जानिए पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार
- Healthy Nuskhe
- Aug 24, 2020

पीसीओडी - ये नाम अधिकतर महिलाओं और लड़कियों ने सुना होगा लेकिन क्या हम इसके बारे में पूरी तरह से परिचित हैं? पीसीओडी का मतलब है पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज या इसे सिंड्रोम भी कह सकते है। ये लगभग 20 लाख महिलाओं में पाया जाता है।कहने में तो ये एक आम सी बीमारी लगती है लेकिन ये बहुत ही जानलेवा हो सकती है अगर इलाज न किया जाए। महिलाए जहाँ दूसरो की सेहत का ख्याल रखती है वहीं अपनी सेहत को हमेशा ही नजरांदाज करती है। हमेशा घर ऑफिस और बच्चो के स्कूल के बीच संतुलन बनाने में ही फसी रहती हैं जिस कारण इस बीमारी का होना और भी घातक हो जाता है। एक सर्वे के अनुसार लगभग ६० प्रतिशत महिलाओं को ये पता ही नहीं होता कि उन्हें ऐसी कोई बीमारी है। पहले तो मेडिकल साइंस इसे सिर्फ किशोर अवस्था में होने वाली बीमारी मानते थे लेकिन जैसे जैसे समय के साथ इसके बारे में पता चला कि ये बीमारी सेक्स हार्मोन्स के असुंतलन के चलते ओवरी में गाठे बन जाती है जिस वजह से ग्रभधारण में बहुत ही मुश्किल होती है। पीसीओडी की दिक्कत गलत खान - पान तनाव और मोटापा, डायबिटीज के कारण भी बन जाती। पीसीओडी की प्रॉब्लम जेनेटिक कारण से भी हो सकती है।
पीसीओडी के बीमारी के कुछ लक्षण:
1.वजन और पीरियड्स में इरेगुलारिटी होना
2.जल्दी ही थक जाना
3.चेहरे पर ज्यादा बालों का उगना
4.पेल्विक दर्द का होना
5. पिंपल का होना
6.सिर दर्द होना
7.ब्लड प्रेशर का बढ़ना
8.डायबिटीज होना
पीसीओडी की प्रॉब्लम को ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन रोज की जीवन शैली में बदलाव करके इसे कम किया जा सकता है जैसे:
1.वजन कम रखना
2.रोज नियमित रूप से एक्सरसाइज करना
3.खाने पीने का ध्यान रखना
ग्रभ निरोधक गोलियां -
अगर आप अभी प्रेग्नेंट होने के बारे में नही सोच रही है तो आप जन्म नियंत्रण गोलियां लें सकती हैं। ऐसा करने से मुँहासों का उपचार किया जा सकेगा, मासिक धर्म चक्र नियंत्रित किया जा सकेगा और शरीर में पुरुष हॉर्मोन्स जैसे टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में सहायता मिलेगी। अगर आपको प्रजनन समस्या की परेशानी होती है तो ओव्यूलेशन के लिए फर्टिलटी दवाएं ली जा सकती हैं।
सर्जरी -
कुछ महिलाओं में पीसीओडी के इलाज के लिए सर्जरी का भी प्रयोग किया जा सकता है। अण्डाशयी ड्रिलिंग एक प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर अंडाशय में एक छोटे नीडल जिसमें इलेक्ट्रिक करंट होता है उसकी सहायता से एक छेद किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अंडाशय के भाग को खत्म किया जा सके। यह एक कम टाइम के लिए किया जाने वाला उपाय है। इन से ओव्यूलेशन को बढ़ाया जा सकता है और नर-हॉर्मोन्स को कम किया जा सकता है। स्थिति गभीर होने पर सिस्टेक्टॉमी द्वारा सिस्टम को हटाया भी जा सकता है।
इस बीमारी में ये डाइट लेनी चाहिए -
1.कम कार्बोहाइड्रेट्स वाले भोजन का सेवन करें और ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट्स से भरे हुए खाने से परहेज़ करें जैसे की चीनी, मिठाई, नमकीन और ब्रेड
2.संतुलित आहार लें, प्रयास करना चाहिए की आहार में प्रोटीन की मात्रा अधिक लें जैसे पनीर, अण्डे, मांस या मछली का सेवन करें।
3.ग्रेन्स जैसे की भूरे चावल, रागी या ओट्स खाएँ
4.फाइबर युक्त चीज़ों का भी अधिक सेवन करें जैसे की फल, स्प्राउट्स और सलाद
5.दालचीनी का सेवन करें क्योंकि यह शरीर में इंसुलिन लेवल को बढ़ने से रोकने में सक्षम है।
6.जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक की मात्रा ज्यादा हो, उनका परहेज़ करें जैसे की आलू, सफ़ेद ब्रेड आदि।
7.मुलहठी के सेवन से महिला के शरीर में मौजूद पुरुष हार्मोन में कमी आने लगती है जिससे पीसीओडी की समस्या में राहत मिलती है।
8.धूम्रपान व् शराब का सेवन बिल्कुल बंद करें।
9.पीसीओडी के बारे में पता चलने पर तुरंत उसका इलाज करवाए । अपने आप इसका इलाज करने की बजाय किसी योग्य गैक्नॉलॉजिस्ट से इसका उपचार शुरू करे।
10.योगा बहुत सरी बीमारियों से निजात पाने में सहायक है।पीसीओडी की समस्या से योग के जरिए निजात पाया जा सकता है।मेडिकल इलाज के अलावा योगासन भी इन बीमारियों को कम करने में मदद करता है। कुछ आसन है जोकि इसमे मददगार हो सकते है जैसे: पश्चिमोत्तासन, धनुरासन, सवर्गासन्न और हलासन। इन 4 योगासनों के जरिये पीसीओडी से आसानी से छुटकारा मिल सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।