स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं है गिलोय, जानें इसके लाभ और सेवन का सही तरीका

  • Healthy Nuskhe
  • Aug 22, 2020

स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं है गिलोय, जानें इसके लाभ और सेवन का सही तरीका

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय एक बहुत उपयोगी और गुणकारी औषधि है। आयुर्वेद में इसे अमृत बेल भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर पेड़ों-झाड़ियों, जंगलों, पार्कों या दीवारों पर उगती है। गिलोय को अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, जीवन्तिका जैसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। इसमें कई औषधीय तत्व पाए जाते हैं जो डेंगू, मलेरिया, पीलिया, एनेमिया जैसी कई बीमारियों में आराम पहुँचाने में मदद करते हैं। गिलोय का नियमित सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और की तरह के संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षा होती है। इसके अलावा गिलोय शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढाती है जिससे शुगर की बीमारी में फायदा होता है। आज के इस लेख में हम आपको गिलोय से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी देंगे और इसके सेवन का सही तरीका भी बताएंगे - 


डायबिटीज की बीमारी में लाभदायक  

डायबिटीज के मरीजों के लिए गिलोय का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक गिलोय में पर्याप्त मात्रा में हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। गिलोय शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करने में मदद करती है इसलिए टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को गिलोय जूस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। सुबह खाली पेट 2-3 चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलकर पीने से शुगर की बीमारी में लाभ होता है। 


डेंगू, मलेरिया जैसे बुखार में असरदार 

डेंगू बुखार में भी गिलोय का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है। गिलोय में एंटी-पायरेटिक (ज्वरनाशक) गुण मौजूद होते हैं जो तेज बुखार को जल्दी ठीक करते हैं।  इसी वजह से डेंगू, मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर बुखार में गिलोय का सेवन करने की सलाह दी जाती है। डेंगू के दौरान मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है। गिलोय का सेवन करने से खून में प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद मिलती है। डेंगू बुखार में 2-3 चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर पीने से डेंगू से जल्दी आराम मिलता है।


पाचन शक्ति बढ़ाती है 

गिलोय का सेवन पाचन या पेट संबंधी समस्याओं में भी फायदा करता है। नियमित रूप से गिलोय का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज़, एसिडिटी या अपच में लाभ होता है। रोजाना सोने से पहले एक चम्मच गिलोय चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट और पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 


खांसी में मिलती है राहत 

गिलोय का सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है। गिलोय में एंटी-एलर्जिक गुण पाए जाते हैं जो खाँसी दूर करने में मदद करते हैं। अगर आपको कई दिनों से खांसी आ रही है तो शहद के साथ गिलोय के काढ़े का सेवन करने से खांसी में जल्दी आराम मिलेगा। 


इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक 

गिलोय का सेवन करने से कई तरह की बीमारियों से मुक्ति तो मिलती ही है इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) भी बढ़ाती है। नियमित गिलोय का सेवन करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है जिससे कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। 


पीलिया ठीक करती है 

गिलोय का सेवन पीलिया ठीक करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। पीलिया के मरीज को गिलोय के ताजे पत्तों को पीसकर उसका रस पिलाने से पीलिया जल्दी ठीक होता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी राहत मिलती है। 


एनीमिया से बचाव 

गिलोय का सेवन शरीर में खून की कमी (एनीमिया) की समस्या दूर करने में भी फायदेमंद होता है। गिलोय जूस का नियमित सेवन करने से शरीर में खून की कमी को दूर होती है और इम्युनिटी मजबूत होती है। जिन महिलाओं में एनीमिया की शिकायत होती है उन्हें रोज़ाना गिलोय जूस का सेवन करना चाहिए। 


त्वचा के लिए गुणकारी 

त्वचा के रोगों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होती है। गिलोय के इस्तेमाल से त्वचा संबंधी रोगों, एलर्जी,  रैशेस, कील-मुंहासे आदि समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। गिलोय को पीस कर इसका पेस्ट प्रभावित हिस्से पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है। 


अस्थमा में है असरदार 

साँस संबंधित बीमरियों जैसे अस्थमा में भी गिलोय बहुत फायदेमंद साबित होती है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो साँस से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाने में मदद करते हैं। गिलोय का सेवन करने से अस्थमा, गले में कफ, खांसी और साँस संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है। गिलोय चूर्ण में मुलेठी चूर्ण मिलाकर शहद के साथ खाने से अस्थमा में फायदा होता है। 


गठिया में मिलती है राहत 

गठिया रोग के इलाज में भी गिलोय बहुत असरदार है। जिन लोगों को गठिया या जोड़ों में दर्द की समस्या होती है उनके लिए गिलोय का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं जो गठिया और जोड़ों के दर्द से आराम दिलाने में मदद करते हैं।


गिलोय को इस्तेमाल करने का सही तरीका 

आमतौर पर गिलोय का सेवन गिलोय सत्व के रुप में, जूस या काढ़ा या चूर्ण के रूप में किया जा सकता है। गिलोय का सेवन हमेशा अपनी जरूरत के अनुसार और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। डॉक्टर्स के अनुसार एक स्वस्थ इंसान को एक दिन में  गिलोय की 20 gm से अधिक मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है और मुंह में छाले या अन्य परेशानियां हो सकती हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


Tags
giloy home remedies, benefits of giloy, top benefits of giloy, benefits of giloy for health, giloy health benefits, giloy health benefits in hindi, health benefits of giloy and how to use it, how to consume giloy, गिलोय के स्वास्थ्य लाभों, गिलोय को इस्तेमाल करने का सही तरीका

Related Posts