Health Tips: सर्दी-खांसी की समस्या से अक्सर रहते हैं परेशान, तो डाइट में शामिल करें ये 5 फल
- अनन्या मिश्रा
- Nov 29, 2024
कई लोगों को हर मौसम में सर्दी-जुकाम और कफ की समस्या बनी रहती है। जिसकी वजह से कई बार लोग काफी बीमार पड़ जाते हैं और लगातार वह लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में अगर आप इस परेशानी से राहत पाना चाहते हैं, तो कुछ फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। दरअसल, जब आप विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर कुछ फलों का सेवन करते हैं, तो यह इम्यूनिटी को मजबूत करता है और यह इंफेक्शन को कम करने में सहायक होता है। इसके साथ ही यह फल कफ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। तो हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दी-जुकाम और कफ की समस्या होने पर किन फलों को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
अनानास
अनानास में ब्रोमेलैन पाया जाता है, जो सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है। यह फल कफ और बलगम को भी कम करता है। सर्दी-जुकाम से छुटकारा पाने के लिए आप अनानास को पकाकर चटनी बना लें या फिर जूस बनाकर पिएं। इससे आपको सर्दी-जुकाम में भी आराम मिलेगा।
अनार
बता दें कि अनार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। यह फल खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है और गले में जलन की समस्या कम होती है। सर्दी-खांसी की समस्या होने पर भी आप अनार का जूस पी सकते हैं। या फिर अनार के दाने निकालकर खा सकते हैं।
पपीता
पपीता में विटामिन सी और पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है। यह डाइजेशन के लिए काफी अच्छा होता है। इसके साथ ही पपीता सर्दी के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। पपीते की तासीर गर्म होती है। इसलिए आप इसको सर्दी-जुकाम के दौरान खा सकते हैं।
सेब
अगर हर रोज सेब का सेवन करते हैं, तो आप सर्दी और खांसी जैसी समस्या से दूर रहते हैं। सेब में फाइबर और विटामिन सी का अच्छा सोर्स होता है। इससे आप सर्दी-खांसी में सीधा खा सकते हैं या फिर इसका हलवा बनाकर खा सकते हैं।
जामुन
जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है। यह तब और ज्यादा फायदेमंद होता है, जब आपकी बॉडी किसी संक्रमण से लड़ रहा हो, इसके लिए आप सीधे जामुन खाएं या फिर इसका जूस पी सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।