रोजाना करें ये 5 योगासन, रोग आपसे रहेंगे कोसों दूर

आजकल की सुस्त जीवन शैली, खराब खान-पान और लगातार तनाव के कारण हमारा शरीर और दिमाग कई रोगों का घर बन गया है। लेकिन योग के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मासिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे 5 योगासन बताने जा रहे हैं जिनसे आपको निरोगी रहने में मदद मिलेगी -
बालासन
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रखें कि आपके घुटने आपस में सटे हुए और पैर नितम्बों के ऊपर टिके हुए हों। अब शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, धीरे-धीरे सिर ज़मीन से लगाएं। अब दोनों हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 30 सेकेंड तक रहें। इस आसान को 4-5 बार दोहराएँ।
उष्ट्रासन
इस आसन में ऊंट की मुद्रा बनाई जाती है और शरीर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है। इस आसान को करने के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें। ध्यान रखें कि आपके घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे छत की तरफ हों। अब सांस को अंदर लें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। अब धीरे-धीरे हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं और अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं।
मंडूकासन
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर कमर सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों घुटनों को मिलाकर पंजों और एड़ियों को नितंबों के पास ले जाएं। इस तरह आपको वज्रासन में बैठना है। इसके बाद आपको दोनों हाथों की हथेलियों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर नाभि तक ले जाना है।
अब सांस को छोड़ते हुए पेट को थोड़ा अंदर खींचें। इसके बाद धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और नाभि को अपनी मुट्ठी से दबाएं। अपनी पीठ को सीधा रखें और आगे कि ओर झुके रहें। अब इस मुद्रा में सांस को बाहर ही रोककर रखें और कुछ समय तक इसी मुद्रा में रहें। धीरे-धीरे सांस लें और छोड़े और जितना संभव हो इस स्थिति को बनाएं रखें। फिर सांस लेते हुए अपनी प्रारम्भिक अवस्था में वापस आ जाएं। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।
भुजंगासन
इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ। अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं। उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे। अब बाद सांस छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।
शवासन
ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें और हाथों को बगल में सीधा रखें। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखों को बंद कर लें। सांस को सामान्य ही रखें और अपना पूरा ध्यान अब अपनी सांसों पर केंद्रित करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।