फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज पढ़िए क्या है प्रधानमंत्री का फिट इंडिया मूवमेंट

  • Healthy Nuskhe
  • Sep 26, 2020

फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज पढ़िए क्या है प्रधानमंत्री का फिट इंडिया मूवमेंट

जैसा कि हम सभी इस बात से भलीभांति अवगत है की आज इंसान का जीवन एक नॉर्मल जीवन ना होकर एक भागा दौड़ी भरी जिंदगी बन चुकी हैं ऐसा इसलिए क्योंकि आज हर एक व्यक्ति अपनी जिंदगी को एक रेस ट्रैक की तरह समझ कर की तरह जी रहा है जिसमें उसे दूसरों से आगे निकलना हैं, उसे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से ज्यादा इस बात की चिंता है कि कहीं वह इस रेस में पीछे न छूट जाए। हम यह नहीं कह रहे कि इसमें कोई बुराई है पर कहीं ना कहीं इस रेस में हम अपने स्वास्थ्य को दरकिनार कर रहे हैं। आज हर एक व्यक्ति इतना बिजी हो गया है कि वह अपने शरीर को स्वस्थ और फिट बनाने के लिए कोई भी एक्स्ट्रा वर्क जैसे कि फिजिकल एक्सरसाइज, योगा या खेल आदि जैसा कुछ भी नहीं करना चाहता क्योंकि उसके पास यह सब करने का समय ही नहीं हैं और ना ही वह इसके लिए समय निकालने की कोशिश करना चाहता है। यह बात सत्य है कि आज भारत फिजिकल फिटनेस के मामले में बाकी देशों से पीछे हैं क्योंकि आज हमें हर एक काम करने में आलस आता है और यही सबसे बड़ा कारण है कि हम अपने व्यस्त जीवन के चलते अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं दे पाते जिसके परिणाम स्वरूप हम विभिन्न प्रकार की छोटी बड़ी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। देशवासियों के प्रति जागरूकता फैलाने और उन्हें फिट रहने के लिए प्रेरित करने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी क्योंकि जब तक हमारे देश का हर एक व्यक्ति जिसमें सभी बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं भी शामिल हैं फिट नहीं होंगे तब तक देश भी फिट नहीं बन सकता क्योंकि एक स्वस्थ देश की पहचान उसके नागरिकों से ही होती है, जब तक हर एक नागरिक स्वस्थ और फिट नहीं होगा तब तक वह अपने देश को हिट बनाने में अपना योगदान नहीं दे सकता। 


कैसे शुरू हुआ फिट इंडिया मूवमेंट? 


नरेंद्र मोदी जब वर्ष 2019 में एक बार फिर लोकसभा चुनाव जीत कर आए तो उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में हेल्दी इंडिया की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 29 सितंबर 2019 को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है के अवसर पर फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की और सभी देशवासियों से इस आंदोलन को एक अभियान बनाने के लिए आग्रह किया क्योंकि फिटनेस मात्र एक शब्द नहीं बल्कि स्वस्थ रहने और समृद्ध जीवन जीने की एक आवश्यक जरूरत है। फिट इंडिया मूवमेंट भारत में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है जो लोगों को उनके दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों को शामिल करके स्वस्थ और फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करता है।


आखिर क्यों पड़ी फिट इंडिया मूवमेंट की जरूरत? 


