जानिए 1 जुलाई को क्यों मनाया जाता है नेशनल डॉक्टर्स डे
- Healthy Nuskhe
- Jul 01, 2020
हमारे देश में भगवान का दूसरा स्वरूप डॉक्टर को माना जाता है, क्योंकि यदि भगवान हमें जन्म देते हैं तो उसके बाद जीवनदान और उसकी देखरेख हमारे डॉक्टर करते हैं। डॉक्टर हर तरह की परिस्थिति में हमारे साथ और हमारा जीवन बचाने के लिए हर तरह का संभव प्रयास करते हैं।
वैसे तो हमें प्रतिदिन उनके काम की और उनके बलिदान की सराहना करनी चाहिए उनको सम्मान देने का कोई निश्चित समय दिन या महीना नहीं होना चाहिए फिल्म साल के एक दिन यानी 1 जुलाई को हमारे भारत देश में डॉक्टर डे मनाया जाता है आज के दिन डॉक्टर का हर कोई सम्मान और प्रशंसा करता है।
डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं आज यानी 1 जुलाई को भारत में यह मनाने के पीछे क्या वजह है।
जाने क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स-डे?
महान भारतीय चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र राय का जन्म दिवस एक जुलाई को मनाया जाता है। उनका जन्म 1882 में बिहार के पटना जिले में हुआ था। कोलकाता में चिकित्सा शिक्षा पूर्ण करने के बाद डॉ. राय ने एमआरसीपी और एफआरसीएस की उपाधि लंदन से प्राप्त की।
1911 में बिधानचंद्र ने भारत में चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत की। इसके बाद वे कोलकाता मेडिकल कॉलेज में व्याख्याता डॉक्टर बने। वहां से वे कैंपबैल मेडिकल स्कूल और फिर कारमिकेल मेडिकल कॉलेज गए। उनकी ख्याति एक शिक्षक एवं चिकित्सक के रूप में नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में थी वह महात्मा गांधी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल होने के कारण बनी। डॉक्टर होने के साथ-साथ उन्होंने आंदोलनकारी के रूप में भी काम करके महात्मा गांधी जी का साथ दिया था।
भारतीय लोगों ने डॉक्टर राय को बहुत ही ज्यादा प्रेम दिया जिसकी वजह से डॉक्टर राय सामाजिक उत्थान की भावना मैं आकर राजनीति में प्रवेश कर लिया लोगों के बेइंतहा प्यार और साथ डॉ. राय को राजनीति में ले आई। राजनीति में आने के बाद सबसे पहले वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और कुछ समय बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पद संभाला। डॉ. राय को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। उनके जन्म दिवस को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है।
डॉक्टर अपने पेशे से चिंतित
आज के समय में डॉक्टर अपने पेशे को लेकर काफी चिंतित रहते हैं, क्योंकि वह भी अन्य लोगों की तरह व्यावसायिकता की अंधी दौड़ में शामिल हो गए हैं। हालांकि इस पेशे में बढ़ती व्यवसायिकता से सीनियर डॉक्टर काफी आहत हैं। लेकिन कुछ ऐसे डॉक्टर भी है जो अभी भी डॉक्टर पेशे के रूप में सेवाभाव जिंदा है। उन्हें फिर पुराने समय के लौटने की उम्मीद है।
डॉ. राम शर्मा के अनुसार बीमारी का कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि बीमारी के इलाज से बेहतर उसका बचाव करना है। इसके लिए सभी ब्लड शुगर व उच्च रक्तचाप की जाँच अनिर्वाय रूप से करानी चाहिए।
डॉ. लखन सिंह का कहना है कि पुराने दिनों में हर फील्ड के लोग रुपए कमाने की अंधी दौड़ में शामिल होते थे, लेकिन डॉक्टरी पेशा इससे अछूता था। इसलिए डॉक्टरों को काफी सम्मान मिलता था। वर्तमान में स्थिति कुछ और ही है। इसके अलावा शासकीय सेवा से जुड़े डॉक्टर अभी भी सीमित संसाधनों के बाद भी अपने कर्तव्य को ईमानदारी के साथ पूरा कर रहे हैं।
जनता के विश्वास की डोर है डॉक्टर
आज के समय में डॉक्टरी ही एक ऐसा पेशा है, जिस पर लोग आंख बंद करके विश्वास करते हैं। लेकिन इस विश्वास को बिना बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी डॉक्टरों की है। डॉक्टर्स डे स्वयं डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह उन्हें अपने चिकित्सकीय प्रैक्टिस को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है।
सारे डॉक्टर जब अपने चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत करते हैं तो उनके मन में नैतिकता और जरूरतमंदों की मदद का जज्बा होता है, जिसकी वे कसम भी खाते हैं। इसके बाद कुछ लोग इस विचार से पथभ्रमित होकर अनैतिकता की राह पर चल पड़ते हैं। जोकि लोगों के विश्वास तो बहुत ही बुरी तरह से तोड़ देते हैं लोगों का विश्वास डॉक्टर से ऊपर से उठने लगता है।
इसीलिए डॉक्टर्स डे के दिन डॉक्टरों को यह मौका मिलता है कि वे अपने अंतर्मन में झांके, अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें और चिकित्सा को पैसा कमाने का पेशा न बनाकर मानवीय सेवा का पेशा बनाएं, तभी हमारा यह डॉक्टर्स डे मनाना सही साबित होगा। और सभी लोगों के अंदर दोबारा से डॉक्टर के प्रति वही सम्मान और अपेक्षा जागरूक होगी।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।