Depression: डिप्रेशन का शिकार होने पर नजर आते हैं ये 6 बदलाव, न करें नजरअंदाज करने की गलती
- अनन्या मिश्रा
- Sep 21, 2024
डिप्रेशन एक ऐसी गंभीर मानसिक समस्या है, जिसका समय पर इलाज होना बेहद जरूरी होता है। हालांकि आज के दौरान में युवा नौजवान डिप्रेशन की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। हालांकि अधिकतर लोगों को यह मालूम नहीं होता है कि वह डिप्रेशन के शिकार हैं, जिसके कारण कई बार मामला हाथ से निकल जाता है।
ऐसे में आज इसके बारे में सभी को जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन 6 लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो डिप्रेशन का शिकार होने से पहले किसी भी व्यक्ति में नजर आते हैं। तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...
नजर आते हैं ये 6 लक्षण
अगर कोई व्यक्ति बहुत खा रहा है या बहुत कम खा रहा है, तो यह डिप्रेशन का शुरूआती लक्षण हो सकता है। बता दें कि स्ट्रेस के कारण ज्यादा भूख लगती है और तनाव को कम करने के लिए लोग अच्छा खाना खाते हैं, जिससे उनको सुकून मिलता है। तो कई बार तनाव अधिक होने के कारण लोग भोजन को बोझ समझने लगते हैं। यह दोनों ही स्थिति डिप्रेशन की तरफ इशारा करती हैं।
डिप्रेशन के सबसे आम लक्षणों में दुख और निराशा की भावना होती है। अगर आप किसी भी काम करने के पहले निराश हो जाते हैं या फिर छोटी-छोटी बातों पर दुखी हो जाते हैं। तो इसको भी डिप्रेशन का ही लक्षण समझना चाहिए।
अगर आप बिना किसी मेहनत या गतिविधि के बाद खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह भी डिप्रेशन की तरफ इशारा होता है। कई बार ऐसा नींद की कमी के कारण भी होता है।
यदि आप पहले किसी काम को खूब आनंद लेकर किया करते थे और अब आपको किसी भी काम में बिलकुल रुचि नहीं हैं, तो यह भी डिप्रेशन के शुरूआती लक्षणों की तरफ इशारा करता है।
जो लोग डिप्रेशन से प्रभावित होते हैं, उन लोगों का खाना खाने का मन नहीं करता है और वह खाने को बोझ भी मान सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति बिलकुल भी सो नहीं पाता है या बहुत देर तक सोता रहता है। तो यह भी डिप्रेशन का शुरूआती लक्षण हो सकता है। अगर आपको चिंता की वजह से नींद नहीं आती है या फिर आप में ऊर्जा की कमी की वजह से अधिक सोते हैं तो यह भी डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति किसी भी बात पर आसानी से भड़क जाता है और यदि कोई कुछ कह देता है तो चिड़चिड़े होकर गुस्सा होने लगते हैं। तो यह भी डिप्रेशन की तरफ इशारा करता है। क्योंकि व्यक्ति पर चिंता के कारण भावनात्मक दबाव बना रहता है। ऐसे में व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर भड़क सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।