वैसे तो हमारे देश में कई सारे ऐसे प्रयोग चल रहे हैं जो हमें समय-समय पर स्वस्थ और फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं जैसे कि नेशनल स्पोर्ट्स डे, इंटरनेशनल योगा डे आदि। तो सवाल अब ये उठता है कि आखिर हमें एक अलग से मूवमेंट जैसे फिट इंडिया मूवमेंट की जरूरत क्यों पड़ी? वह इसलिए क्योंकि आज हम तकनी के भरोसे काम कर रहे हैं। आज हम अपने हर काम के लिए टेक्नोलॉजी पर निर्भर रहते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि एक तरफ जहां टेक्नोलॉजी आने से हमारा काम आसान हुआ है तो दूसरी तरफ इसने हमारी फिजिकल एक्सरसाइज यानी शारीरिक गतिविधियों को भी कम किया है। इस FIM के लॉन्च के दौरान प्रधानमंत्री ने इसका एक बहुत ही अच्छा उदाहरण दिया था जिसमें उन्होंने तकनीक के भरोसेमंद रहने वाले लोगों पर तंज कसते हुए कहा, "तकनीक ने हमारी ऐसी हालत कर दी है कि हम चलते कम हैं और गिनते ज्यादा हैं। तकनीक हमें गिनकर बताती है कि आज आप इतने स्टेप चले हैं, अभी इतने और स्टेप चलने हैं। कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। जीवन में शारीरिक गतिविधि सहज हुआ करती थी। समय बदला, तकनीक का दौर आया आया, आधुनिक साधन आए और हमारा चलना फिरना और मेहनत करना कम हो गया।" आज हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है जैसे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, सर्दी, जुखाम, खांसी आदि और यह सब लाइफ़स्टाइल डिजीज के अंतर्गत आती है। यह ऐसी बीमारियां होती हैं जिन्हें हम दवाई के जरिए तो ठीक कर ही सकते हैं पर इसके अलावा भी हमारे पास इनसे निजात पाने के लिए वह भी मुफ्त का एक सबसे बेहतर इलाज है वह है स्वस्थ रहना और अपनी फिटनेस पर ध्यान देना जो हम अपने दैनिक जीवन में कुछ समय निकालकर शारीरिक गतिविधियों या खेल आदि में शामिल होकर कर सकते हैं। इसी बदलाव को लाने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की गई। 


फिट इंडिया मूवमेंट की कुछ प्रमुख विशेषताएं


1.फिट इंडिया मूवमेंट एक “बहु-मंत्रालय प्रयास” है, जिसमें खेल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पंचायती राज, ग्रामीण विकास मंत्रालय शामिल हैं, जिसका उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन लाना और भारतीयों के दैनिक जीवन में बुनियादी फिटनेस प्रथाओं को पेश करना है। 


2.अभियान का एक विशेष ध्यान ग्रामीण भारत पर होगा जिसमें शारीरिक कल्याण और फिटनेस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।


3.मशहूर हस्तियों की भागीदारी के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम, शहरों में खेल गतिविधियों, और अभियान के दौरान इस तरह के अन्य कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर योग को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाएगा।


4.विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संबद्ध उच्च शिक्षण संस्थानों को फिटनेस के लिए खेल / व्यायाम / शारीरिक गतिविधियों को शामिल करने वाली एक संस्थागत फिटनेस योजना तैयार करने और लागू करने के लिए कहा है। आयोग ने संस्थानों को हर व्यक्ति को 10,000 कदम चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रेरित किया है।


5. UGC ने उन्हें UGC के "फिट इंडिया मूवमेंट पोर्टल" पर अपनी फिटनेस एक्शन योजनाओं को अपलोड करने के लिए भी कहा है।


6."फिट इंडिया मूवमेंट" पर सरकार को सलाह देने के लिए सरकारी अधिकारियों, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), राष्ट्रीय खेल संघों, निजी निकायों और फिटनेस प्रमोटर्स के सदस्यों वाली एक समिति बनाई गई है।


7.खेल मंत्री किरेन रिजिजू की अध्यक्षता में 28 सदस्यीय वाली एक समिति में सरकार के 12 सदस्य हैं, जिनमें खेल, माध्यमिक शिक्षा, आयुष, युवा मामलों के सचिव अन्य शामिल हैं। IOA अध्यक्ष और सात NSF प्रमुख जिनमें मुक्केबाजी, एथलेटिक्स, फुटबॉल और साइकिलिंग शामिल हैं, वह भी समिति का एक हिस्सा हैं।


