हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने के लिए रोजाना करें ये 4 योगासन

  • Healthy Nuskhe
  • May 28, 2021

हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने के लिए रोजाना करें ये 4 योगासन

आजकल महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या काफी आम हो गई है। अक्सर गलत खानपान, सुस्त जीवनशैली, अत्यधिक तनाव और कई अन्य स्वास्थ्य कारणों की वजह से हमारे शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है। इसकी वजह से महिलाओं में अनियमित पीरियड, वजन बढ़ना, मूड स्विंग, पिंपल्स और बाल झड़ने जैसी समस्याएं होने लगती है। हार्मोन्स हमारे शरीर में केमिकल मैसेंजर की तरह काम करते हैं। हार्मोनल इंबैलेंस होने पर पूरे शरीर में प्रभाव पड़ता है। कई महिलाएं हार्मोन्स को संतुलित करने के लिए दवाइयों का सहारा लेती हैं। हालांकि, योग के जरिए भी हार्मोनल इंबैलेंस को सही किया जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताएंगे जो और उनसे संतुलित करने में मदद करते हैं -  


भुजंगासन 

इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ। अब अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं। उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहे। अब बाद सांस  छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।


उष्ट्रासन

इस आसन में ऊंट की मुद्रा बनाई जाती है और शरीर को पीछे की तरफ झुकाया जाता है। इस आसान को करने के लिए जमीन पर घुटने के बल बैठ जाएं और दोनों हाथों को कूल्हों पर रखें। ध्यान रखें कि आपके घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे छत की तरफ हों। अब सांस को अंदर लें और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोड़ें। अब धीरे-धीरे हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं और अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं। 


पश्चिमोत्तानासन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर सीधा बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक-दूसरे से सटाकर रखें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी रहनी चाहिए। अब झुककर दोनों हाथों से अपने पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए और पैर भी जमीन से सटे हुए होने चाहिए।


सर्वांगासन 

इस आसान को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों को सीधा पीठ के बगल में रखें, हथेलियां नीचे रहेंगी। अब सांस अंदर लेते हुए अपनी टांगों को सीधे हवा में ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद धीमी गति से टांगों को सिर की तरफ मोड़ें। दोनों कोहनियों को जमीन पर टीकाकार हाथों से कमर को सहारा दें। अब अपनी टांगों को ऊपर की तरफ खींचकर उठाएं। कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स एक सीध में ले आएं। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में वापस लौट आएं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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