कॉपर टी से मिलती है अनचाहे गर्भ से सुरक्षा, जानें इसके इस्तेमाल, फायदे और नुकसान के बारे में

  • Healthy Nuskhe
  • Aug 17, 2020

 कॉपर टी से मिलती है अनचाहे गर्भ से सुरक्षा, जानें इसके इस्तेमाल, फायदे और नुकसान के बारे में

आजकल बहुत से कपल्स शादी के बाद कुछ समय तक बच्चा नहीं चाहते हैं और अपनी शादीशुदा लाइफ एंजॉय करना चाहते हैं। आज के समय में कई तरह के गर्भ निरोधक तरीके मौजूद हैं। इनमें से बर्थ कंट्रोल पिल्स, कंडोम और इंट्रायूटेरिन डिवाइस कुछ प्रचलित तरीके हैं। इंट्रायूटेरिन डिवाइस  जिसे आमतौर पर कॉपर टी के नाम से जाना जाता है अनचाहे गर्भ को रोकने का एक सस्ता और सुरक्षित तरीका है। इसके इस्तेमाल से लंबे समय तक गर्भ धारण करने से बचा जा सकता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कॉपर टी क्या होता है और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं। 


कॉपर टी क्या होता है 

कॉपर टी एक इंट्रायूटेरिन डिवाइस (अंतर्गर्भाशय उपकरण) होता है जो महिला को अनचाहे गर्भ से बचाता है। कॉपर टी एक सुरक्षित गर्भ निरोधक उपकरण है और ज़्यादातर ऐसी महिलाएं जो एक बार माँ बन चुकी होती हैं, इसका इस्तेमाल करती हैं। कॉपर टी प्लास्टिक और कॉपर (तांबे) से बना होता है जो योनि के मार्ग से गर्भाशय में डाला जाता है। इसको लगाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होती है इसलिए इसे डॉक्टर द्वारा ही करवाना चाहिए। एक बार गर्भाशय में लगाने के बाद कॉपर टी लगभग 5 सालों तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा देती है। कॉपर टी गर्भ निरोधक का परमानेंट तरीका नहीं है और महिला जब भी गर्भ धारण करना चाहे तो वह इसे आसानी से निकाल भी सकती है।  


कॉपर टी कैसे काम करता है 

कॉपर टी प्लास्टिक और कॉपर से बनी एक छोटी सी पिन जैसी चीज़ होती है। इसके एक कोने पर अंग्रेजी अक्षर T के आकार की शेप होती है जो कि प्लास्टिक के अंदर होती है। यह कॉपर के पतले तार में बंधी होती है, जिसे झुकाकर महिला के गर्भ में डाला जाता है। एक बार जब कॉपर टी सही तरह से डाल लिया जाए,  तो गर्भनिरोधक के तौर पर अपना कार्य करने लगती है। कॉपर टी डलवाने के बाद कॉपर आयन  गर्भाशय से निकलने वाले तरल पदार्थ (यूटेरिन फ्लूइड) के साथ मिल जाते हैं। कॉपर स्पर्म के संपर्क में आकर इन्हें खत्म कर देता है जिससे अंडे और स्पर्म के बीच फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है और महिला गर्भवती नहीं हो पाती है। 


कॉपर टी के फायदे -

कोई हॉर्मोन नहीं होता 

अन्य गर्भ निरोधक गोलियों  की तरह कॉपर टी में कोई हार्मोन नहीं होता जिससे सेहत पर कोई बुरा असर नहीं होता है। 


असुरक्षित सेक्स के बाद भी गर्भ धारण की चिंता नहीं 

कॉपर टी लगाने के बाद असुरक्षित सेक्स के बाद भी गर्भ धारण की चिंता नहीं रहती है 


सस्ता और सुरक्षित उपाय 

कॉपर टी अन्य गर्भ निरोधक उपकरणों के मुकाबले सबसे सस्ता और सुरक्षित उपाय माना जाता है। 


फर्टिलिटी पर बुरा असर नहीं होता 

ज़्यादातर गर्भ निरोधक गोलियों का फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही इनसे वजन बढ़ने और त्वचा संबंधी परेशानियाँ भी होती हैं लेकिन कॉपर टी का फर्टिलिटी या त्वचा पर कोई बुरा असर नहीं होता  है। 


लंबे समय तक चलता है 

लंबे समय तक अनचाहे गर्भ को रोकने का सबसे आसान तरीका है क्योंकि एक बार कॉपर टी लगवाने के बाद 3-5 साल तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा मिलती है।   


आसानी से निकला जा सकता है 

कॉपर टी लगवाने के बाद भी जब भी गर्भ धारण करना चाहें तो इसे आसानी से निकाला भी जा सकता है। 


कॉपर टी लगाने के नुकसान -

बार-बार ब्लीडिंग होना  

कई बार कॉपर टी लगाने के बाद बार-बार ब्लीडिंग (रक्तस्त्राव) की समस्या होती है। 


पीरियड्स में तकलीफ 

कई महिलाओं को कॉपर टी लगवाने के कारण पीरियड्स में तेज़ बहाव और दर्द या ऐंठन की समस्या होती है। 


ऐलर्जी होना 

कुछ महिलाओं को कॉपर टी लगाने से इंफेक्शन, रैशेज या योनि में खुजली की समस्या हो जाती है। ऐसा ज़्यादातर उन महिलाओं को होता है जिन्हें तांबे से ऐलर्जी हो। 


कॉपर टी का बाहर निकलना 

कभी-कभी कॉपर टी खुद ही गर्भाशय से बाहर आ जाती है। ऐसा तब होता है जब कॉपर टी को ठीक तरह से नहीं लगाया जाए या ऐंठन के कारण भी यह बाहर आ सकती है। 


गर्भाशय में घाव या संक्रमण 

अगर कॉपर टी ठीक से ना लगाया जाए तो गर्भाशय में  घाव या संक्रमण हो सकता है इसलिए इसे किसी अच्छे डॉक्टर से ही लगवाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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