सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल है खतरनाक, हो सकता है डिप्रेशन और एंग्जायटी

आजकल चाहे बच्चे हों या बड़े हों, हर किसी की लाइफ में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की अहमियत बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। सुबह उठने के बाद से लेकर रात को सोने तक, हर कोई बस सोशल मीडिया पर बीजी रहता है। हर किसी को सोशल मीडिया पर फोटो और स्टेटस अपडेट का ऐसा चस्का है लग गया है कि अब हम ज़िंदगी को एन्जॉय करने की बजाय सोशल मीडिया के लिए फोटो खींचने में ज़्यादा बिजी रहते हैं। रिसर्च में पता चला है कि जो लोग सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं का शिकार होने का खतरा अधिक होता है। सोशल मीडिया के ज़्यादा इस्तेमाल से कई तरह की मानसिक समस्याएं बढ़ने लगती हैं। आज के इस लेख में बताएंगे कि सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल हमारी मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है -
बढ़ता है अकेलापन
अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक सोशल मीडिया के ज़्यादा इस्तेमाल से हम अपनी रियल लाइफ से अलग होने लगते हैं। इससे एंग्जायटी, अकेलापन और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ बढ़ने लगती हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सोशल मीडिया के ज़्यादा इस्तेमाल से हम अपने करीबी लोगों से ज़्यादा बातचीत नहीं कर पाते हैं जिसका हमारी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर होता है।
तुलना से बढ़ती है निराशा
एक रिसर्च में पाया गया कि लोग सोशल मीडिया पर मौजूद अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या अनजान लोगों से अपनी तुलना करने लगते हैं। जिससे उन्हें लगता है कि उनकी लाइफ दूसरों से कम अच्छी है। इससे लोग खुद को दूसरों से कम आंकने लगते हैं जिससे वे निराशा का शिकार हो जाते हैं।
लाइक्स और कमेंट्स से बढ़ती एंग्जायटी
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजीटल मार्केटर और बिजनेस वुमेन बेली पार्नेल ने TED Talk में सोशल मीडिया और मेंटल हेल्थ के बारे में बताया कि आज के समय में लोग सोशल मीडिया पर लाइक्स और कमेंट्स से ही खुद की लाइफ को जज करते हैं। सोशल मीडिया पर फोटो या स्टेटस अपडेट करते ही हम लाइक्स और कमेंट्स के बारे में सोच-सोच कर बेचैन हो जाते हैं। इससे हमारा मेन्टल प्रेशर बढ़ता है और एंग्जायटी होने लगती है।
पीछे छूट जाने का डर
बेली के मुताबिक लोगों को सोशल मीडिया पर इस बात का डर रहता है कि कहीं उनसे कोई ट्रेडिंग टॉपिक मिस तो नहीं हो गया। जब हम सोशल मीडिया पर लोगों को कोई ट्रेंड फॉलो करते देखते हैं तो इससे हमारा मेन्टल प्रेशर बढ़ता है। इसे फियर ऑफ मिसिंग आउट कहा जाता है।
साइबर बुलिंग
कई बार लोगों को सोशल मीडिया पर साइबर बुलिंग का शिकार होना पड़ता है। साइबर बुलिंग का मतलब है कि इंटरनेट पर किसी को धमकाना या अश्लील संदेश देना और परेशान करने की कोशिश करना। अक्सर हम सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करते हैं और उनसे अपनी पर्सनल बातें शेयर करते हैं। लेकिन कई बार लोगों को उनके जान-पहचान या ऑनलाइन फ्रेंड्स से ही ऑनलाइन हैरेसमेंट का शिकार होना पड़ता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।