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ये 5 योगासन दिलाएंगे रोज़-रोज़ के सिरदर्द से छुटकारा

By Healthy Nuskhe | Jul 28, 2021

आज के समय में सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बहुत आम है। सिरदर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे नींद पूरी ना होना, अत्यधिक तनाव, थकान और ज़्यादा देर तक भूखा रहना आदि। अक्सर लोग सिरदर्द को हल्के में लेते हैं और इसके लिए पेनकिलर्स का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आपको हर दूसरे दिन सिरदर्द होता है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। अगर आप सिरदर्द से परेशान हैं तो रोजाना कुछ देर योग करने से आपको फायदा होगा। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताने जा रहे हैं जिनके नियमित अभ्यास से आप सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिल सकता है -

शवासन
ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें और हाथों को बगल में सीधा रखें। हथेलियों को ऊपर की ओर रखें और शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। आंखों को बंद कर लें। सांस को सामान्य ही रखें और अपना पूरा ध्यान अब अपनी सांसों पर केंद्रित करें।

बालासन 
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। ध्यान रखें कि आपके घुटने आपस में सटे हुए और पैर नितम्बों के ऊपर टिके हुए हों। अब शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, धीरे-धीरे सिर ज़मीन से लगाएं। अब दोनों हाथों को सिर से लगाते हुए आगे की ओर सीधा रखें और हथेलियों को ज़मीन से लगाएं। इस अवस्था में कम से कम 30 सेकेंड तक रहें। इस आसान को 4-5 बार दोहराएँ। 

पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।

सेतुबंधासन 
इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। हाथ को शरीर से सटा कर और हथेलियों को ज़मीन से लगा कर रखें। फिर धीरे-धीरे नितंबों, कमर और पीठ के सबसे ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। इस अवस्‍था में 3 से 5 मिनट तक रहें। सांस छोड़ते हुए आसन से बाहर आ जाएं।

मकरासन 
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अब अपने सिर और कंधों को ऊपर उठाएं और हथेलियों को जमीन पर टिका लें। इसके बाद रीढ़ की हड्डी में अधिक मोड़ लाने के लिए कोहनियों को एक साथ रखें। ध्यान दें कि अगर आपकी गर्दन पर ज्यादा दबाव हो तो कोहनियों को थोड़ा अलग कर लें। सही तरह की स्थिति में आने के बाद अपने पूरे शरीर को शिथिल करें और आंखें बंद करके लेट जाएँ।
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