Vitamin B5 Deficiency: शरीर में विटामिन बी5 की कमी को ऐसे करें पूरा, जानिए इसके फायदे और स्त्रोत
- अनन्या मिश्रा
- Oct 09, 2024
अन्य विटामिन की तरह हमारे शरीर के लिए विटामिन बी5 बहुत जरूरी होता है। यह पानी में घुलनशील विटामिन बी ग्रुप का विटामिन है। जो हमारी बॉडी में हार्मोन्स के लेवल को बैलेंस करता है। विटामिन बी 5 कार्बोहाइड्रेट और फैट को तोड़कर हमारे शरीर को एनर्जी देता है। विटामिन बी5 हमारे हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जरूरी होता है और यह शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ खूबसूरती बढ़ाने का काम करता है। यह बालों और त्वचा के लिए भी जरूरी होता है।
विटामिन बी 5 रूमेटाइड अर्थराइटिस को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है। इस विटामिन की कमी से शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में बेचैनी, सिर दर्द, थकान, बेचैनी और चिड़चिड़ापन होता है। वहीं विटामिन बी5 की कमी होने से व्यक्ति को पेट संबंधी समस्या हो सकती है। ऐसे में आप इस आर्टिकल के जरिए हम आपको विटामिन बी 5 के फायदों, कमी और इसकी अधिकता से होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
विटामिन बी5
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो इस विटामिन की कमी के मामले बेहद कम देखने को मिलते हैं। वहीं अधिक लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं है। विटामिन बी5 को पेंटोथेनिक एसिड भी कहा जाता है। विटामिन बी5 हमारे शरीर में ब्लड सेल्स बनाने और भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करता है।
विटामिन बी 5 की कमी के लक्षण
त्वचा में रूखापन और छिद्रों की समस्याएं
पेट से जुड़ी समस्याएं
हाथ पैर में झुनझुनी
थकान और कमजोरी
मांसपेशियों में दर्द
भूख कम लगना
वजन कम होना
चिड़चिड़ापन
अनिद्रा
सिर दर्द
विटामिन बी5 फायदे
हार्मोन के लिए विटामिन बी5
विटामिन बी 5 की वजह से शरीर की अलग-अलग ग्रंथियों से हार्मोन निकलने का प्रोसेस सही तरीके से होता है। इसके साथ ही विटामिन बी5 हार्मोन के लेवल को कंट्रोल में रखता है।
स्ट्रेस होगा कम
विटामिन बी 5 का सेवन करने से एड्रेनल ग्रंथियों को तनाव से निपटने वाले हार्मोन कॉर्टिसोल बनाने सहायता मिलती है। इस विटामिन की कमी होने से चिंता और तनाव जैसी समस्याएं होने लगती है और मूड स्विंग्स की समस्या भी देखने को मिलती है। ऐसे में इसकी कमी को पूरा करने के लिए व्यक्ति को अपनी डाइट में विटामिन बी5 से भरपूर चीजों को शामिल करना चाहिए।
दिल रहेगा स्वस्थ
विटामिन बी5 हमारे दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है। यह विटामिन दिल में होने वाली सूजन को कम करता है और यह कोलेस्ट्रॉल सहित दिल की कई बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
मेटाबोलिज्म होगा बूस्ट
हेल्दी रहने के लिए शरीर का मेटाबॉलिज्म सही और एक्टिव रहना बहुत जरूरी होता है। वहीं विटामिन बी5 शरीर में मेटाबॉलिज्म के प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। खासकर खाने से जो हमारे शरीर को फैट और कार्बोहाइड्रेट मिलता है, विटामिन बी5 उसे तोड़कर एनर्जी प्राप्त करने में मदद करता है। वहीं इससे शरीर और दिमाग भी ठीक तरीके से काम करता है और थकान जैसी समस्या दूर होती है।
हीमोग्लोबिल बनाने में सहायक
कोशिकाओं के निर्माण के लिए विटामिन बी5 बेहद जरूरी होता है। विटामिन बी5 आयरन और कॉपर जैसे तत्वों के साथ मिलकर शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करता है।
इम्यून सिस्टम होगा मजबूत
वहीं विटामिन बी5 में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाया जाता है। जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन बी5 में सारे गुण मौजूद होते हैं और यह शरीर को बीमारियों से दूर रखता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक विटामिन बी5 के प्रभाव से व्हाइट ब्लड सेल्स में बढ़ोत्तरी होती है। वहीं शरीर में मौजूद सफेद कोशिकाएं बाहरी संक्रमणों से भी बचाव करती है।
बालों और स्किन के लिए फायदेमंद
विटामिन बी5 से हार्मोन का लेवल बैलेंस रहता है। यह हमारी त्वचा और बालों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। विटामिन बी5 से बाल मजबूत होते हैं और त्वचा भी हेल्दी रहती है। वहीं बढ़ती उम्र के साथ स्किन समस्याएं जैसे- दाग-धब्बे, झाइयां और झुर्रियों आदि कम करने में सहायता मिलती है।
बॉडी को विटामिन बी5 की जरूरत
बता दें कि उम्र के हिसाब से शरीर को विटामिन बी 5 की जरूरत होती है। जहां वयस्कों को प्रतिदिन 5 मिलीग्राम, प्रेग्नेंट महिलाओं को 6 मिलीग्राम और स्तनपान करने वाली औरतों को 7 मिलीग्राम तक विटामिन बी 5 लेना चाहिए। वहीं 6 माह से कम उम्र के बच्चे को प्रतिदिन 1.7 मिलीग्राम विटामिन बी चाहिए होता है। 14 साल से ऊपर वाले लोगों को रोजाना 5 मिलीग्राम विटामिन बी 5 लेना चाहिए।
अधिक विटामिन बी 5 लेने से होने वाले नुकसान
रक्त वाहिकाओं का सख्त होना
सीने में जलन
डिहाइड्रेशन
जोड़ों में दर्द
सूजन
दस्त
विटामिन बी 5 के मुख्य स्त्रोत
मशरूम
सूरजमुखी के बीज
अंडा
शकरकंद
ब्रोकली
दालें
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।