स्वस्थ रहने के लिए पंचतत्व से जुड़कर ही जीवन जीना है जरूरी

  • Healthy Nuskhe
  • Aug 31, 2020

स्वस्थ रहने के लिए पंचतत्व से जुड़कर ही जीवन जीना है जरूरी

हमारे शरीर मे कोई भी रोग हो तो हम सीधा डॉक्टर के पास भागते है क्योंकि आज हमारे पास पैसा है और साथ कि साथ तकनीक भी। तो हम स्वयं का इलाज कराने के लिए तकनीक की तरफ भागते है। लेकिन पुराने समय ऐसा नही था, उस समय लोग यौगिक रूप से हर किसी बीमारी का इलाज करते थे।इसी पुरानी परंपरा को जीवित करते हुए सद्गुरु ने भी वैश्विक यौगिक अस्पताल शुरू किया हुआ है।दूसरे देश से भी ऐसे ही अनेकों लोग सद्गुरु के अस्पताल में बहुत सारी उम्मीदे लेकर आते है अपनी बीमारियों को ठीक करने के लिए और वो इसका सकारात्मक फल भी पाते हैं।


इसी तरह कुछ लोग विदेश से सद्गुरु के पास आये थे उनके यौगिक अस्पताल में इलाज के लिए लेकिन वहाँ आने के बाद वो कुछ नाराज थे, तो उन्हें समझ नही आया कि ऐसा क्यों है –मैंने क्या किया? फिर सद्गुरु ने सुना तो वे बस यही बातें कर रहे थे – “ये सब फ़ालतू बकवास है! सद्गुरु ने कहा था की  यहां एक योगिक अस्पताल! कहां है योगिक अस्पताल? हमें कोई बिस्तर नहीं दिख रहे हैं, हमें कुछ नहीं दिख रहा”। फिर सद्गुरु को समझ में आया कि अच्छा ये उनकी परेशानी है, फिर सद्गुरु ने उन्हें बुलाया और पूछा कि आखिर बात क्या है आप ऐसे नाराज और उदास क्यों है। उनमें से एक महिला जोकि अपनी आँखों में आंसू लिए हुए थी, उसने बताया – मैं आपके पास बेहद विश्वाश और उम्मीद के साथ आई थी लेकिन यहाँ पर तो धोखा हो रहा है, यहां तो कोई अस्पताल है ही नहीं और न ही कोई अस्पताल जैसी सुविधाएं लेकिन अपने कहा था कि यहां अस्पताल है।


उनका ये तर्क सुनने के बाद सद्गुरु के कहा  – “आप आराम से बैठिये और कहा कि क्या आपके अस्पताल के बारे में ये विचार हैं कि अस्पताल में बहुत से बिस्तर हों ओर वहाँ पर मरीजों को लेटाकर उन्हें केवल दवाइयां देते रहे ओर ज्यादा बीमार करते रहें।परन्तु यहाँ ऐसा नही है ,ये एक यौगिक अस्पताल है। यहाँ ऐसा नहीं है यहां पर मैं आपके आसपास घूम रहा हूं और जो भी बगीचे में काम कर रहे हैं आपके आसपास घूम रहे हैं वह सब भी मरीज है हम उन लोगों से काम करवाते हैं और वह ठीक हो जाते हैं कुछ लोग बगीचे में काम कर रहे हैं कुछ लोग रसोई घर में काम कर रहे हैं यह सब भी मरीज है।


सबसे जरूरी चीज हम आप को समझाना चाहते हैं वह यह कि कोई भी व्यक्ति जॉब बीमार हो उससे योगिक अस्पताल में बगीचे में काम करवाया जाता है उन्हें खाली हाथों धरती के संपर्क में कम से कम आधे घंटे से लेकर 45 मिनट तक जरूर रहना होता है। ऐसा करने से यह फायदा होता है कि वह बिल्कुल स्वस्थ हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारा शरीर वह बस इस धरती का एक टुकड़ा है। यह तो आप भी जानते जितने भी लोग धरती पर आए वो सब धरती में ही चले गए तो सब धरती का ही टुकड़ा है। तो यह शरीर सबसे अच्छा तब ही रहेगा जब हम सभी धरती से अपना संपर्क बनाए रखें। आज के समय हर इंसान सूट-बूट पहनकर 50 वें माले पर चलता रहता है और कभी भी धरती के साथ नहीं जुड़ता ऐसे समय में हमारा शरीर और हमारा मानसिक संतुलन बीमार होना स्वभाविक है। इसलिए सदैव धरती से जुड़ कर रहना चाहिए, अपना कामकाज खुद करनी चाहिए जिससे हमारा स्वास्थ्य बना रहे क्योंकि हमारा पूरा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। अगर हम उन्हें पांच तत्वों के संपर्क में लगातार आते रहे तो उससे हमारे विश्वास और मानसिक दोनों ही सही रहेंगे। योगिक अस्पताल में भी यही काम किया जाता है वहां पर दिल के रोग से लेकर बड़े-बड़े मरीज सही होकर अपने घर लौटे हैं क्योंकि योगिक अस्पताल में आपको पंचतत्वों के संपर्क में रखने का प्रयास किया जाता है। 


डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


Tags
Panchatatva, body composed of five elements, water, air, fire, sky, earth, surefire ways to stay healthy, compound hospital, live life in compound way, पंचतत्व, पंच तत्वों से बना शरीर, जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी, स्वस्थ रहने के अचूक उपाय, यौगिक अस्पताल, यौगिक तरीके से जीवन जिए

Related Posts