सियाटिका और जोड़ों की तकलीफ को दूर करता है ताड़ासन, जानें अन्य लाभ और करने का तरीका
- प्रिया मिश्रा
- Oct 28, 2021
हमारी व्यस्त जीवनशैली में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कर जाते हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी होती है। इसके लिए योग एक अच्छा विकल्प है। योग के कई आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। ऐसा ही एक आसान है ताड़ासन। ताड़ासन को माउंटेन पोज के नाम से भी जानते हैं। इस आसान को करते समय पहाड़ जैसी मुद्रा बनाई जाती है इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं। यह आसन शरीर का संतुलन बेहतर बनता है। इसके साथ ही इस आसान के नियमित अभ्यास से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इस आसान के नियमित अभ्यास से कई तरह की समस्याओं में लाभ होता है। आज के इस लेख में हम आपको ताड़ासन के लाभ और इसे करने का तरीका बताने जा रहे हैं -
ताड़ासन करने के लाभ -
ताड़ासन के नियमित अभ्यास से शारारिक और मानसिक संतुलन विकसित करने में मदद मिलती है।
ताड़ासन करने से पाचन तंत्र भी बेहतर बनता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
ताड़ासन के नियमित अभ्यास से जांध, टखने और घुटने मजबूत बनते हैं। इस योग को करने से सियाटिका की समस्या भी दूर करने में मदद मिलती है।
ताड़ासन करने से शरीर का पोस्चर सुधरता है और रीढ़ की हड्डी भी लचीली बनती है। यदि आप डेस्क जॉब में पूरे दिन बैठकर काम करते हैं तो इस आसन को करने से आप की रीढ़ की हड्डी को अच्छा स्ट्रेच मिलता है और पीठ दर्द से राहत मिलती है।
ताड़ासन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार अच्छी तरह होता है। इस आसन को करने से आपके दिल और दिमाग तक रक्त संचार हो पाता है।
ताड़ासन करने की सही विधि-
इस आसान को करने के लिए सीधे खड़े हो जाए और पैरों के बीच कुछ दूरी रखें।
दोनों हाथों अपने शरीर के पास में सीधा रखें।
अब गहरी सांस लेते हुए अपनी दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और अपनी उंगलियों को आपस में बांध लें। हाथों को सीधा रखें और स्ट्रेच करें।
अपनी एड़ी उठाते हुए अपने पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं।
इस दौरान आपके शरीर में पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक स्ट्रेच महसूस होना चाहिए।
इस अवस्था में 10 तक रहें और सांस लेते रहें। अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। इस आसन को 10 बार दोहराएं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।