करवा चौथ व्रत रखते समय गभर्वती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
- मिताली जैन
- Oct 16, 2019
करवा चौथ का व्रत एक विवाहिता के लिए बेहद मायने रखता है, लेकिन वहीं दूसरी ओर यह एक बेहद कठिन व्रत है क्योंकि इस व्रत में एक स्त्री को पूरा दिन निर्जला व्रत रखना होता है। यूं तो स्त्रियां इस व्रत को बेहद हर्षोल्लास के साथ रखती हैं, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो व्रत रखते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है ताकि इससे आपकी या शिशु की सेहत पर किसी तरह का बुरा प्रभाव न पड़े। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आपको गर्भावस्था में करवाचौथ व्रत रखते समय ध्यान में रखना चाहिए−
ध्यान से लें सरगी
यूं तो बहुत अधिक हैवी सरगी किसी भी महिला को पूरा दिन परेशान कर सकती है, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो आपका सरगी लेते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। आप कोशिश करें कि इस दौरान ऑयली या हैवी फूड न लें। अगर आपके द्वारा लिए गए आहार को पचने में समय लगेगा तो इससे आपको काफी असहजता होगी। आप सरगी के दौरान दूध, फल, ड्राई फ्रूट्स सब्जी व रोटी का सेवन कर सकती हैं। इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।
पीती रहें पानी
यूं तो करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो निर्जला उपवास न रखें। इससे आपके गर्भस्थ शिशु को परेशानी हो सकती है। इसलिए आप कोशिश करें कि हर थोड़ी−थोड़ी देर में पानी पीती रहें।
कथा के बाद खाएं जरूर
करवा चौथ के व्रत में अधिकतर महिलाएं कथा कहने के बाद भी कुछ नहीं खातीं−पीतीं। सीधे चांद देखने पर ही अपना व्रत खोलती हैं। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो कथा कहने के बाद फल, दूध, डाई फ्रूट्स आदि अवश्य ले लें। अगर आप लंबे समय तक भूखी रहेंगी तो इससे आपको चक्कर आना, उल्टी, बेहोशी व अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
खुद को रखें व्यस्त
अगर आप चाहती हैं कि आपका करवा चौथ का व्रत अच्छी तरह हो जाए तो आप कोशिश करें कि खुद को थोड़ा व्यस्त रखें। हालांकि बहुत अधिक हैवी काम न करें, जिससे आप थक जाएं। बस खुद को थोड़ा व्यस्त रखने की कोशिश करें ताकि आपका पूरा दिन आसानी से निकल जाए। वहीं पूरा दिन बैठने से परहेज करें। अगर संभव हो तो कुछ देर आराम करें या फिर सो जाएं। इससे आपका दिन आसानी से निकल जाएगा और आपको पता भी नहीं चलेगा।
मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।