Sleep Problem: नींद नहीं आने पर घंटों बदलते रहते हैं बिस्तर पर करवट, तो आज से रोजाना करें ये 3 काम

  • अनन्या मिश्रा
  • Oct 25, 2024

Sleep Problem: नींद नहीं आने पर घंटों बदलते रहते हैं बिस्तर पर करवट, तो आज से रोजाना करें ये 3 काम

शरीर को हेल्दी और फिट रखने के लिए जितना जरूरी अच्छी डाइट होती है, उतना ही जरूरी नींद भी होती है। नींद मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को ठीक रखती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, तो उन लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। नींद न आने की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं। तनाव, मानसिक चिंताएं अक्सर दिमाग को इतना सक्रिय कर देती हैं कि व्यक्ति आराम से सो नहीं पाता है।


इसके अलावा सिगरेट, चाय, कॉफी और अन्य कैफीनयुक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने वाले लोगों को भी नींद न आने की समस्या हो सकती है। वहीं मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियां और मानसिक रोग के शिकार लोगों को भी नींद न आने की समस्या रहती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि नींद न आने पर क्या समस्या होती है और आप इसको कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।


नींद न आने की समस्या

नींद न आने की समस्या होने पर व्यक्ति को सोने में परेशानी होती है या फिर रात में बार-बार नींद टूटती रहती है। नींद की कमी का असर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। क्योंकि नींद पूरी न होने पर व्यक्ति को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मानसिक विकार और अन्य क्रोनिक बीमारियां घेर सकती हैं।


हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो मोबाइल या कंप्यूटर जैसे स्क्रीन्स का अधिक इस्तेमाल भी नींद की बढ़ती समस्याओं का मुख्य कारण है। क्योंकि इन डिवाइसों से ब्लू लाइट निकलती है, वहीं ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है। हालांकि नींद न आने की समस्या से बचने के लिए नीचे दिए गए कुछ उपाय कारगर हो सकते हैं। 


फोन और स्क्रीन से दूरी बनाएं

सोने से 1-2 घंटे पहले फोन, कंप्यूटर या टीवी आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है। जिसके वजह से नींद आने में परेशानी होती है। बता दें कि मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है, जो हमारी नींद को कंट्रोल करता है। वहीं अनिद्रा के शिकार लोग डॉक्टर की सलाह पर इसका सप्लीमेंट ले सकते हैं। वहीं अगर किसी मानसिक विकार के कारण नींद न आने की समस्या है, तो आप मनोचिकित्सक की भी सलाह ले सकते हैं।


निर्धारित करें सोने का समय

रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। इससे हमारी बॉडी का बायोलॉजिकल क्लॉक नियमित होता है और नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। वहीं कमरे को नींद के अनुकूल बनाएं। शांत, अंधेरा और ठंडे कमरे में अच्छी नींद आती है। क्योंकि कमरे का माहौल आपके अनुकूल रहता है।


रोजाना करें व्यायाम

योग करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। क्योंकि एक्सरसाइज करने से शरीर को थकावट महसूस होती है। ऐसे में सोने में आसानी होती है। हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सोते समय एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह शारीरिक उत्तेजना को बढ़ा सकते हैं। सोने से पहले गहरी सांस लेने की तकनीक और मांसपेशियों को आराम देने वाली एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम होता है और नींद में सुधार होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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