HeatWave Advice: हीटवेव से बचने के लिए इन उपायों को करें फॉलो, नहीं पड़ेंगे बार-बार बीमार

  • अनन्या मिश्रा
  • Jun 21, 2024

HeatWave Advice: हीटवेव से बचने के लिए इन उपायों को करें फॉलो, नहीं पड़ेंगे बार-बार बीमार

गर्मियों में लगातार बढ़ते तापमान का असर हर किसी पर देखने को मिल रहा है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को रहता है। वहीं लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में आने से हीट स्ट्रोक का खतरा होता है। बता दें कि हीट स्ट्रोक तब होता है, जब शरीर का टेंपरेचर 105 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर होता है। इस दौरान शरीर तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता खो देती है।


बता दें कि हीटवेव के दौरान सुरक्षित रहने के लिए हाइड्रेशन पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उम्र के साथ ही प्यास का एहसास भी कम हो जाता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी या फिर इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक पीने की सलाह दी जाती है। अगर प्यास नहीं भी लग रही है फिर भी पानी पीते रहें। वहीं डायलिसिस पर रहने वालों को डॉक्टर की सलाह जरूर लेते रहना चाहिए। वहीं बॉडी को हाइड्रेट रखने के साथ ही गर्मियों में ढीले कपड़े पहनें। वहीं बिना वजह धूप में बाहर जाने से बचना चाहिए।


वहीं बढ़ती उम्र के साथ ही शरीर टेंपरेचर को कंट्रोल करने की क्षमता खोने लगता है। इसलिए टेंपरेचर में थोड़ी सी वृद्धि होने पर बुजुर्ग व्यक्तियों के सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। जिसकी वजह से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और तक कि भ्रम या चक्कर जैसी न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं यह उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित है।


इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति बीमारी से पीड़ित है, तो अधिक गर्मी में दवाइयों में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि एंटीडिप्रेसेंट और एंटीहिस्टामाइन जैसी दवाइयों के इस्तेमाल पर शरीर द्वारा तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता प्रभावित होती है। अधिक तापमान होने पर फिजिकल एक्टिविटी कम करनी चाहिए।


अत्यधिक गर्मी पड़ने पर बुजुर्गों को हीट स्ट्रोक और न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ शरीर तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता को खोता जाता है। वहीं उम्र बढ़ने के साथ तमाम तरह की हेल्थ प्रॉब्लम होने लगती है। हॉस्पिटल्स में मई और जून के महीनों में हीट स्ट्रोक और जल-जनित संक्रमणों से संबंधित मामले अधिक बढ़ जाते हैं। ऐसे में कुछ चीजों पर ध्यान देने से बुजुर्ग व्यक्ति इस मौसम में होने वाली समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।


हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस मौसम में बुजुर्गों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। गर्मी में बीमारियों के शुरूआती लक्षणों जैसे- कमजोरी, ज्यादा पसीना व चक्कर आने पर ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।  


गर्मियों के मौसम में शरीर का हाइड्रेट रहना बेहद जरूरी होता है। इसलिए पूरा दिन में बुजुर्गों को ढेर सारा पानी पीना चाहिए। वहीं यदि कोई किडनी व हार्ट की समस्या से पीड़ित है, तो आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं कि आपको पूरा दिन में कितना पानी पीना चाहिए। वहीं शराब व कैफीन का कम से कम सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह भी डिहाड्रेशन की वजह बन सकती है।


गर्मी के मौसम में शुगरी ड्रिंक्स और अल्कोहल पीना बंद कर दें, वहीं अधिक से अधिक समय घर पर या ठंडी जगह पर बिताएं। अगर आपके घर में एसी या कूलर आदि की सुविधा नहीं है। तो आप शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में दो बार नहा सकते हैं। डार्क कलर के कपड़ों को पहनने की बजाय हल्के और लाइट कलर के कपड़े पहनें। साथ ही सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें। अगर कोई जरूरी काम के चलते घर से बाहर जाना है तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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