जानिए क्या होता है स्लीप पैरालिसिस किस तरह के होते हैं लक्षण?

  • Healthy Nuskhe
  • Jul 30, 2020

जानिए क्या होता है स्लीप पैरालिसिस किस तरह के होते हैं लक्षण?

आधी रात को अचानक आपकी नींद खुलती है। ऐसा लगता है कि आपके आसपास कोई मौजूद है। आप हिलने की कोशिश करते हैं, लेकिन शरीर का कोई अंग हिल नहीं पाता है। आपको डर लगता है, चीखना चाहते हैं, लेकिन आवाज ही नहीं निकलती। ऐसा लगता है, जैसे किसी ने आपको कसकर बांध दिया है, आप जकड़े या जमे हुए हैं।


जी हां, जिसके साथ ऐसा होता है, डर की वजह से उसके मन में बुरी शक्ति से लेकर भूत-प्रेत न जाने कैसे-कैसे ख्याल आ जाते हैं। पर सच्चाई ये है कि थोड़ी देर के लिए महसूस होने वाली इस कंडीशन को स्लीप पैरालिसिस कहते हैं।


स्लीप पैरालिसिस जो नींद और जागने के बीच वो अवस्था है, जिसमें आपको लकवा मारने जैसा महसूस होता है। ऐसा आपको कुछ सेकेंड से लेकर कुछ मिनटों तक महसूस हो सकता है।


स्लीप पैरालिसिस में आखिर होता क्या है? 

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में साइकियाट्रिस्ट और स्लीप मेडिसिन स्पेशलिस्ट रीता औद स्लीप पैरालिसिस को समझाने के लिए लिखती हैं, सभी स्लीप साइकिल के दो हिस्से होते हैं।


रैपिड-आई मूवमेंट (REM) और नॉन-रैपिड-आई मूवमेंट स्लीप

पहले भाग नॉन-REM में आप धीरे-धीरे नींद के तीन चरणों से गुजरते हैं। हर स्टेज के साथ आपकी सांसें एक लय में होती जाती हैं और आप नींद में जाने लगते हैं, यहां तक कि शोर में भी। इसके बाद आप दूसरे भाग में आते हैं, REM स्लीप। जब आप सपने देखते हैं, इस दौरान ग्लाइसिन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर आपके शरीर को लकवे के अस्थाई स्टेज में डालने में मदद करता है।


REM स्लीप में आपका शरीर अनैच्छिक मांसपेशियों को मूव कर सकता है जैसे कि सांस लेने के लिए डायाफ्राम लेकिन आपके हाथ, पैर और दूसरी स्वैच्छिक मांसपेशियों को नहीं। इस वजह से आप सिर्फ सपने देखते हैं, सपने में जो दिख रहा है उसके अनुसार आप कुछ कर नहीं पाते।


नींद के REM भाग में हम खुद से किसी भी तरह की कोई मसल एक्टिविटी नहीं कर पाते क्योंकि हमारा दिमाग उस दौरान हमें अस्थाई तौर पर पैरलाइज्ड कर देता है।


अगर आप अचानक REM नींद से जागते हैं तो ग्लाइसिन नामक न्यूरोट्रांसमिटर की मदद से होने वाले पैरालिसिस का प्रभाव जारी रह सकता है, भले ही आप होश में हों। इस दौरान ऐसा हो सकता है कि आप कुछ सेकेंड से कुछ मिनटों तक हिल न पाएं।


आपको कभी-कभी स्लीप पैरालिसिस के दौरान कई तरह का भ्रम भी हो सकता है। जैसे किसी की मौजूदगी का एहसास होना।

 

REM स्लीप के दौरान सांस लेने में शामिल मांसपेशियों की गतिविधि में कमी आ जाती है, जो मोटर न्यूरॉन्स में रुकावट की वजह से होता है।

 

स्लीप पैरालिसिस का अनुभव काफी डरावना और कन्फ्यूजिंग हो सकता है। खासकर तब, जब आप आपने कोई बुरा सपना देखा हो।


स्लीप पैरालिसिस होता क्यों है?

ये सभी लक्षण नींद की जड़ता (inertia) के कारण होते हैं - नींद में शामिल शारीरिक तंत्र इससे प्रभावित होते हैं कि आप जाग चुके हैं।

 

ये ऐसी किसी भी चीज के कारण हो सकता है, जिसकी वजह से आप बार-बार जागने लगते हैं (जैसे कोई पुराना दर्द, नशीली चीजें लेना, बार-बार बाथरूम जाना, बुरे सपने आना)।


अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में हैं या जिंदगी के बुरे अनुभवों से गुजर रहे हैं तो आपके स्लीप पैरालिसिस से गुजरने की ज्यादा आशंका होती है। जैसे पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) वाले लोगों में स्लीप पैरालिसिस ज्यादा देखा जाता है।


हर 10 में से 4 लोगों को स्लीप पैरालिसिस हो सकता है। ये कंडीशन आमतौर पर सबसे पहले किशोरावस्था में महसूस होती है। लेकिन ये किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। 


वो कारण जो स्लीप पैरालिसिस से जुड़े हो सकते हैं :

नींद की कमी

सोने का अनियमित पैटर्न

स्ट्रेस या बाईपोलर डिसऑर्डर जैसी मानसिक अवस्था

पीठ के बल सोना

नींद की दूसरी दिक्कतें जैसे नार्कोलेप्सी या रात को पैर में ऐंठन


कुछ दवाइयों का इस्तेमाल

नशीली चीजों का सेवन


स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए क्या करें?

 

आमतौर पर हर किसी को 7 से 8 घंटे सोना चाहिए।

 

सबसे पहले उस कारण को दूर करना जरूरी है, जो आपको बार-बार नींद से जागने पर मजबूर करता है।

 

जिन्हें कोई सदमा लगा है, उन्हें साइकोथेरेपी से फायदा हो सकता है।

 

ज्यादातर लोगों के लिए नींद को नियमित करना ही सबसे बेहतर तरीका हो सकता है। आपको कब सोना है और कब जागना है, इसका एक टाइम निश्चित कर लें।


पूरी नींद लें क्योंकि ज्यादातर लोग कम नींद लेते हैं। आमतौर पर हर किसी को 7 से 8 घंटे सोना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को 9 घंटे नींद की जरूरत होती है तो वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं। जिन्हें सिर्फ 6 या 7 घंटे की ही नींद चाहिए होती है।


स्लीप पैरालिसिस अपने आप में आपके लिए उतना नुकसानदायक नहीं है। ऐसा बहुत कम होता है कि स्लीप पैरालिसिस का संबंध किसी गहरी मानसिक समस्या से जुड़ा हो। लेकिन बार-बार ऐसा होना नींद की किसी दिक्कत से जुड़ा हो सकता है जैसे नार्कोलेप्सी।ऐसे में खुद को डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो जाता है।


इसलिए अगर आप अक्सर स्लीप पैरालिसिस महसूस करते हैं, इस वजह से आपको चिंता होने लगी है, इसके कारण बार-बार आपकी नींद टूट जाती है या इस वजह से दिनभर थकान लगती है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।


डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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