CLOSE

Women Health: मेनोपॉज में पेट के मोटापे से हैं परेशान, एक्सपर्ट के बताए ये आसान तरीके अपनाएं

By Healthy Nuskhe | Sep 23, 2025

महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज के ऐसा फेज है, जोकि पूरी तरह से नेचुरल होने के बाद भी कई शारीरिक और मानसिक बदलाव लेकर आता है। आमतौर पर महिलाओं में यह 45 से 55 साल की उम्र के आसपास होता है। इस दौरान मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं और शरीर में हार्मोनल संतुलन में बड़े बदलाव होने लगते हैं। महिलाओं में होने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रमुख हार्मोन का लेवल भी नीचे गिरने लगता है। इससे न सिर्फ फर्टिलिटी प्रभावित होती है, बल्कि पूरे शरीर पर भी इसका असर देखने को मिलता है।

मेनोपॉज का जिक्र होते ही आम समस्या जो देखने को मिलती है, वह  पेट और कमर के आसपास फैट जमा होना और वजन बढ़ना है। वहीं कई महिलाओं की यह शिकायत होती है कि उन्होंने अपनी डाइट में कोई अधिक बदलाव नहीं किया है, इसके बाद भी उनका पेट निकलने लगा है। यही वजह है कि मन में सवाल उठता है कि क्या मेनोपॉज के दौरान पेट बढ़ना सामान्य है। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

मेनोपॉज के दौरान पेट बढ़ना
बता दें कि मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल तेजी से गिरने लगता है। यह हार्मोन न सिर्फ पीरियड्स को कंट्रोल करता है, बल्कि फैट डिस्ट्रीब्यूशन यानी बॉडी में चर्बी किस हिस्से में जमा होगी, इसको भी प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन की कमी होने पर पेट और कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है। यही कारण है कि इस उम्र में महिलाओं का पेट निकलना एक आम समस्या बन जाता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, शरीर का मेटाबॉलिज्म यानी की भोजन को एनर्जी में बदलने का प्रोसेस धीमा होने लगता है। वहीं 40 की उम्र के बाद यह गिरावट और तेज होने लगती है। जब मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है तो कैलोरी आसानी से बर्न नहीं होती है और यह शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। मेनोपॉज के दौरान यह समस्या अधिक बढ़ जाती है, जिससे पेट का मोटापा दिखने लगता है।

तनाव और नींद की कमी

मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल असंतुलन की वजह से मूड स्विंग, नींद की समस्या और तनाव होना आम है। जब तनाव बढ़ता है, तो शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ता है। यह पेट और कमर के आसपास की चर्बी को जमा करने में अहम भूमिका निभाता है। वहीं नींद की कमी से फैट बर्निंग क्षमता भी कम हो जाती है।

अनहेल्दी लाइफस्टाइल

इस उम्र में आने के बाद कई महिलाएं एक्सरसाइज और डाइट पर ध्यान नहीं देती हैं। वहीं पैक्ड फूड, मीठा, तली-भुनी चीजें और बाहर का खाना खाने से पेट की चर्बी तेजी से बढ़ सकती है। फिजिकल एक्टिविटी कम होने पर भी वेट को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

एक्सपर्ट की मानें, तो महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान खुद पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि यह उम्र सेहत के प्रति लापरवाह होने की नहीं बल्कि जागरुक होकर जीने की है। इसलिए हेल्दी डाइट, नियमित चेकअप, एक्सरसाइज और तनाव मैनेज करने से पेट की चर्बी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.