इन कारणों से होती है शरीर में प्लेटलेट्स की कमी, जानें प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय
- Healthy Nuskhe
- Nov 12, 2020
डेंगू और मलेरिया जैसे बुखार में लगातार शरीर में दर्द की शिकायत रहती है। अक्सर ऐसा खून में प्लेटलेट्स की कमी के कारण होता है। अगर आपको लगातार शरीर में दर्द, कमजोरी और चक्कर आने जैसी शिकायत हो रही है तो प्लेटलेट्स की जांच जरूर करवाएं। प्लेटलेट्स की कमी से कई तरह की बीमारियां होने लगती है। आइए जानते हैं कि किन कारणों से खून में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है और इससे कैसे बचा जा सकता है -
प्लेटलेट्स क्या होता है?
हमारे खून में तीन तरह की कोशिकाएं होती हैं -लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट। प्लेटलेट्स रक्त कोशिकाओं के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, जो खासतौर पर बोनमैरो में पाए जाते हैं। प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है। प्लेटलेट्स ब्लड कलोटिंग यानि खून के थक्के जमाने प्रमुख भूमिका निभाते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोलीटर होता है। जब यह काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाये तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है। आनुवंशिक रोगों, कुछ प्रकार के कैंसर, कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट, कुछ दवाओं के सेवन व बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के होने पर भी ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है।
किन कारणों की वजह से प्लेटलेट्स कम होता है -
स्प्लीन के बढ़ने से
पसलियों के नीचे स्प्लीन नाम का एक छोटा-सा अंग होता है, जो संक्रमण से लड़ाई करता है। स्प्लीन हमारे खून में मौजूद अवांछित तत्वों को फिल्टर करता है। बढे हुए स्प्लीन में काफी प्लेटलेट्स जमा हो जाते हैं, जिसे स्प्लीन रोक कर रखता है। इससे प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ जाती है।
प्लेटलेट्स के उत्पादन में कमी
प्लेटलेट्स बोनमैरो में बनते हैं और कुछ कारणों की वजह से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट्स की कमी) विकसित हो सकता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कई कारणों से हो सकता है, जैसे - ल्यूकेमिया, अप्लास्टिक एनीमिया, हेपेटाइटिस सी, एड्स, कीमोथेरेपी, दवाइयां और शराब का अत्यधिक सेवन।
प्लेटलेट्स का तेजी से टूटना
कई बार हमारे शरीर में ऐसी स्थिति बनती है कि बोन मैरो शरीर में पर्याप्त प्लेटलेट्स तो बनाते हैं, लेकिन हमारा शरीर उन्हें नष्ट कर देता है या उनका उपयोग कर लेता है। इससे भी खून में प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
ऐसे कई खाने की चीज़ें होती है जिनसे प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलती है। प्लेटलेट्स की कमी में इन चीज़ों के सेवन से प्लेटलेट्स बढाने में बहुत मदद मिलती है -
चुकंदर
चुकुंदर का सेवन प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए काफी असदार होता है। चुकुंदर में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को भी मजबूत बनाता है। चुकुंदर के रस को गाजर के रस के साथ मिलाकर पीने से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। आप चाहें तो चुकुंदर की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
पपीते
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीते का फल ही नहीं, उनकी पत्तियां भी मददगार हैं। डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने पर पपीते के पत्ते के रस के सेवन से बहुत फायदा होता है। तेजी से बढ़ाया जा सकता है। नियमित रूप से पपीता खाने से प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलती है। आप चाहें तो पपीते की पत्तियों को चाय की तरह भी पानी में उबालकर पी सकते हैं
आंवला
आंवले का सेवन प्लेटलेट्स बढ़ाने के बेहद पुराने उपायों में से एक है। आंवले में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी मौजूद होता है जो शरीर में प्लेटलेट्स का उत्पादन बढ़ाता है। इसके साथ ही आंवले के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है। आप चाहें तो आंवलें को फल के रूप में कच्चा ही खा सकते हैं या इसका जूस भी पी सकते हैं।
गिलोय
गिलोय के जूस का सेवन प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए किए जाने वाले सबसे प्रचलित उपायों में एक माना जाता है। इससे प्लेटलेट्स तो बढ़ते ही हैं, लेकिन इसके साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। गिलोय के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार लें, इससे प्लेटलेट्स की संख्या जल्दी बढ़ेगी। आप चाहें तो गिलोय की डंडी को रात भर पानी में भिगोकर सुबह उसका छना हुआ पानी पी सकते हैं।
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नारियल पानी
नारियल पानी के सेवन से भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलती है। नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। इससे शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। प्लेटलेट्स की कमी में रोजाना नारियल पानी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।