Monsoon Health Tips: मानसून में बच्चों की बीमारियों ने कर दिया है परेशान तो अपनाएं ये नुस्खे, इम्यूनिटी भी होगी बूस्ट
- अनन्या मिश्रा
- Jun 28, 2025

भारत के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है। मानसूम शुरू होने के साथ ही सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी और ठंड लगने जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। वहीं इस मौसम से बच्चे और बुजुर्ग थोड़ा जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए इस मौसम में बच्चों और बुजुर्ग को स्वस्थ रखना कई बार एक बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाने से मामूली सर्दी-जुकाम या बुखार आसानी से इलाज किया जा सकता है। वहीं अगर यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यहां जानिए सर्दी-जुकाम या बुखार का घरेलू इलाज
हल्दी वाला दूध
एक्सपर्ट के मुताबिक सर्दी-जुकाम या बुखार से राहत पाने के लिए बच्चों को हल्दी वाला दूध का सेवन बड़ा असरदार माना जाता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जोकि इंफेक्शन से लड़ने और गले की खराश में राहत देने का काम करते हैं। इसलिए सोने से पहले गुनगुने दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर बच्चे को पिला दें।
गुनगुना पानी
सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर बच्चों को ठंडी चीजें नहीं देनी चाहिए। बल्कि बच्चे को पीने के लिए गुनगुना या हल्का गर्म पानी देना चाहिए। इससे गले की खराश और सूजन की समस्या कम हो सकती है।
अदरक, तुलसी और शहद का काढ़ा
गले की खराश, खांसी या बुखार आदि में आप बच्चे को तुलसी के पत्ते, अदरक, काली मिर्च और शहद का काढ़ा बनाकर दे सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। हालांकि एक साल से छोटे बच्चे को यह काढ़ा नहीं देना चाहिए।
तुलसी और अदरक का रस
तुलसी के पत्तों और अदरक का रस और थोड़े से शहद में मिलाकर देने से सर्दी-जुकाम और बुखार से राहत मिल सकती है।
तरल पदार्थ
अगर बच्चे को बुखार हो गया है, तो उसको पानी पिलाएं, नारियल पानी, सूप या ताजे फलों का रस भी दे सकते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी भी पूरी होगी और एनर्जी भी बनी रहेगी।
बारिश के पानी से भी करें बच्चे का बचाव
बच्चे को बारिश में भीगने या गंदे पानी में खेलने से रोकें।
अगर बच्चा गीला हो गया है तो तुरंत उसके कपड़े बदल दें।
बच्चों की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
पौष्टिक आहार दें, जिससे बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत हो।
नींद पूरी करने और आराम करने के लिए पर्याप्त समय दें।
समय-समय पर टीकाकरण जरूर कराएं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।