कहीं आपके बढ़ते वजन का कारण यह बीमारी तो नहीं? जानें इससे बचने के घरेलू उपाय

आजकल महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या आम हो गई है। पीसीओएस की स्थिति में महिला की ओवरी में सिस्ट यानी गांठ हो जाती है। या बीमारी मुख्य तौर पर हार्मोंस की गड़बड़ी की वजह से होती है। इस स्थिति है में महिला के शरीर में एंड्रोजेंस या मेल हार्मोन अधिक होने लगते हैं। ऐसे में शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है जिसका असर अंडे के विकास पर पड़ता है। खराब जीवनशैली, एक्सरसाइज की कमी और खान-पान की गलत आदतों की वजह से लाखों महिलाऐं इस समस्या से पीड़ित हैं। हालांकि, कई बार यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है। इस समस्या के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स और गर्भधारण करने में दिक्क्त होने लगती है। इस बीमारी वजन बढ़ना, थकान, चेहरे पर बाल आदि एलक्शन देखने को मिलते हैं। कई महिलाऐं पीसीओएस के इलाज के लिए दवाओं का सहारा लेती हैं। हालांकि, कुछ घरेलू नुस्खों से भी इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। आइए जानते हैं पीसीओएस से छुटकारा पाने के लिए कुछ असरदार घरेलू नुस्खे -
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम के लक्षण
- हाइपरएंड्रोजेनिज्म यानि महिला शरीर में एंड्रोजन्स पुरुष के टेस्टोस्टेरोन की मात्रा अधिक बढ़ना।
- चेहरे पर बाल आना
- अनियमित पीरियड्स
- प्रेग्नेंसी में मुश्किल आना
- बालों का अधिक झड़ना
- तेजी से वजन बढ़ना
- चेहरे, चेस्ट और पीठ पर मुँहासे होना
दालचीनी
पीसीओएस की समस्या में दालचीनी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। एक शोध में पाया गया है कि दालचीनी में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकती है और मोटापे को कम करने में मदद करती है। इसके लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिएं।
तुलसी
आयुर्वेद के अनुसार तुलसी को एक औषधीय पौधा माना जाता है। तुलसी का सेवन हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है यह तो आप जानते ही होंगे। तुलसी में एन्टी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं। नियमित रूप से तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से इंसुलिन का स्तर कम होता है , जिससे टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम करने में मदद करती है। तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी में 8-10 तुलसी की पत्तियाँ डालकर उबालें। फिर इसे छानकर इस पानी का सेवन करें।
हल्दी
हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर है। हल्दी को ना केवल खाने में मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि यह हमारी सेहत से लिए भी बहुत गुणकारी है। हल्दी में ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। रोजाना रात को सोने से पहले दूध में हल्दी डालकर पिएं। इससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी और पीसीओएस में भी लाभ होगा।
मेथी
पीसीओएस की स्थिति में वजन तेजी से बढ़ता है। इस समस्या में मेथी का सेवन बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। मेथी का सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ावा मिलता है। यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के बीजों को रातभर के लिए भिगो दें। अगले दिन सुबह खाली पेट भीगे हुए बीजों को पानी के साथ लें।
एलोवेरा जूस
एलोवेरा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। एलोवेरा का जूस पीने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है, वहीं इसका जेल लगाने से त्वचा की समस्याएं दूर होती हैं। पीसीओएस की समस्या में एलोवेरा जूस का सेवन करने से बहुत फायदा होता है। कई शोधो में यह पाया गया है कि एलोवेरा जूस में फाइटोस्टेरॉल और फाइटो-फिनोल नामक तत्व पाए जाते हैं जो पीसीओएस की समस्या में हाइपरग्लाइसेमिक की स्थिति सामान्य करने में मदद करता है। रोजाना खाली पेट ताजा एलोवेरा का जूस पीने से पीसीओएस की समस्या में लाभ होगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।