जानिए आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हेपिटाइटिस डे
- Healthy Nuskhe
- Jul 28, 2020
28 जुलाई को पूरे विश्व में वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि आखिर हेपेटाइटिस होता क्या है, कैसे होता है, इसके क्या लक्षण है और किस तरह से इसका बचाव करना चाहिए। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि हेपेटाइटिस की बीमारी किस तरह से उत्पन्न होती है, क्या इसके लक्षण होते हैं साथ ही किस तरह से इस बीमारी से आप अपना बचाव कर सकते हैं।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे?
हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक लीवर भी है जो कि शरीर में मौजूदा टॉक्सिक्स मटेरियल को बाहर निकालने का काम करता है।जब लोग ज्यादा शराब पीते हैं या सिगरेट या ज्यादा धूम्रपान करते हैं इन्हीं कारणों की वजह से लीवर खराब होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि केवल इन्हीं वजह से ही आपके लीवर पर बुरा प्रभाव पड़े या उनके खराब होने का खतरा ज्यादा बढ़े। लेकिन कई लोगों को फैटी लिवर व हेपेटाइटिस की बीमारी के कारण भी लिवर संबंधित रोगों से पीड़ित होने की संभावना होती है।हेपेटाइटिस एक बहुत ही बड़ी और घातक बीमारी है जो लीवर में सूजन पैदा कर उसे बिल्कुल खराब कर देती है। इस बीमारी में कुछ अलग-अलग तरह की पांच बीमारी होती हैं जिसकी वजह से हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई जैसी बीमारी शामिल है। इस बीमारी से जो भी व्यक्ति पीड़ित होता है उसके लिवर में सूजन व जलन की समस्या आने लगती है। यदि व्यक्ति की हालत ज्यादा गंभीर हो जाए तो लिवर में कैंसर बनने की संभावनाएं भी और ज्यादा बढ़ जाती है। इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने हेतु हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है।
जानिए क्या होता है हेपिटाइटिस?
ज्यादातर हेपिटाइटिस की बीमारी किसी वायरस और बैक्टीरिया के इंफेक्शन से चलती है या फिर ज्यादा दवा खाने या फिर शराब की ज्यादा मात्रा लेने से भी लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। यह बीमारी अपना असर ज्यादा कर गर्मी या मॉनसून के दिनों में ज्यादा दिखाती है। इन दिनों में इस बीमारी के मरीज बहुत ही तेज़ी से रफ्तार पकड़ लेते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में जीवाणु ज्यादा काफ़ी सक्रिय हो जाते हैं। इस बीमारी के कारण लीवर धीरे-धीरे बिल्कुल खराब और खत्म होता जाता है। हेपेटाइटिस बी का वायरस शरीर में मौजूद तरल पदार्थ जैसे कि ब्लड के जरिये पूरे शरीर में पहुंचता है। WHO ने एक ताजा आंकलन करके बताया था कि भारत में अभी हेपेटाइटिस बी से पीड़ित लोगों की संख्या 4 करोड़ के आसपास है।
हेपेटाइटिस के लक्षण:
अब हम आपको बताएंगे कि आप किस तरह से जान सकते हैं कि आप या आपके आसपास के लोग हेपेटाइटिस से पीड़ित है या नहीं? इस बीमारी से पीड़ित लोगों को पीलिया होने का खतरा बहुत ही ज्यादा रहता है। ऐसे में अगर आपके नाखून,त्वचा, आंख पीली पड़ रही है तो डॉक्टर से बातचीत जरूर कर लें। आंख और त्वचा के अलावा पेशाब का रंग भी बहुत ही ज्यादा गहरा पीला आने लगता है या फिर हरे रंग की भी पेशाब आने लगती है। यदि इस तरह की पेशाब आप को आती है, तो यह सीधा संकेत हेपेटाइटिस बीमारी का है।
साथ ही जरूरत से ज्यादा थकान होना, जांघों व घुटने में दर्द और खुजली भी इस बीमारी के लक्षण होते हैं। पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और सूजन, भूख न लगने और उल्टी की शिकायत भी हेपेटाइटिस की बीमारी के लक्षण हैं।
ऐसे करें बचाव:
हेपेटाइटिस बीमारी से बचाव करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। केवल आपके मन में दृढ़ निश्चय होना चाहिए कि आपको इस बीमारी से छुटकारा पाना है। इस बीमारी से बचाव के लिए आपको मसालेदार तली-भुनी चीजों को खाने से बचना होगा। साथ ही मांसाहारी खाने से भी दूरी बनाए रखनी होगी।
जब भी आपको इस बीमारी के लक्षण नजर आए तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही अपने बच्चे को इस बीमारी से बचाने के लिए सही समय पर उसे हेपेटाइटिस का टीका जरूर लगवाना चाहिए ताकि भविष्य में कभी भी वो इस बीमारी का शिकार ना हो। इस बीमारी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पालक, आलू, केला, अंगूर, इलायची और खजूर जैसे एंटी ऑक्सीडेंट का सेवन करना चाहिए ताकि यह सब मिलकर आपको हेपेटाइटिस जैसी घातक बीमारी से बचा सकें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।