कहीं आपके बढ़ते वजन के पीछे कोई इमोशनल कनेक्शन तो नहीं? पढ़ें क्या है मोटापे का इमोशनल कनेक्शन

  • Healthy Nuskhe
  • Aug 27, 2020

कहीं आपके बढ़ते वजन के पीछे कोई इमोशनल कनेक्शन तो नहीं? पढ़ें क्या है मोटापे का इमोशनल कनेक्शन

हम अक्सर अपनी सुस्त लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों के कारण मोटापे का शिकार हो जाते हैं। ज़्यादा ऑयली या जंक फूड खाने से शरीर में चर्बी जमा होने लगती है और हमारा वजन बढ़ जाता है। लेकिन अगर आपका वजन अचानक से ही बहुत ज़्यादा बढ़ गया है तो हो सकता है कि इसके पीछे कोई इमोशनल कनेक्शन हो। जी हाँ, हमारी इमोशनल हेल्थ का हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। अगर आपका वजन बिना वजह ही बढ़ रहा है तो आपको अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अकसर हम अपने मूड और इमोशन को अपनी ईटिंग हैबिट्स यानि खाने की आदतों से जोड़ लेते हैं। चाहे मूड अच्छा को या खराब हमें हर परेशानी का हल खाने में ही दिखता है। हम अक्सर खुश होने पर कुछ अच्छा खाते हैं तो वहीं अगर कोई टेंशन हो तब भी कुछ अच्छा खाकर अपना मूड अच्छा करने की कोशिश करते हैं। जब हम किसी सिच्युएशन में खाने के जरिए खुद को बेहतर महसूस करवाने की कोशिश करते हैं तो उसे इमोशनल ईटिंग (भावनात्मक भोजन) कहा जाता है। इमोशनल ईटिंग का सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस या तनाव हो सकता है। तनाव में इंसान को ज़्यादा भूख लगती है और कई बार वह तनाव में भूख से ज़्यादा भी खा लेता है। इससे ना केवल वजन बढ़ सकता है बल्कि स्वास्थ्य हाई बीपी, डायबिटीज, स्ट्रोक और हार्ट संबंधी कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। आइए जानते हैं क्या है मोटापे का इमोशनल कनेक्शन - 


क्या कहती है रिसर्च 

बर्मिंघम की एलाबामा यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को स्ट्रेस या डिप्रेशन होता है उनका वजन बहुत तेज़ी से बढ़ता है। इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि इस दौरान सबसे ज्यादा वजन और कमर के निचले हिस्से में बढ़ता है। पेट और कमर की चर्बी के कारण टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि डिप्रेशन के कारण लोगों में नशे की लत, सिगरेट, शराब आदि की आदत भी बढ़ जाती है।


अत्यधिक तनाव या स्ट्रेस के कारण शरीर में कॉर्टिसोल नामक हॉर्मोन रिलीज होता है जो मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर देता है। कॉर्टिसोल हॉर्मोन (स्ट्रेस हॉर्मोन) बढ़ने से खाना पूरी तरह पच नहीं पाता है और शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि ज़्यादा टेंशन या डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति ज़्यादा खाने लगता है जिससे उसका वजन बढ़ने लगता है। इसके अलावा स्ट्रेस की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल भी बिगड़ जाता है जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। स्ट्रेस में इंसान अनहेल्थी और जंक फूड ज्यादा खाने लगता है जो मोटापे का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही तनाव में नींद कम आती है जिसके कारण भी मोटापा बढ़ता है। अगर आपका वजन भी अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ गया है या आप इमोशनल ईटिंग के शिकार हैं तो बहुत जरूरी है कि आप अपनी मेंटल हेल्थ (भावनात्मक स्वास्थ्य) पर ध्यान दें। अगर आप स्ट्रेस या डिप्रेशन के कारण बढ़ते वजन से परेशान हैं तो इसे कम करने के लिए नीचे दिए गए तरीके अपनाएँ -  

तनाव कम करें 

अगर आपका वजन ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से बढ़ रहा है तो सबसे पहले आपको तनाव से छुटकारा पाना होगा। आपको जिस भी चीज़ का तनाव है उसका हल निकालें और खुद को पॉजिटिव रखें। तनाव कम करने के लिए अपने घरवालों या दोस्तों से बात करें, पौष्टिक खाना खाएं और नियमित रूप से एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें। 


भूख और इमोशनल ईटिंग में फर्क समझना है बेहद ज़रूरी 

कई बार हम बिना भूख के भी खाने लगते हैं। ऐसा अक्सर इमोशनल ईटिंग की वजह से होता है। तनाव के दौरान इंसान की भूख बढ़ जाती है और वो जंक फूड अधिक मात्रा में खाने लगता है। यदि आपके साथ भी ऐसा है तो आपको सबसे खुद पर कण्ट्रोल करना होगा। जब भी आपको भूख लगे तो आप पहले खुद से सवाल करें कि आपको सच में भूख लगी है या आप बस टेंशन में खा रहे हैं।


संतुलित आहार लें 

वजन कम करने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार लें। एक बार में ज़्यादा खाने की बजाय दिन भर में थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे आपको ज्यादा भूख नहीं लगेगी और आप ओवरईटिंग नहीं करेंगे। 


खुद पर कण्ट्रोल करें 

अगर आप स्ट्रेस के कारण ज्यादा खाते हैं तो आपको खुद पर कण्ट्रोल करना होगा। अगर आपको बार-बार कुछ खाने का मन कर रहा हो तो खुद को किसी और काम में व्यस्त रखें।


अपने खाने की आदतों का रिकॉर्ड बनाएं 

आप दिनभर में कब और क्या खा रहे हैं इसका रिकॉर्ड रखें। आप एक डायरी में लिख सकते हैं कि आपने किस टाइम क्या खाया। इससे आपको अपने मोटापे का इमोशनल कनेक्शन समझने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अपने खाने का शेड्यूल बनाएं। आपको किस समय खाना है यह डायरी में लिख लें और उसे फॉलो करें। ऐसा करने से आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं। 


एक्सरसाइज करें 

रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। इससे ना सिर्फ आपको वजन घटाने में मदद मिलेगी बल्कि स्ट्रेस भी कम होगा। आप वॉकिंग, जिम, एरोबिक्स या डांस किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी को अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं। 


मन को शांत और पॉजिटिव रखें 

स्ट्रेस से बचने के लिए अपना ध्यान पॉजिटिव बातों पर लगाएं। मन को शांत करने के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं, संगीत सुन सकते हैं या आपको जो भी करना पसंद हो वो कर सकते हैं। अगर मन शांत होगा तो आप तनाव और इमोशनल ईटिंग से बचे रहेंगे।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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