बेहद आसान दिखने वाले शवासन के हैं कईं लाभकारी फायदे
- Healthy Nuskhe
- Mar 27, 2020
योग जो पूरी दुनिया में अब लोगों के लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है, उसका जन्म भारत में हुआ था। लगभग 5000 वर्ष पहले योग की उत्त्पति भारत में हुई लेकिन पुरातत्वविदों ने 1920 में अलग अलग सभ्यताओं की खोज के दौरान योग के बारे में दुनिया को जानकारी दी। अब वही योगा पूरे विश्व भर में जाना और अपनाया जाता है जिसका उद्देश्य शारीरिक सुफुर्ती देना ही नहीं बल्कि मानसिक शान्ति प्रदान करना भी है।
आमतौर पर योग को स्वास्थ्य एवं फिटनेस के लिए थिरेपी या व्यायाम के रूप में समझा जाता है जबकि योग हमारे शरीर के साथ साथ मन, भावना एवं ऊर्जा के स्तर पर भी काम करता है। इसके कारण योग को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है। कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग और क्रियायोग।
1. कर्मयोग- वह होता है जहाँ अपने शरीर उपयोग किया जाता है।
2. भक्तियोग- इस योग में भावनाओं का उपयोग होता है।
3. ज्ञानयोग- इस योग में अपने मन एवं बुद्धि का उपयोग होता है।
4. क्रियायोग- इस योग में हमें अपनी ऊर्जा का उपयोग करना होता है।
आज कल योग की शिक्षा कई अलग-अलग तरीकों से लोगों को दी जाती है। योग संस्थामओं और अनेकों विश्व विद्यालयों में योग की शिक्षा देने के कारण लगातार योग पूरे विश्व में लोगप्रिय होता जा रहा है। योग में परम्परानुसार चौरासी लाख आसन हैं लेकिन वर्तमान में बत्तीस आसन ही प्रसिद्ध हैं। इन्ही सभी आसनों से लोगो को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप के बहुत लाभ होते हैं।
योग का अर्थ होता है जोड़ना यानी किसी भी चीज़ में बिल्कुल लीन हो जाना या पूरी तरह से एक हो जाना। और जब आप योग के बारे में पढ़ते हैं तो आप जान पाते हैं कि सभी आसनों को दो गुटो में बांटा गया है, गतिशील आसन और स्थिर आसन। योग में कई आसन है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है।
बहुत ज्यादा काम करने के करण या मानसिक तनाव के कारण सिर दर्द और थकान की परेशानी आमतौर पर हर व्यक्ति को हो जाती है। जिसके कारण निराशा, हताशा एवं चिंताएं व्यक्ति पर काफी हावी होने लगती हैं। ऐसे में आप रोज अगर शवासन योग को करेंगे तो यह यकीनन आपकी इस तरह की परेशानियों को दूर कर देगा। शवासन अकेला एक ऐसा योग है जिसमे व्यक्ति को शांति से लेटना पड़ता है। इस आसन से थकान, सिरदर्द और अन्य मानसिक तनावों में कमी आती है। साथ ही यह सारी बिमारियों को भी दूर रखता है।
शवासन करने का तरीका
1. इस आसन को करने से पहले आपको अपने मन में यह बात साफ करनी होगी कि यह आसन रिलैक्स महसूस कराने के लिए है।
2. इस आसान को करने से पहले साफ सुथरी जगह चुने और चटाई या योगा मैट बिछा लें।
3. इसके बाद अपनी पीठ के सहारे लेट जाएं और ध्यान रखें कि इस अवस्था में आपके पैर ज़मीन पर बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
4. अपने दोनों हाथों को शरीर से कम से कम 5 इंच की दूरी पर रखें।
5. इसके बाद हाथों की दोनों हथेलियां आसमान की ओर करें।
6. अब शरीर के हर अंग को आपको ढीला छोड़ना है और आँखों को भी बंद कर लेना है।
7. अब आपको हल्की-हल्की साँसे लेनी है। इस वक्त आपका पूरा ध्यान श्वांसों पर ही होना चाहिए। साथ ही मन में किसी दूसरे विचार को आने ना दें।
8. इस आसन को करते समय अगर आपको किसी जगह तकलीफ होती है। जैसे कमर या रीढ़ में तो घुटने के नीचे कम्बल या तकिया रख लें।
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शवासन के फायदे
1. रक्त संचार सुचारु रूप से प्रभावित करता है। शवासन से शरीर में रक्त संचार बहुत ही सामान्य तरीके से होने लगता है।
2. मानसिक और शारीरिक तनाव दूर होते है।
3. शवासन करने से सेक्स लाइफ बेहतर होती है।
4. शवासन करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
5. शवासन से दिमाग की कार्यक्षमता और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
6. मधुमेह से बचने के लिए भी यह आसन और बहुत ही फायदेमंद है।
7. शवासन करने से मन की बैचेनी और घबराहट दूर हो जाती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।