गर्दन का दर्द ले सकता है विकराल बीमारी का रूप

  • Healthy Nuskhe
  • Dec 24, 2019

गर्दन का दर्द ले सकता है विकराल बीमारी का रूप

गर्दन के दर्द यानी कि सर्वाइकल की समस्या आज काफी  तेज़ी से बढ़ती हुई नज़र आ रही है। ऑफिस में काम करने वाले लोगों को अक्सर ये बीमारी हो जाती है लेकिन आजकल बच्चों को भी ये बीमारी होना काफी आम हो गया है। ज्यादा समय तक कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल, पढ़ने से लोगों को गर्दन में दर्द की समस्या हो रही है। कई बार तो उन लोगों को भी समस्या हो जाती है जिन्होंने भारी बोझ उठाया या फिर वाहन आदि चलाया हो। आइए जानते हैं इस समस्या के बारे में और बातें।

क्या है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्दन में बिम्ब और जोड़ पट्टियाँ समय के साथ कमज़ोर हो जाते है| इसे गर्दन की आर्थराइटिस भी कहा जाता है। पहले ये बीमारी बुजुर्गो में पाई जाती थी लेकिन आजकल के समय में ये बीमारी हर उम्र के लोगों में पाई जाने लगी है।

सर्वाइकल के लक्षण

  • गर्दन में दर्द और अकड़ता जो कन्धों और बाज़ुओं तक फ़ैल जाती है
  • सर में दर्द
  • गर्दन हिलाते समय अकड़ जैसा महसूस होना
  • कंधें, बाजुएँ और हाथ सुन्न पड़ जाना
  • बाज़ुओं और पैरों में कमज़ोरी महसूस होना
  • मूत्रविसर्जन या मलोत्सर्ग करने की इच्छा को न रोक पाना
  • सीधे चलने में मुश्किलें आना

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस किन कारणों से होता है

1. 40 की उम्र तक अक्सर रीढ़ में होने वाले बिम्ब सूखने लगते है और कमजोर होने लगते हैं। जिससे वर्टिब्रे एक साथ घिसने की वजह से ये दिक्कत होती है। 

2. बढ़ती उम्र के कारण स्पाइनल डिस्क्स में दरार आने लगती हैं जिसकी वजह से ये डिस्क्स अपनी जगह से बाहर खिसकने लगते हैं | यह स्पाइनल कॉर्ड और उधर की नसों पर दबाव डालने लगते हैं। 

3. यह बुज़ुर्ग लोगो में काफी आम परेशानी है | वर्टिब्रे के आसपास की नर्म  हड्डियों के घिस जाने से असामान्य हड्डियाँ बढ़ने लगती है जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डियों में उभाड़ आने लगता है। 

4. कंप्यूटर और मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। 

5. दुर्घटना या चोट लगने के कारण मांसपेशियों और ऊतकों में खिंचाव आ जाना।

सर्वाइकल के उपचार-

1. सर्वाइकल पेन की समस्या मामूली है, तो उससे अपने नार्मल जीवन में बदलाव लाकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर आर्थोपेडिक सर्जन या स्पाइन सर्जन को दिखाएं। इसे एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई के द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है और इसे उपचार के द्वारा ठीक भी किया जा सकता है।

2. सर्वाइकल की दिक्कत में दवाएं और इन्जेक्शन को नियमित समय से लें। 

3. क्षतिग्रस्त तंत्रिकाओं के कारण होने वाले दर्द, ऊतकों की सूजन और मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए कई दवाएं बताई जाती हैं। दर्द को कम करने के लिए स्टेरॉयड के इन्जेक्शन दिए जाते हैं।

4. फिजिकल थेरेपी और दवाओं से भी सर्वाइकल पेन ठीक नहीं होता है, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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