हेल्थ में सुधार होना
कम टेस्टोस्टेरोन अक्सर उदासी, चिड़चिड़ापन या मानसिक धुंधलेपन की वजह बनता है। इस ट्रीटमेंट से ध्यान और मूड बेहतर होता है और साथ ही मानसिक स्पष्टता भी बढ़ती है।
मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शरीर में मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ बोन डेंसिटी को बनाए रखने में सहायता करता है। इसके रेगुलर ट्रीटमेंट से शरीर में मांसपेशियों की परिभाषा बेहतर होती है। वहीं उम्र बढ़ने पर हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा भी कम हो सकता है।
यहां जानिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी के नुकसान
हालांकि इस ट्रीटमेंट के साथ कुछ न कुछ खतरे भी जुड़े होते हैं। वहीं टेस्टोस्टेरोन थेरेपी भी इससे अलग नहीं है।
ब्लड वेसल्स से जुड़ा खतरा
कुछ शोध के मुताबिक यह ट्रीटमेंट खासकर बुजुर्ग पुरुषों या पहले से दिल संबंधी बीमारी वाले लोगों में दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है।
स्किन पर साइड इफेक्ट्स
इस ट्रीटमेंट का साइड इफेक्ट स्किन पर भी दिखाई दे सकता है, जैसे स्किन का ऑयली होना, पिंपल और हेयर फॉल जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्लीप एपनिया
जिन पुरुषों में पहले से स्लीप एपनिया है, उनमें यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है।
प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
यह ट्रीटमेंट लेने से शरीर अपने प्राकृतिक हार्मोन बनाना धीमा कर देता है। जिस कारण स्पर्म काउंट कम हो सकता है और यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
प्रोस्टेट से जुड़ा जोखिम
वैसे सीधे तौर पर टेस्टोस्टेरोन प्रोसेस्ट कैंसर की वजह नहीं है, लेकिन यह पहले से मौजूद कैंसर सेल्स की एक्टिविटी को बढ़ा सकता है या फिर बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों को अधिक गंभीर कर सकता है।
यह ट्रीटमेंट आपके सही या नहीं
कई लोगों की जीवन गुणवत्ता में यह टेस्टोस्टेरोन थेरेपी बड़ा सुधार ला सकती है। लेकिन इसको शुरू करना एक बड़ा और सोच-समझकर लिया गया कदम होना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर की सलाह पर विस्तृत जांच कराना चाहिए।
दिल, प्रोस्टेट और हार्मोन की नियमित निगरानी जरूरी है।
लगातार विशेषज्ञ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट से संपर्क में बने रहें।
सावधानी और सही निगरानी के साथ यह ट्रीटमेंट कई पुरुषों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि हर स्थिति अलग होती है, इसलिए हमेशा एक्सपर्ट की सलाह पर लेना चाहिए।