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क्या आपको भी अजीबोगरीब चीजें दिखाई-सुनाई देती हैं? जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

By Healthy Nuskhe | Sep 12, 2020

हैलूसिनेशन या मतिभ्रम एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति वास्तविक और काल्पनिक के बीच अंतर नहीं कर पाता है। इसमें मुख्य रूप से मरीज को कुछ ऐसे अनुभव होते हैं जो असल में ना होते हुए भी वास्तविक लगते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति हो कुछ ऐसी चीज़ें सुनाई या दिखाई देने लगती हैं जो वास्तव में होती ही नहीं हैं। अक्सर लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है और इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को पागल समझने लगते हैं। हालाँकि, हैलूसिनेशन पागलपन नहीं है और इस बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। 

डॉक्टर्स के मुताबिक हमारे दिमाग में कुछ केमिकल्स रिलीज होते हैं। जब किसी व्यक्ति के दिमाग में इन केमिकल्स की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है यानी केमिकल असंतुलन हो जाता है तो उसे ऐसे अनुभव होने लगते हैं। इसके अलावा स्किज़ोफ्रेनिया, पार्किन्सन डिसीज या डीमेंसिया जैसे मानसिक रोगों के कारण भी हैलूसिनेशन के लक्षण देखने को मिलते हैं। 

हैलुसीनेशन के प्रकार
डॉक्टर्स के मुताबिक हैलूसिनेशन हमारी पाँचों इंद्रियों को प्रभावित कर सकता है। इससे व्यक्ति को ऐसी चीज़ें दिखाई, सुनाई या महसूस होने लगती हैं जो असल में हैं ही नहीं। हैलुसीनेशन के कई प्रकार हैं, जिनमें से ऑडिटरी और विज्युअल हैलूसिनेशन के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। 
ऑडिटरी हैलुसीनेशन के दौरान व्यक्ति को अचानक कोई आवाज़ सुनाई देती है जो असल में उसका भ्रम होता है। शिजोफ्रेनिया की बीमारी में अक्सर ऐसा देखा जाता है। इसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे उसे कोई बुला रहा हो या उसे आवाज़ें सुनाई देती हैं।  
विज्युअल हैलुसीनेशन के दौरान व्यक्ति कुछ ऐसे दृश्य और आकृति जो काल्पनिक होते हैं। इसमें कभी-कभी व्यक्ति को लगता है जैसे कोई उसके पीछे खड़ा है। इसके अलावा कभी कभी हैलूसिनेशन हमारी सूँघने, स्पर्श और स्वाद की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को किसी तेज गंध, स्पर्श या स्वाद का अनुभव भी होता है, जो वास्तव में काल्पनिक होता है।  

किस उम्र के लोगों को करता है प्रभावित 
हैलूसिनेशन किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। खासतौर पर बच्चों में तेज बुखार, किसी अन्य बीमारी या किसी प्रिय को खो देने के कारण हैलूसिनेशन की समस्या हो सकती है। 
बड़ी उम्र के लोगों में स्किज़ोफ्रेनिया, पार्किन्सन डिसीज या डीमेंसिया जैसी मानसिक बीमारी के कारण हैलूसिनेशन हो सकता है। इसके अलावा शराब या ड्रग्स के  अधिक सेवन, नींद की कमी और कुछ दवाइयों के दुष्प्रभाव कारण भी हैलूसिनेशन के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। यदि हाल ही में कोई संबंध खत्म हुआ हो या किसी करीबी की मृत्यु हुई हो तब भी हैलूसिनेशन की समस्या हो सकती है। 
 
डॉक्टर की सलाह है जरूरी 
हैलूसिनेशन एक गंभीर मानसिक रोग है इसलिए इस बीमारी के इलाज के लिए किसी डॉक्टर या मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा स्वस्थ और तनाव रहित जीवनशैली अपनाकर और ड्रग्स या शराब का सेवन छोड़कर भी इस समस्या से बचाव किया जा सकता है। इस बीमारी में दवा और इलाज के साथ मरीज को परिवार के सहयोग की भी बहुत जरूरत होती है।
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