Fertility in Women: मां बनने की राह में रोड़ा बन सकती हैं आपकी ये आदतें, एग क्वालिटी और फर्टिलिटी पर होता है असर

  • अनन्या मिश्रा
  • Jun 29, 2025

Fertility in Women: मां बनने की राह में रोड़ा बन सकती हैं आपकी ये आदतें, एग क्वालिटी और फर्टिलिटी पर होता है असर

कई महिलाओं को कंसीव करने में काफी मुश्किलें आती हैं। लंबे समय से ट्राई करने के बाद भी मां बनना मुश्किल हो जाता है। वहीं कई बार पीरियड्स और ओव्युलेशन डेज ट्रैक करने के बाद भी प्रेग्नेंट होना भी टेढ़ी खीर बन जाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इसके पीछे आपकी कुछ आदतें जिम्मेदार हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लिए लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़े हेल्दी आदतों को अपनाना जरूरी है। 


अगर आपकी डाइट सही नहीं है और लाइफस्टाइल भी अनहेल्दी है, तो इसका सीधा असर आपकी एग क्वालिटी और फर्टिलिटी पर होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे दूर रहने से आपके लिए मां बनने की राह आसान होगी।


फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचा रही हैं ये आदतें

अगर आप डाइट में प्रोटीन कम मात्रा में ले रही हैं, तो फर्टिलिटी पर इसका असर होता है। जिसके कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी पर असर होता है। वहीं एग और स्पर्म दोनों की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। इसलिए फर्टिलिटी सुधारने के लिए महिला और पुरुष दोनों को ही प्रोटीन रिच डाइट लेनी चाहिए।


बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन भी फर्टिलिटी पर असर डालता है। क्योंकि प्रोसेस्ड फूड्स में शुगर और ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकती है।


वहीं यदि आप सोने से पहले फोन का बहुत अधिक इस्तेमाल करती हैं, तो इसकी वजह से बॉडी में हैप्पी हार्मोन मेलोटोनिन कम होने लगता है। इसके कारण मेंस्ट्रुअल साइकिल पर असर होता है।


वहीं योग और एक्सरसाइज न करने और लंबे समय तक बैठे रहने पर भी इसका असर आपकी फर्टिलिटी पर होता है। इससे बॉडी में हार्मोनल इंबैलेंस होता है और ओव्युलेशन पर भी असर होता है।


शारीरिक रूप से एक्टिव न होने की वजह से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल पर इसका असर पड़ता है। जिसकी वजह से कंसीव करने में मुश्किल होती है।


अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस में है, तब भी कंसीव करने में समस्या आ सकती है। इसकी वजह से एग क्वालिटी खराब हो सकती है और पीरियड्स में भी अनियमितता हो जाते हैं।


इमोशनल ईटिंग भी बॉडी में एंड्रोजन और एस्ट्रोजन को प्रभावित करता है। इसकी वजह से भी महिलाओं को प्रेग्नेंट होना मुश्किल हो जाता है।


प्लास्टिक के बर्तन में खाना खाने या फिर इसमें सामान स्टोर करती हैं। तो प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स भी एंड्रोकाइन सिस्टम डिस्टर्ब होता है। जिससे प्रेग्नेंट होना मुश्किल हो सकता है।


अगर बिजी लाइफस्टाइल में रेडी टू ईट मील्स को अपना दोस्त बना चुकी हैं, तो इसका असर भी आपकी फर्टिलिटी पर हो सकता है। यह प्रिजर्वेटिव, सोडियम और अनहेल्दी फैट्स के भरे होते हैं, जोकि आपके शरीर में स्ट्रेस को बढ़ा सकते हैं।


जो लोग अधिक कैफीन का सेवन करने से उनकी शरीर में भी कोर्टिसोल लेवल पर असर होता है और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स में ब्लड फ्लो को कम कर सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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