जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो यह उसके जीवन में कई उम्मीदों को जगा जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के जीवन में कई सारे शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। जोकि हर महिला के लिए सुखद अनुभव होता है। लेकिन इसी के समय महिलाओं को यह भी हक होता है कि अगर वह प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं, तो एक कानूनी समय सीमा के अंदर मेडिकल अबॉर्शन करवा सकता है। हालांकि कई बार कई कारणों से महिलाओं को मेडिकल अबॉर्शन का ऑप्शन चुनना पड़ता है।
ऐसे में भले ही यह महिला का चयन हो, लेकिन इस दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव और लक्षण नजर आते हैं। अबॉर्शन के बाद महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि अबॉर्शन के बाद ये 5 लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अबॉर्शन के बाद होने वाली ये 5 समस्याएं
ज्यादा ब्लीडिंग होना
अबॉर्शन के बाद हैवी ब्लीडिंग होना एक सामान्य प्रोसेस है। यह तीन से चार सप्ताह तक चलती है। ऐसे में ज्यादा ब्लीडिंग होने पर आपको फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं अगर आप 1-2 घंटे के अंदर दो सेनेटरी पैड चेंज कर रही हैं, तो यह सामान्य ब्लीडिंग नहीं है। वहीं चक्कर आना और बड़े-बड़े ब्लड क्लोट निकलने आदि की समस्या होने पर फौरन डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
ऐंठन जैसा दर्द होना
अबॉर्शन के बाद महिला का यूट्रस वापस अपने आकार में आने लगता है। जिसकी वजह से महिलाओं को पीरियड जैसा दर्द महसूस हो सकता है। वहीं कई बार यह दर्द अधिक पीड़ादायक हो सकता है। हालांकि आप गर्म पानी पीने, गर्म थैली रखने के अलावा पेन किलर लेकर भी दर्द में कुछ राहत पा सकती हैं।
इंफेक्शन
वहीं अबॉर्शन के बाद कुछ समय के लिए यूट्रस खुला रह सकता है। जिस कारण पैल्विक या यूरीन पथ से इंफेक्शन होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इंफेक्शन से बचने के लिए आप टैम्पोन का इस्तेमाल कर सकत हैं। वहीं वजाइनल हाइजीन का खास ध्यान रखें। अगर इसके बाद भी संक्रमण हो जाता है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
फीवर आना
अबॉर्शन के बाद फीवर आना इस ओर संकेत देता है कि आपके शरीर में किसी तरह का संक्रमण है। वहीं अगर पेट के निचले हिस्से में दर्द है, वहीं अगर आपका तापमान 100 डिग्री से ऊपर है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डिप्रेशन
बता दें कि अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना एक सामान्य समस्या है। लेकिन तनाव लेना किसी समस्या का हल नहीं है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इस स्थिति में अपने मन और शरीर दोनों को पर्याप्त आराम दें और किसी भी तरह का निगेटिव विचार अपने ऊपर हावी न होने दें। वहीं वर्तमान में ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। इसके बाद भी अगर डिप्रेशन में चले गए, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।