मसल्स की कमजोरी जैसी समस्याओं से हैं परेशान तो हो सकता है यह रोग
- सूर्या मिश्रा
- Dec 03, 2022
पार्किसंस की बीमारी में ब्रेन के किसी हिस्से की नसें खराब होने लगती है या न्यूरॉन्स नष्ट होने लगते हैं। न्यूरॉन्स के द्वारा डोपामाइन रसायन का उत्पादन किया जाता है। डोपाइन केमिकल के द्वारा ही दिमाग शरीर के अंगो को संचालित करता है। ज्यादातर 60 साल से अधिक उम्र के लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। लेकिन जेनेटिक कारणों से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी बढ़ती उम्र के साथ हाथ पैरों के सुन्न हो जाने, सोचने समझने में परेशानी, नींद ना आना, मसल्स की कमजोरी जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो यह लेख आपके लिए ही है। आइये जानते हैं क्या है पार्किसंस की बीमारी
पार्किसंस की बीमारी
पार्किसंस एक न्यूरोडिजेनरेटिव डिसऑर्डर है। यह दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है जिससे द्वारा हमारा शरीर गति करता है। शुरू में इसके लक्षण बहुत ही मामूली से होते हैं जिन्हे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन समय के साथ इस बीमारी का असर बढ़ जाता है और डेली रूटीन के हर काम पर इसका असर देखने को मिलता है। आप अपने सोचने समझने की शक्ति खोने लगते हैं। ब्रिटिश डॉक्टर जेम्स पार्किसंस ने 1817 में शोध के द्वारा इस बीमारी का पता लगाया था और इसे शेकिंग पाल्सी का नाम दिया। बाद में उनके नाम पर इस बीमारी का नाम पार्किसंस रखा गया।
पार्किसंस के लक्षण
बोलने में परेशानी
पार्किसंस की बीमारी बढ़ने पर आपको बोलने में परेशानी होने लगती है। आप बहुत से शब्दों का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाते हैं।
हाथ-पैरों में कम्पन
हाथ-पैरों में कम्पन इस बीमारी के शुरूआती लक्षण है। यदि आप काम नहीं कर रहें है फिर भी आपके हाथ कांपते रहते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
चलने-फिरने में परेशानी
पार्किसंस में मरीज को चलने में दिक्कत होती है। शरीर पर संतुलन नहीं रह जाता है। मरीज पैरों को घसीटते हुए चलता है।
अन्य लक्षण
1-नींद ना आना
2- सुघने की क्षमता कम होना या खत्म हो जाना
3- भुलने की समस्या हो जाती है।
4- हर समय असुरक्षा की भावना और तनाव
5- पसीना ज्यादा आना
6- हर समय थकान रहना
7- लार निकलना
8- पलकों का कम झपकना
9- खाना चबाने में परेशानी
10- ब्लैडर पर कंट्रोल नहीं कर पाना
कैसे पता करें पार्किसंस का
अगर आपमें पार्किसंस के कोई भी लक्षण है तो आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। इन सभी टेस्ट के द्वारा इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है
1- सीटी स्कैन
2- MRI
3- DNA टेस्ट
4- ब्लड टेस्ट
5- PET स्कैन
पार्किसंस का इलाज
अभी तक पार्किसंस का कोई सटीक उपचार नहीं है कुछ थेरेपी की सहायता से कुछ हद तक इस बीमारी के लक्षणों को दूर किया किया जा सकता है। जैसे स्टेम सेल्स थेरेपी की सहायता से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।