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धूम्रपान करते हैं तो जानिए, Nicotine patches के इस्तेमाल से क्या वाकई सिगरेट की तलब छूट सकती है ?

By Healthy Nuskhe | May 23, 2020

धूम्रपान करने वालों जब एक हद तक लत लग चुकी होती है, तब वो स्मोकिंग करने के लिए मजबूर हो जाते हैं क्योंकि स्मोकिंग करने से शरीर में निकोटिन की समस्या हो जाती है। लेकिन अलग-अलग विशेषज्ञों द्वारा कई तरह की स्मोकिंग छुड़ाने के ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। इसमें स्मोकिंग छुड़ाने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी अपनाई जाती है। लेकिन स्मोकिंग की लत एक ऐसी लत है जो मानसिक संवेदना से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ जाती है, इसे छुड़ाना बेहद मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं कि निकोटीन पैचेज के द्वारा क्या सिगरेट की तलब को कम या पूरी तरह से छोड़ा जा सकता है?

सबसे पहले जानिए निकोटीन क्या है?
निकोटीन एक ऐसी दवा है जो लोगों की स्मोकिंग की लत को छुड़ाने में काफी मददगार साबित होती है। यह दवा सिगरेट पीने वाले सभी लोगों के शरीर से स्मोकिंग के लक्षणों को पूरी तरह से निकालने का काम करती है। इसके इस्तेमाल से आपको कई तरह की एलर्जी प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। जैसे उल्टी, मुंह में अल्सर होना, दाने, त्वचा का लाल होना, छींकना, लार में वृद्धि होना आदि।

निकोटीन पैच क्या है और कैसे काम करता है?
निकोटीन पैच बैंडिट के आकार का होता है जो स्क्रीन पर चिपकने योग्य बनाया जाता है। इसके बाहर का हिस्सा त्वचा पर चिपकने का काम करता है और भीतरी हिस्सा आपकी त्वचा पर उस दवाओं का निर्माण करता है। जिसके द्वारा निकोटीन निकलता है।निकोटीन का मुख्य काम आपके खून में जाकर स्मोकिंग की इच्छा को मारने का काम करता है। निकोटीन पैच अलग-अलग स्ट्रैंथ वाले होते हैं।

निकोटिन पैच इस्तेमाल करने के कुछ साइड इफेक्ट होते हैं, जिनमें सिर दर्द, उल्टी, दस्त, त्वचा का लाल होना, सूजन, धड़कन बढ़ना, सांस लेने में परेशानी होना इत्यादि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। निकोटिन पैच का इस्तेमाल करने से पहले किसी भी सर्टिफाइड चिकित्सक के संपर्क में जाकर सलाह जरूर लेनी चाहिए।

निकोटिन पैच का इस्तेमाल कैसे करें?
स्मोकिंग छोड़ने की इच्छा शक्ति को मजबूत करने के बाद आपको निकोटिन पैच इस्तेमाल करना होता है उसके लिए आपको रोजाना पैच को स्किन पर लगाया जाता है, जहां आपकी त्वचा पर बाल ना मौजूद हों और त्वचा साफ-सुथरी भी होनी चाहिए।
 निकोटिन पैच का इस्तेमाल करने से आप 7 से 8 महीने के भीतर ही स्मोकिंग किल्लत से आजादी पा लेंगे। आपको यह जानकर अचंभा जरूर होगा कि भारत में प्रतिवर्ष 12 लाख से अधिक लोगों की मौत स्मोकिंग करने से होती है।




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