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कान्टैक्ट लेंस का अधिक इस्तेमाल करना आंखों के लिए खतरनाक

By Healthy Nuskhe | Oct 07, 2019

ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिनकी नजर कमजोर होती है, लेकिन फिर भी वे चश्मा पहनना पसंद नहीं करते। ऐसे में वह कान्टैक्ट लेंस का सहारा लेते हैं। इतना ही नहीं, आजकल लोग अपनी आंखों के कलर को चेंज करने के लिए भी कान्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं। कुछ वक्त तक के लिए इसका इस्तेमाल करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आपको इसकी आदत पड़ गई है और आप हरदम इसे इस्तेमाल करते हैं तो समझ लीजिए कि आप अपनी आंखों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जरूरत से ज्यादा कान्टैक्ट लेंस का प्रयोग करना आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−
 
ऑक्सीजन की कमी
शरीर के अन्य भागों की ही तरह ऑक्सीजन आंखों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन जैसे ही आप कान्टैक्ट लेंस केा अपनी आंखों पर इस्तेमाल करते हैं तो यह पूरे कॉर्निया को कवर कर लेते हैं। जिसके कारण ऑक्सीजन आपकी आंखों तक नहीं पहुंचता। इसलिए, लंबे समय तक कान्टैक्ट लेंस पहनने से आंखों में खिंचाव महसूस होता है और आंखों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है।


आंखों में सूखापन
कान्टैक्ट लेंस का अधिक इस्तेमाल आंखों में ड्राईनेस की समस्या को बढ़ाता है। ड्राई आई सिड्रोम एक ऐसी घटना है जब आँखें लाल और खुजलीदार हो जाती हैं। जिसके कारण कॉर्निया झुलस जाता है। कान्टैक्ट लेंस स्वयं को नरम रखने के लिए अधिकांश आँसू को अवशोषित करते हैं और इस प्रकार आपकी आँखें ड्राई हो सकती हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप कान्टैक्ट लेंस का कम से कम इस्तेमाल करें या फिर बीच−बीच में ब्रेक लें। साथ ही आई ड्रॉप का भी इस्तेमाल करें। 
 
एलर्जी व आई इंफेक्शन
अगर आप बहुत अधिक कान्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो कुछ समय बाद आपको एलर्जी व आई इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। संक्रमण के पीछे कारण कॉर्नियल घर्षण है। यदि आपकी आंखें ड्राई हैं या यदि कान्टैक्ट लेंस आपकी आंखों की सतह पर ठीक से नहीं बैठते हैं, तो इससे कॉर्नियल घर्षण हो सकता है। जिससे आंखों में कई तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं।


आंखों में दर्द
कान्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल के बाद अधिकतर लोगों को आंखों में दर्द की शिकायत होती है। बहुत अधिक समय तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से आपकी आंखों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी आ सकती है। नतीजतन, आपकी आँखों में दर्द शुरू हो जाता है या आपको धुंधली दृष्टि हो सकती है। कभी−कभी तो लोग अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं। 
 
मिताली जैन
 

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