ब्लड डोनेशन से नहीं होती है कमजोरी, जानिए रक्तदान से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथकों की सच्चाई

  • Healthy Nuskhe
  • Aug 08, 2020

ब्लड डोनेशन से नहीं होती है कमजोरी, जानिए रक्तदान से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथकों की सच्चाई

ब्लड डोनेशन यानि रक्तदान को महादान माना जाता है। ब्लड डोनेट करके आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं और इस नेक काम से जो खुशी मिलती है उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। लेकिन ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल और भ्रांतियाँ होती हैं जिनकी वजह से वे रक्तदान करने से कतराते हैं। कई लोगों को लगता है कि ब्लड डोनेट करने से उनके शरीर में खून की कमी हो जाएगी या इससे उन्हें इन्फेक्शन का खतरा है लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। ब्लड डोनेट करना बिल्कुल सेफ है और इससे आपको किसी तरह की कमजोरी भी नहीं आएगी। आज के इस लेख में हम आपको ब्लड डोनेशन से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथकों और उनके तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपके मन की सारी शंकाएँ दूर हो जाएंगी। अगर आपको भी लगता है कि ब्लड डोनेशन सेहत के लिए ठीक नहीं है तो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। इस लेख में दी गई जानकारी को पढ़िए और बिना किसी चिंता के ब्लड डोनेट कीजिए क्योंकि इससे आप किसी की ज़िंदगी बचा सकते हैं। आइए जानते हैं ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ मिथकों और उनके तथ्यों के बारे में - 

 

मिथक : ब्लड डोनेट करने से दर्द देता है।

तथ्य : कई लोग इस डर से ब्लड डोनेट नहीं करते हैं कि ब्लड डोनेशन के दौरान बहुत दर्द होता है। जबकि यह धारणा बिलकुल गलत है। ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया बहुत आसान होती है और इसमें ज़्यादा दर्द भी नहीं होता है। इसके लिए बांह में एक छोटी सी नीडल इंजेक्ट की जाती है जिससे आपको सिर्फ हल्की सी चुभन महसूस होगी जो कुछ देर बाद ठीक हो जाती है।  


मिथक: ब्लड  डोनेट करने से कमजोरी आती है 

तथ्य : कई लोगों को लगता है कि ब्लड डोनेट करने से उनके शरीर में कमज़ोरी आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं है। बस खूब पानी पीते रहिए और पौष्टिक आहार लीजिए जिससे आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी। 


मिथक : ब्लड डोनेट करने से शरीर में खून की कमी हो जाती है 

तथ्य : अगर आपको लगता है कि ब्लड डोनेट करने से आपके अंदर खून की कमी हो जाएगी तो ऐसा सोचना बिलकुल गलत है। डॉक्टर्स के मुताबिक ब्लड डोनेट करने के बाद भी शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून बचा रहता है। इतना ही नहीं, ब्लड डोनेट करने के 48 घंटे बाद ही हमारी बॉडी में खून वापस बन जाता है इसलिए आप बिना इस  चिंता के ब्लड डोनेट कर सकते है। 


मिथक: ब्लड डोनेशन में बहुत समय लगता है 

तथ्य: अगर आप इस असमंजस में हैं कि अपने बिज़ी शेड्यूल में से ब्लड डोनेशन के लिए टाइम कैसे निकालें तो आपको बता दें कि ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया में बहुत ज़्यादा समय नहीं लगता है। वैसे तो ब्लड डोनेशन कि प्रक्रिया सिर्फ 10-12 मिनट में पूरी हो जाती है। लेकिन फॉर्म भरने और ब्लड डोनेट करने के बाद कुछ खाने तक की पूरी प्रक्रिया में करीब आधे घंटे तक का समय लग सकता है। ब्लड डोनेशन के लिए एक दिन में इतना समय तो आप निकाल ही सकते हैं। 


मिथक : पतले लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं 

तथ्य: लोगों में यह आम धारणा होती है कि मोठे लोगों में ज़्यादा खून होता है और पतले लोगों में खून कम होता है। जबकि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार हमारे वजन का इस बात कोई संबंध नहीं है कि हमारी बॉडी कितना ब्लड पैदा करती है। ब्लड डोनेशन से पहले आपका वजन चेक किया जाता है। जिन लोगों का वजन 50 किलो से ज्यादा होता है वे आराम से ब्लड डोनेट कर सकते हैं।   


मिथक : शुगर के मरीज़ ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं 

तथ्य : डॉक्टरों का मानना है कि यदि आपको डायबिटीज है लेकिन दवाइयों और लाइफस्टाइल में किए गए बदलावों से आपकी शुगर  कंट्रोल में रहती है तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। लेकिन ऐसे मरीज़ जिनकी शुगर बहुत ज़्यादा है और जो इंसुलिन लेते हैं उन्हें ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही डायबिटीज के जिन मरीज़ों को दिल की और बीपी की समस्या हो उन्हें भी ब्लड डोनेट ना करने की सलाह दी जाती है। 


मिथक : महिलाएं ब्लड डोनेट नहीं कर सकती हैं

तथ्य : ऐसा मानना बिल्कुल गलत है। महिलाएं भी ब्लड डोनेट कर सकती हैं। ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया से पहले डॉक्टर आपका हीमोग्लोबिन जाँच करते हैं। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सही है तो महिलाएं भी आराम से ब्लड डोनेट कर सकती हैं। हालाँकि, महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में हीमोग्लोबिन ज़्यादा होता है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि महिलाएं ब्लड डोनेट नहीं कर सकती हैं। 


मिथक : ब्लड डोनेशन से एचआईवी का खतरा रहता है 

तथ्य : ब्लड डोनेशन के समय स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाता है। ब्लड डोनेशन के समय प्रत्येक ब्लड डोनर के लिए एक नई सुई का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए बेफिक्र होकर ब्लड डोनेट कीजिए। जब तक आप सुरक्षित तरीके से ब्लड डोनेट कर रहे हैं आपको किसी भी तरह के इंफेक्शन का खतरा नहीं है। 


मिथक : साल में सिर्फ एक बार ही ब्लड डोनेट कर सकते हैं 

तथ्य: कई लोगों को लगता है कि अगर उन्होंने एक बार ब्लड डोनेट कर दिया है तो अब वे अगले एक साल तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप साल में एक से ज़्यादा बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार ब्लड डोनेट करने के एक हफ्ते के अंदर ही हमारी बॉडी में खून बन जाता है। इसलिए आप हर तीन महीने में एक बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं। 


मिथक : ज्यादा उम्र वाले लोग ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं 

तथ्य:  अगर आपको लगता है कि उम्र ज़्यादा है इसलिए आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं तो आप गलत सोचते हैं। ब्लड डोनेशन से पहले हेल्थ चेकअप होता है। यदि आपका वजन 50 किलो से ज़्यादा है और आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा है तो आप  ब्लड डोनेट कर सकते हैं। हर स्वस्थ व्यक्ति ब्लड डोनेट कर सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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