8.विश्व बैडमिंटन चैंपियन पीवी सिंधु, स्प्रिंटर हेमा दास और प्रतिष्ठित पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई राष्ट्रीय खेल आइकन भी पीएम मोदी के इस अभियान से जुड़े हैं और लगातार लोगों में फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। 


9.पिछले साल इसकी शुरुआत के बाद से, फिट इंडिया मूवमेंट के तत्वावधान में फिट इंडिया फ्रीडम रन, पॉल्ग रन, साइक्लोथॉन, फिट इंडिया वीक, फिट इंडिया स्कूल सर्टिफिकेट और कई अन्य कार्यक्रमों के तहत विभिन्न छोटे बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।


10.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया मूवमेंट के अंतर्गत, 15 अगस्त, 2019 को आयोजित फिट इंडिया फ्रीडम रन में 2.5 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ विभिन्न आयोजनों में 3.5 करोड़ से अधिक भारतीयों की सामूहिक भागीदारी दर्ज की गई। 


फिट इंडिया मूवमेंट की पहली सालगिरह


24 सितंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में देशव्यापी ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समस्त देशवासियों से फिट इंडिया पर संवाद किया। फिट इंडिया मूवमेंट के 1 वर्ष पूरे होने पर इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के फिटनेस इनफ्लुएंर्स, फिटनेस  प्रेमियों और नागरिकों से बातचीत की जो देशवासियों को समय-समय पर फिट रहने के लिए प्रेरित करते रहते हैं, जो उनके फिटनेस रोल मॉडल हैं। इसी बीच नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट की पहली सालगिरह के अवसर पर ऑनलाइन 'फिट इंडिया डायलॉग फिटनेस प्रोटोकॉल' को 'फिट इंडिया डायलॉग' 2020 के दौरान लॉन्च किया। पीएम मोदी ने फिटनेस प्रेमियों और कई हस्तियों से इस बीच  साक्षात्कार किया। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने फिटनेस प्रेमियों और कई हस्तियों से इस बीच फिट इंडिया  पर संवाद किया जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, मॉडल और एविड रनर मिलिंद सोमन, पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर, पैरालिंपियन देवेंद्र झाझरिया के अलावा जम्मू-कश्मीर की एक जानी मानी महिला फुटबॉलर अफशां आशिक भी थी और अन्य फिटनेस प्रभावितों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी से उनके फिटनेस राज को जानने की कोशिश करी, सभी दिग्गजों ने फिटनेस पर अपने अनुभव को देशवासियों से साझा किया और इसी बीच पीएम ने भी अपने आपको को फिट रखने की एक रेसिपी बताई। उन्होंने बताया कि वे जब छोटे थे तब मोरिंगा (ड्रमस्टिक वृक्ष) के पराठे बनाकर खाते थे जो वे आज भी सप्ताह में एक दो बार खा लिया करते हैं। पीएम ने अपने ट्विटर हैंडल पर विख्यात फिटनेस उत्साही लोगों के साथ इस खास बातचीत का एक वीडियो भी साझा किया। इस कार्यक्रम पर PMO का भी एक आधिकारिक बयान सामने आया जिसमें कहा गया कि, "COVID -19 के समय में, फिटनेस जीवन का एक और भी महत्वपूर्ण पहलू बन गया है और इस संवाद में पोषण, कल्याण और फिटनेस के विभिन्न पहलुओं पर एक समय पर और फलदायी बातचीत दिखाई देगी।" कार्यक्रम के दौरान पीएम देश को बताते हैं, "स्वस्थ हैं तभी भाग्य हैं, सफलता हैं।" मानसिक स्वास्थ्य और एक शांतिपूर्ण दिमाग के महत्व के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि "जैसे एक साउंड बॉडी में साउंड माइंड  रहता है, उसी प्रकार साउंड माइंड के पूरक के रूप में साउंड बॉडी का होना भी जरूरी हैं।" आगे उन्होंने कहा आमतौर पर, हमारे माता-पिता