जल को रखना है शुद्ध तो इस तरह के बर्तनों का करें इस्तेमाल

कहा जाता है कि जल ही जीवन है। अर्थात् जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। महज पानी की मदद से व्यक्ति कई तरह की गंभीर बीमारियों से निजात पा सकता है। अमूमन देखने में आता है कि लोग पानी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अलग−अलग तरह के बर्तनों का प्रयोग करते हैं। कभी तांबे के बर्तन तो कभी मिट्टी के घड़े का पानी पीने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आपको समझ में नहीं आता होगा कि वास्तव में किस बर्तन का पानी आपके लिए लाभदायक है। अगर आप सच में पानी का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं तो हमेशा मौसम में हिसाब से ही बर्तन का चयन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−
मिट्टी का मटका
मिट्टी का मटका गर्मियों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। दरअसल, इस मौसम में सामान्य तापमान का पानी भी काफी गर्म लगता है और इसे पीना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में लोग फ्रिज में पानी रखकर पीते हैं, लेकिन फ्रिज के पानी से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वहीं दूसरी ओर, मिट्टी के मटके में रखा पानी नेचुरल तरीके से पानी को ठंडा करता है। साथ ही इस पानी से आपको मिट्टी के तत्व भी प्राप्त होते हैं।
तांबे का बर्तन
तांबे के बर्तन में यूं तो हमेशा ही पानी पिया जा सकता है, लेकिन बारिश के मौसम में तांबे के बर्तन से पानी पीना अधिक लाभकारी माना गया है। दरअसल, इस मौसम में कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लग जाते हैं। लेकिन तांबे के बर्तन में पानी रखने से सभी अशुद्धियां व बैक्टीरिया खत्म होते हैं। साथ ही इस पानी के कारण आपके शरीर की कॉपर की कमी भी दूर होती है। इसके अतिरिक्त इस पानी के सेवन से पेट संबंधी परेशानियां दूर होती है। अगर आप शरीर की आंतरिक रूप से सफाई करना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
सोने का बर्तन
आमतौर पर घरों में ऐसा सोने का बर्तन नहीं पाया जाता, जिसमें पानी को रखा जा सके। लेकिन अगर आप सर्दी के मौसम में सोने के बर्तन का पानी पीते हैं तो इससे आपका शरीर गर्म रहता है और आप तनाव व अनिद्रा आदि समस्याओं से निजात पा जाते हैं। अगर आपके घर में सोने का बर्तन नहीं है तो आप किसी मिट्टी के बर्तन में सोने की कोई चीज डाल दें। इससे भी पानी में सोने के गुण आ जाएंगे।
मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।