पुरुषों में शुक्राणु कमी की वजह बन सकती हैं ये आदतें, जिन्हें जल्द छोड़ना है बेहद जरूरी

संसार के नियम के मुताबिक प्राणी जगत में सभी जातियों प्रजातियों को प्रजनन क्षमता प्रकृति द्वारा प्रदत्त है। जिसमें मानव जाति की प्रजनन क्षमता का विश्लेषण इसलिए आवश्यक है, क्योंकि प्रकृति के समस्त साधनों के उपयोग व कृत्रिम निर्माण कर सकने में केवल मानवों को सक्षम माना गया है। लेकिन समय के फेर में विकास की बागडोर थामे सभ्यताओं के बदलते परिवेश के बीच ये ऐसा युग है, जहां मनुष्य के प्रजननकाल, प्रजननदर व प्रजनन क्षमताओं में खासा परिवर्तन देखा गया। जो इस पर चिंता करने को मजबूर करता है।
आधुनिक काल में पुरुषों के शुक्राणुओं के विकास में उनकी आदतें प्रजनन नियम को बर्बाद करने की ओर बढ़ रही हैं जिन्हें काबू करना समयोचित है। आइए पुरुषों के स्पर्म काउंट में आ रही तब्दीली के कारण, कारक, व विकार के बारे में विस्तृत अध्ययन करते हैं।
पुरुषों में स्पर्म की संख्या में कमी आने का मुख्य कारण दिनचर्या, खानपान, वर्किंग टाइम मैनेजमेंट जैसी मुख्य चीजें होती हैं।
जंक फ़ूड का अधिकता से सेवन
पूरी दुनिया में जंक फूड की खपत जिस तरह से हो रही है, उसको देखते हुए यह एक चिंता का विषय क्योंकि यह अल्पाहार होता है जो भूख मिटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे भूख तो मिट जाती है, लेकिन स्वास्थ्य दिन-ब-दिन कमजोर होता है। पुरुषों के स्पर्म काउंट को कम करने में जंक फूड की बहुत बड़ी भूमिका है। पिज़्ज़ा, बर्गर, तले-भुने खाद्य, चिप्स आदि जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। इसलिए मजबूत प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए कम से कम जंक फूड का सेवन करें।
गर्म पानी से नहाने से बचें
ऐसा माना जाता है कि पुरुषों को गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए ये विशेषज्ञों की राय भी होती है। गर्म पानी से स्नान करने के कारण अंडकोष के तापमान में परिवर्तन आने से शुक्राणु निर्माण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में स्पर्म बनना बन्द भी हो सकने की संभावना होती है।
कसे हुए अंडरगारमेंट्स पहनना बन्द करें
शुक्राणुओं को जमा करने के लिए एक बैंक की भांति सुरक्षित माहौल बनाना आवश्यक होता है। एक दांपत्य जीवन को संतान प्राप्ति के द्वारा ही समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन तंदुरुस्त बच्चे की कामना रखने वाले अपने स्पर्म की संख्या को बढ़ाने के प्रयास भी करते हैं। ये कोई गुप्त रखने वाली बात नहीं होती बल्कि ऐसी समस्या महसूस होने पर तुरंत सेक्सोलॉजिस्ट व गुप्त रोग विशेषज्ञों की सलाह लेने में कोताही न बरतें। कसे पैंट, और अंडरगारमेंट्स पहनना जल्द बन्द कर दें।
शराब की लत
पुरुषों में शराब की लत अधिकतर देखी जाती है जो दांपत्य संबंधों में कटुता व खटास लाने का मुख्य कारण तो होता ही है, साथ में संतान सुख छिन जाने का जरिया भी बन सकती है। अत्यधिक शराब पीने से सम्भोग क्रिया के दौरान वीर्य की मात्रा में कमी के साथ साथ शुक्राणु की संख्या भी कम हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक 1.5 से 3.8 करोड़ स्पर्म काउंट की संख्या प्रति मिलीलीटर वीर्य में मौजूद हो तो इसे सामान्य स्तर माना जाता है। वहीं स्वस्थ पुरुष के प्रति मिलीलीटर वीर्य में पांच करोड़ से भी अधिक स्पर्म काउंट होता है।
नींद का प्रतिकूल समय डालता है शुक्राणुओं पर असर
किसी भी पुरुष के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद इसलिए जरूरी होती है क्योंकि इससे स्पर्म बनने की प्रक्रिया बराबर चलती रहती है वहीं नींद अगर 6 घंटे से कम ली जाए तो ये बीमारी हो सकती है। पुरुषों को अपनी इस आदत को जल्द बदल लेना चाहिए।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में होती है समस्या