हमें सभी अच्छी आदतें सिखाते हैं। लेकिन फिटनेस के लिए, प्रवृत्ति थोड़ा उलट गई है। अब युवा अपने माता-पिता को एक फिट जीवन शैली पाने में मदद करने का बीड़ा उठा रहे हैं। पीएम मोदी ने एक हेल्थी इंडिया और फिट इंडिया की जरूरत के लिए एक बहुत ही अच्छी बात कही भारत जितना 'फिट' होगा उतना ही 'हिट' बनेगा। मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट के एक वर्ष पूर्ण होने पर देश के सभी नागरिकों से फिटनेस और शारीरिक गतिविधि को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। खासकर इस महामारी के अभूतपूर्व समय में 'फीटनेस की डोज़, अधा घंटा रोज' के फिटनेस मंत्र के साथ, पीएम मोदी ने एक स्वस्थ शरीर और दिमाग के महत्व को स्पष्ट किया। हर भारतीय को कोई न कोई गेम खेलना चाहिए या कुछ फिटनेस एक्टिविटी करनी चाहिए चाहे वो टेनिस हो, बैडमिंटन, कबड्डी, योगा हो आदि। हमें अपने व्यस्त जीवन से केवल आधे घंटे के लिए इन शारशारीरिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए। पीएम मोदी ने एक परिवार के रूप में एक साथ रहने की आवश्यकता का आग्रह किया और इसके लाभ को गिनाते हुए कहा, "जो परिवार एक साथ खेलता है, वो एक साथ रहता है।" इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने विराट कोहली को अपने व्यस्त IPL शेड्यूल से समय निकालने के लिए धन्यवाद किया। कोहली ने फिटनेस के महत्व के बारे में बात की और उन्होंने खुद फिटनेस को अपनी प्राथमिकता बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए देशवासियों के साथ अपनी राय साझा की। इसी बीच पीएम मोदी ने विराट से पूछ लिया कि यह यो-यो टेस्ट क्या है? जिसके जवाब में कोहली ने कहा कि भारत का फिटनेस इंडेक्स कम था और अभी भी कम है और फिट रहना दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। वह बताते हैं कि इस फिटनेस टेस्ट के कारण टेस्ट टीम की मदद की जा रही है जिससे वह महत्वपूर्ण क्षणों में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। मोदी से वार्तालाप के दौरान स्वामी शिवध्यानम सरस्वती योग के साथ अपनी खुद की यात्रा के बारे में बात करते हैं। वह बताते है कि कैसे योग ध्यान केंद्रित करने और अपने शरीर के साथ जुड़ने में मदद करता है। पीएम मोदी से रुजुता दिवेकर 'वोकल फॉर लोकल' के महत्व पर जोर देती है क्योंकि यह न केवल भारत के आर्थिक उत्थान में मदद कर सकता है बल्कि उनके स्वास्थ्य में भी मदद कर सकता है। प्रधानमंत्री ने अभिनेता और फिटनेस लवर मिलिंद सोमन से उनकी वास्तविक उम्र के बारे में भी मजाक किया। संवाद के दौरान मिलिंद सोमन ने पीएम से कहा कि उन्हें फिट रहने के लिए ज्यादा जरूरत नहीं है क्योंकि अगर आप खुद की मानसिक प्रेरणा से प्रभावित हैं तो आप उसके सहारे फिट रह सकते हैं। साथ ही उन्होंने अपनी मां के बारे में बताया जो 81 साल की उम्र में भी एक एथलीट और रनर है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की फुटबॉलर अफशां आशिक की यात्रा की तारीफ भी की। बातचीत के दौरान अफशां बताती हैं कि कैसे भारत में घरेलू जीवन में भी एक महिला के रूप में फिटनेस कितनी महत्वपूर्ण है। भारतीय पैरालम्पिक चैंपियन देवेंद्र झाझरिया ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित करने की अपनी यात्रा का वर्णन किया। साथ ही उन्होंने भारत के हर घर तक पहुंचने के लिए पीएम मोदी के फिट इंडिया आंदोलन पर जोर दिया।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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