पाचन की खराबी को नजरअंदाज करने की गलती आपको भारी पड़ सकती है। अधिकतर लोग अपच, कब्ज, गैस, ब्लोटिंग और हाजमें से जुड़ी समस्याओं को हल्के में लेते हैं। लेकिन बार-बार पेट फूलना, स्मैली फार्ट और खट्टी डकारें आना इस बात का संकेत है कि आपका लिवर फंक्शन कमजोर है और आपकी गट हेल्थ सही नहीं है। कई बार हैवी खाना खाने के कारण पेट में होने वाली गड़बड़ इस तरफ इशारा करती है कि आपको अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव करने की जरूरत है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक देसी चूर्ण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको घर पर बनाना आसान है। वहीं यह चूर्ण गुणों से भरपूर है।
हाजमे को दुरुस्त करेगा यह आयुर्वेदिक चूर्ण
एक्सपर्ट के मुताबिक यह देसी चूर्ण हाजमे को दुरुस्त करता है। इस चूर्ण का सेवन करने से फंक्शन बेहतर होता है और गट हेल्थ में भी सुधार होता है। अगर आप इस चूर्ण को छाछ या दही में मिलाकर 2 महीने तक लेते हैं, तो पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
लिवर बाइल प्रोडक्शन का काम करता है और यह लिवर और गट के कनेक्शन को सुधारता है। साथ ही यह चूर्ण फैट को ब्रेकडाउन करने में सहायता करता है।
लिवर हेल्थ खराब होने पर खाना ठीक तरीके से नहीं पचता है। साथ ही अनडाइजेस्टिव फैट बढ़ने लगता है। जिसके कारण एक्स्ट्रा गैस और ब्लोटिंग होने लगती है।
बता दें कि अजवाइन में थाइमॉल पाया जाता है, जोकि पाचन एंजाइम्स के सीक्रेशन में मदद करता है। वहीं जीरा भी डाइजेशन को बेहतर करता है और सौंफ एसिडिटी और कब्ज को दूर करने में सहायता करता है।
एक्सपर्ट की मानें, तो इस चूर्ण का रोजाना रात में सोते वक्त गुनगुने पानी के साथ भी ले सकती हैं। इससे पेट में फंसी गैस आसानी से बाहर निकलेगी। साथ ही इस चूर्ण का सेवन करने से पेट में ऐंठन भी नहीं होगी।
ऐसे बनाएं ये चूर्ण
इस चूर्ण को बनाने के लिए जीरा, अजवाइन और सौंफ को बराबर मात्रा में लेना है।
अब इन सभी चीजों को ड्राई रोस्ट करें और हल्का सा पीस लें।
फिर इसमें 2 चम्मच हींग मिलाएं और बाकी चीजों से आधी मात्रा में सूखी अदरक का पाउडर मिलाना है।
इसमें एक चम्मच काला नमक मिलाएं। इस आसान तरीके से देसी चूर्ण तैयार हो जाएगा।