Health Tips: सिर्फ मोटापे से नहीं, पतले लोगों को भी जकड़ रहा फैटी लिवर, डॉक्टर की सलाह, ऐसे करें बचाव
- अनन्या मिश्रा
- Dec 31, 2025

ज्यादातर लोग मानते हैं कि फैटी लिवर सिर्फ मोटापे या खराब लाइफस्टाइल वाले लोगों को होता है। लेकिन सच्चाई यह है कि कई बार बिल्कुल फिट दिखने वाले लोग भी फैटी लिवर का शिकार बन जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो पतले या सामान्य वजन वाले लोगों में भी नॉन-ओबेस फैटी लिवर काफी तेजी से बढ़ रहा है। यह इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि ऐसे लोग इस समस्या को पहचान नहीं पाते हैं। जिस कारण यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती है।
फिट दिखना अंदरूनी सेहत का संकेत नहीं
सबसे बड़ी वजह यह है कि फिट दिखना हमेशा अंदरूनी सेहत का संकेत नहीं होता है। कुछ लोग बाहर से दुबले-पतले दिखाई देते हैं, लेकिन उनके शरीर में विजरल फैट का मात्रा ज्यादा होती है। यह छिपा हुआ फैट लिवर में जाकर ट्राइग्लिसराइड्स जमा करता है। फिर धीरे-धीरे यह फैटी लिवर का रूप ले लेता है। इसके अलावा असंतुलित खानपान, नींद की कमी, जेनेटिक फैक्टर, कम प्रोटीन और उच्च कार्ब डाइट, हल्की-फुल्की शारीरिक एक्टिविटी और बार-बार बाहर के खाने की भी प्रमुख भूमिका होचती है।
कई बार फिट लोग स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या कार्डियो करते हैं, लेकिन उनकी डाइट में फ्राइड फूड, शुगर और प्रोसेस्ड आइटम्स शामिल होता है। जोकि लिवर पर सीधा असर डालती है। वहीं पतले लोगों में एल्कोहल सेवन भी फैटी लिवर का आम कारण है। भले ही शरीर फिट दिखे, लेकिन नियमित शराब का सेवन लिवर में फैट जमा करती है और सूजन बढ़ाकर फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ाती है। इस तरह से इंसुलिन रेसिस्टेंस, थायरॉयड असंतुलन और पीसीओएस जैसी स्थिति दुबले-पतले लोगों में फैटी लिवर की वजह बन सकती है।
बचाव
सबसे पहले हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए। फिर चाहे वह कितना भी हेल्दी और फिट क्यों न दिखता हो। साथ ही डाइट में शुगर युक्त पेय, रिफाइंड कार्ब्स, जंक फूड और डीप फ्राइड स्नैक्स का कम रखें। फल, प्रोटीन, हरी सब्जियां, ओमेगा 3 और फाइबर युक्त भोजन लें। रोजाना कम से कम 30-40 मिनट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, ब्रिस्क वॉक जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह एक्सरसाइज लिवर में जमे फैट को घटाता है। इसके अलावा तनाव कम करें, शराब का सेवन न्यूनतम रखें और नींद पूरी लें।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।