शुक्राणुओं की कमी ना सिर्फ शराब के सेवन करने वाले व्यक्तियों में हो सकती है अपितु अधिक मात्रा में धूम्रपान करना भी शुक्राणु संख्या में कमी का कारण बन सकता है। इसलिए जल्द से जल्द अपने धूम्रपान की लत को छुड़ाते हुए स्पर्म काउंट की संख्या बरकरार रखने की कोशिश करनी चाहिए।
आधुनिक काल में पुरुषों के शुक्राणुओं के विकास में उनकी आदतें प्रजनन नियम को बर्बाद करने की ओर बढ़ रही हैं जिन्हें काबू करना समयोचित है। आइए पुरुषों के स्पर्म काउंट में आ रही तब्दीली के कारण, कारक, व विकार के बारे में विस्तृत अध्ययन करते हैं।
पुरुषों में स्पर्म की संख्या में कमी आने का मुख्य कारण दिनचर्या, खानपान, वर्किंग टाइम मैनेजमेंट जैसी मुख्य चीजें होती हैं।
जंक फ़ूड का अधिकता से सेवन
पूरी दुनिया में जंक फूड की खपत जिस तरह से हो रही है, उसको देखते हुए यह एक चिंता का विषय क्योंकि यह अल्पाहार होता है जो भूख मिटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे भूख तो मिट जाती है, लेकिन स्वास्थ्य दिन-ब-दिन कमजोर होता है। पुरुषों के स्पर्म काउंट को कम करने में जंक फूड की बहुत बड़ी भूमिका है। पिज़्ज़ा, बर्गर, तले-भुने खाद्य, चिप्स आदि जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। इसलिए मजबूत प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए कम से कम जंक फूड का सेवन करें।
गर्म पानी से नहाने से बचें
ऐसा माना जाता है कि पुरुषों को गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए ये विशेषज्ञों की राय भी होती है। गर्म पानी से स्नान करने के कारण अंडकोष के तापमान में परिवर्तन आने से शुक्राणु निर्माण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। ऐसे में स्पर्म बनना बन्द भी हो सकने की संभावना होती है।
कसे हुए अंडरगारमेंट्स पहनना बन्द करें
शुक्राणुओं को जमा करने के लिए एक बैंक की भांति सुरक्षित माहौल बनाना आवश्यक होता है। एक दांपत्य जीवन को संतान प्राप्ति के द्वारा ही समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन तंदुरुस्त बच्चे की कामना रखने वाले अपने स्पर्म की संख्या को बढ़ाने के प्रयास भी करते हैं। ये कोई गुप्त रखने वाली बात नहीं होती बल्कि ऐसी समस्या महसूस होने पर तुरंत सेक्सोलॉजिस्ट व गुप्त रोग विशेषज्ञों की सलाह लेने में कोताही न बरतें। कसे पैंट, और अंडरगारमेंट्स पहनना जल्द बन्द कर दें।
शराब की लत
पुरुषों में शराब की लत अधिकतर देखी जाती है जो दांपत्य संबंधों में कटुता व खटास लाने का मुख्य कारण तो होता ही है, साथ में संतान सुख छिन जाने का जरिया भी बन सकती है। अत्यधिक शराब पीने से सम्भोग क्रिया के दौरान वीर्य की मात्रा में कमी के साथ साथ शुक्राणु की संख्या भी कम हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के मुताबिक 1.5 से 3.8 करोड़ स्पर्म काउंट की संख्या प्रति मिलीलीटर वीर्य में मौजूद हो तो इसे सामान्य स्तर माना जाता है। वहीं स्वस्थ पुरुष के प्रति मिलीलीटर वीर्य में पांच करोड़ से भी अधिक स्पर्म काउंट होता है।
नींद का प्रतिकूल समय डालता है शुक्राणुओं पर असर
किसी भी पुरुष के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद इसलिए जरूरी होती है क्योंकि इससे स्पर्म बनने की प्रक्रिया बराबर चलती रहती है वहीं नींद अगर 6 घंटे से कम ली जाए तो ये बीमारी हो सकती है। पुरुषों को अपनी इस आदत को जल्द बदल लेना चाहिए।
धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में होती है समस्या
शुक्राणुओं की कमी ना सिर्फ शराब के सेवन करने वाले व्यक्तियों में हो सकती है अपितु अधिक मात्रा में धूम्रपान करना भी शुक्राणु संख्या में कमी का कारण बन सकता है। इसलिए जल्द से जल्द अपने धूम्रपान की लत को छुड़ाते हुए स्पर्म काउंट की संख्या बरकरार रखने की कोशिश करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।