Yoga Tips: मानसून में जोड़ों के दर्द ने कर दिया है परेशान तो रोजाना करें ये योगासन
- अनन्या मिश्रा
- Jul 12, 2025

आजकल के समय में कम उम्र के लोगों को भी जोड़ों हड्डियों में दर्द रहता है। आज के समय में यह समस्या आम हो गई है। लेकिन बारिश के मौसम में कई बार यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। मानसून में तापमान में गिरावट आ जाती है। जिससे वातावरण ठंडा हो जाता है। साथ ही इस मौसम में सूरज की रोशनी भी कम होती है। जिस कारण हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी भी नहीं मिल पाता है। ऐसे में अगर आप भी जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान हैं, तो आप रोजाना ये योगासन कर सकते हैं।
जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
योगा एक्सपर्ट की मानें, बारिश के मौसम में योग करना जरूरी होता है। क्योंकि योग जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। योग करने से और न सिर्फ फिजिकली बल्कि मेंटली भी फिट होते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको आप घर में भी बैठ कर सकते हैं।
वज्रासन
वज्रासन करने के लिए सबसे पहले एक चटाऊ लें और उसके बाद चटाई पर घुटनों के बल बैठें। दोनों घुटनों को मिलाकर रखें और पंजों में थोड़ी दूरी बनाएं। अब सीधे बैठ जाएं फिर हाथों को जांघों पर रखें और आंख बंद करें। इस दौरान 5-10 मिनट तक गहरी सांस लें। इस योगासन को रोजाना करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है। इस आसन को करने से पैरों को भी मजबूती मिलती है।
सेतु बंधासन
इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, अपने पैरों को घुटने से मोड़े और पैरों के बीच दूरी बनाएं। इसके बाद गहरी सांस और कूल्हों को ऊपर उठाएं। फिर पैर और हाथों को फर्श पर रखें। 15 से 20 सेकेंड के लिए रुकें, फिर कूल्हों को धीरे-धीरे नीचे करें। इससे पैरों घुटनों और कूल्हों को मजबूत होते हैं। साथ ही कमर में अकड़न दूर होती है।
ताड़ासन
दोनों पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं या फिर सांस लेने के साथ अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। फिर पंजे के बल खड़े हो जाएं। 10 से 15 मिनट के लिए इस पोज में खड़े रहें और फिर नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। इस आसन से शरीर सही पोस्चर में रहता है। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में सहायता मिलती है और शरीर का संतुलन भी बना रहता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।