Thyroid Symptoms: बढ़ता वजन और थकान सामान्य नहीं, ये थायरॉइड के लक्षण हो जाएं अलर्ट
- अनन्या मिश्रा
- Aug 09, 2025

क्या आपको ऐसा महसूस होता है कि हर महीने आपका थोड़ा-थोड़ा वजन बढ़ता जा रहा है। वहीं पुराने कपड़े टाइट लगने लगे हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो यह सिर्फ आपके खानपान के कारण नहीं है। बल्कि यह थायराइड का शुरूआती संकेत भी हो सकता है। थायराइड एक एंडोक्राइन ग्लैंड है, जोकि शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। जब यह ग्लैंड कम हार्मोन बनाती है, तो इसको हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म भी धीमा होता है और वेट तेजी से बढ़ सकता है।
कई बार लोग इसको सामान्य थकान या फिर उम्र का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जब हर महीने वेट बढ़ता है, तो थकान लगती है, मूड बदलता है और बाल झड़ने लगते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर आपको सतर्क हो जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि थायराइड के क्या लक्षण हैं और वजन बढ़ने व कपड़े टाइट होने का क्या कनेक्शन है।
थायराइड के कारण
थायराइड हार्मोन आपकी शरीर की एनर्जी को मैनेज करता है। जब इस हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, तो शरीर की कैलोरी बर्न करनी की क्षमता भी घट जाती है। इस कारण फैट जमा होने लगता है और धीरे-धीरे वजन बढ़ता है।
मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
शरीर सुस्त और थका-थका रहता है।
कैलोरी कम खर्च होती है।
फैट मुख्य रूप से पेट, जांघों और चेहरे पर जमता है।
क्यों टाइट होते हैं कपड़े
थायराइड की वजह से धीरे-धीरे वेट बढ़ता है। इसलिए आपको लगता है कि हर महीने कपड़े थोड़े टाइट हो रहे हैं।
हर महीने 2-3 किलो वजन बढ़े, तो कपड़ों की फिटिंग बदलती है।
शरीर में पानी जमा होने की भी समस्या होती है।
सूजन की वजह से भी कपड़े टाइट हो सकते हैं।
थायराइड के लक्षण
बालों का झड़ना और स्किन का रूखा होना
कब्ज और डिप्रेशन की समस्या
थकान और नींद ज्यादा आना
चेहरे पर सूजन और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
महिलाओं में अधिक होता है थायराइड का खतरा
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव अधिक होते हैं। खासकर पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपोज के दौरान। इसलिए महिलाओं को थायराइड का खतरा अधिक होता है। हार्मोनल असंतुलन से थायराइड एक्टिव हो जाता है। प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद भी महिलाओं में थायराइड होने की संभावना हो जाती है। वहीं 30-50 की उम्र के बीच महिलाओं को थायराइड का खतरा अधिक होता है।
इलाज
रेगुलर चेकअप कराना चाहिए। साथ ही हर 6 महीने में थायराइड टेस्ट कराना चाहिए।
स्ट्रेस कम करें और मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की सहायता लें।
रोजाना करीब 7-8 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए।
योग, वॉक और स्ट्रेचिंग को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं।
गुनगुने पानी का सेवन करें और डिटॉक्स ड्रिंक्स भी लें।
रोजामा सर्वांगासन और उष्ट्रासन जैसे योग करें।
अश्वगंधा और त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक हर्ब्स का सेवन करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।